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राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, हंगामें भरा रहा सत्र

Rishi
Published on: 11 Aug 2017 9:11 PM IST
राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, हंगामें भरा रहा सत्र
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नई दिल्ली : राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार को सभापति एम. वेंकैया नायडू ने अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। ऊपरी सदन के 243वें सत्र की शुरुआत 17 जुलाई को हुई, जिसमें 19 बैठकें हुई और 80 घंटे से अधिक समय तक कार्यवाही चली।

सदन में व्यवधानों की वजह से हुई करीब 25 घंटों की बर्बादी को समायोजित करने के लिए सदन की बैठक सात घंटे अधिक चली और विधायी कार्य पूरे किए गए।

राज्यसभा भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या की घटनाओं, दलितों व मुस्लिमों पर अत्याचार व गोरक्षकों की हिंसा के मुद्दे को लेकर बाधित हुई।

राज्यसभा में किसानों व खेती के संकट, गुजरात के कांग्रेसी विधायकों की खरीद-फरोख्त, 500 रुपये के नोटों के आकार, कर्नाटक में मंत्री के यहां आयकर के छापों व मुगलसराय रेलवे स्टेशन के नाम बदलने व कुछ अन्य मुद्दों को लेकर हंगामा हुआ।मानसून सत्र के दौरान सदन ने नौ सरकारी विधेयकों को पारित किया। इसमें फुटवेयर डिजाइन एवं डेवलेपमेंट इंस्टीट्यूट विधेयक, नौसेना (नौसैनिक दावों के निपटान व अधिकार क्षेत्र) विधेयक, सांख्यिकी संग्रह (संशोधन) विधेयक व राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान व विज्ञान शिक्षा व अनुसंधान (संशोधन) विधेयक शामिल हैं।

ऊपरी सदन द्वारा पारित किए गए दूसरे विधेयकों में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (सार्वजनिक-निजी साझेदारी) विधेयक, संविधान (123वें संशोधन) विधेयक, बच्चों की मुफ्त व जरूरी शिक्षा का अधिकार विधेयक, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) विधेयक और बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक शामिल है।

मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2017 को राज्य सभा की प्रवर समिति को भेजा गया।

फाइनेंशियल रिजोल्यूशन व डिपोजिट इंश्योरेंशन विधेयक 2017 को दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजा गया। इसके अलावा तीन सरकारी विधेयकों को वापस ले लिया गया।

इस सत्र के दौरान गोवा व मध्य प्रदेश से चुने गए दो नए सदस्यों क्रमश: विनय दीनू तेंदुलकर व संपतियां उइके सदन में शामिल हुए।

मानसून सत्र के दौरान बसपा प्रमुख मायावती व भाजपा के एम. वेंकैया नायडू ने राज्यसभा से इस्तीफा दिया।

सदन ने 11 पूर्व सदस्यों सहित राज्यसभा के मौजूदा सदस्यों अनिल माधव दवे, पलवी गोवर्धन रेड्डी के निधन पर शोक व्यक्त किया।

राज्यसभा में भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा की गई। इस मौके पर कई दलों के नेताओं ने अपने विचार रखे और सदन ने सर्वसम्मति से एक संकल्प पारित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सदन के सदस्यों ने उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी व गुजरात व पश्चिम बंगाल के नौ प्रतिनिधियों को विदाई दी, जिनका कार्यकाल 18 अगस्त को समाप्त हो रहा है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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