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Rajya Sabha Election: पुराने ब्राम्हण-मुस्लिम वोट बैंक को साधने में लगी कांग्रेस, SP-BJP में दिखा ये समीकरण

Rajya Sabha Election 2022 : राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस (Congress) ने यूपी के तीन नेताओं को प्रत्याशी घोषित किया है जिनमें दो ब्राह्मण और एक मुस्लिम नेता शामिल हैं।

Bishwajeet Kumar
Written By Bishwajeet Kumar
Published on: 30 May 2022 10:18 AM IST
Rajya Sabha Election 2022
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Congress in Rajya Sabha Election 2022 (Image Credit : Social Media)

Rajya Sabha Election 2022 : राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों का लगभग घोषणा कर दिया है। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) अपने पुराने वोट बैंक मुस्लिम-ब्राह्मणों की ओर एक बार फिर जाती दिख रही है। हाल ही में यूपी विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के तीन नेताओं को अन्य राज्यों से राज्यसभा (Congress Rajya Sabha Candidate List) भेजने का फैसला किया है। अपने पुराने मुस्लिम और ब्राह्मण वोट बैंक को साधने के लिए कांग्रेस ने जिन तीन नेताओं को राज्यसभा का टिकट दिया है उनमें, प्रमोद तिवारी (Pramod Tiwari) और राजीव शुक्ला (Rajiv Shukla) ब्राह्मण चेहरे के रूप में, वहीं मुस्लिम चेहरे के रूप में इमरान प्रतापगढ़ी (Imran Pratapgarhi) को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है।

यूपी के नेताओं के जरिए ब्राम्हण मुस्लिम वोट बैंक को साध रही कांग्रेस

राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने राज्यसभा की 10 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का घोषणा कर दिया है। कांग्रेस द्वारा जारी उम्मीदवारों के लिस्ट में सबसे दिलचस्प बात उत्तर प्रदेश से सामने आयी। जहां उत्तर प्रदेश के कोटे में राज्यसभा की एक भी सीट ना होने के बावजूद कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश को महत्वता देते हुए प्रदेश के 3 बड़े नेताओं को दूसरे राज्य से राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट में उत्तर प्रदेश से दो ब्राम्हण उम्मीदवार तथा एक मुस्लिम उम्मीदवार के नाम का घोषणा किया गया है। इन उम्मीदवारों में पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी को पार्टी ने राजस्थान से उम्मीदवार बनाया है, वहीं पार्टी के पूर्व सांसद राजीव शुक्ला को कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ से टिकट दिया है। इसके अलावा यूपी में कांग्रेस के जाने-माने मुस्लिम चेहरे इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से कांग्रेस पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस पार्टी के इस फैसले को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्यसभा चुनाव के जरिए कांग्रेस अपने पुराने वोट बैंक ब्राम्हण और मुस्लिमों को अपने पक्ष में करने की प्रयास कर रही है।

कौन हैं राजीव शुक्ला?

राजीव शुक्ला उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में कांग्रेस पार्टी के एक बड़े ब्राम्हण चेहरे के रूप में जाने जाते हैं। साल 1959 में 13 सितंबर को उत्तर प्रदेश के कानपुर में जन्मे राजीव शुक्ला के पिता का नाम राम कुमार शुक्ला और माता का नाम शांति देवी शुक्ला है। राजीव शुक्ला ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गृह जनपद कानपुर में ही पूरी की, साथ ही उन्होंने कानपुर विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल करने के बाद पत्रकारिता जगत में अपना कदम रखा। पत्रकारिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने का राजीव शुक्ला के पास दो कारण था पहला उनके घर में उनके बड़े भाई पत्रकारिता के क्षेत्र में पहले से कार्यरत हैं वही राजीव शुक्ला का विवाह भी पत्रकारिता और टीवी की दुनिया में रुचि रखने वाली अनुराधा प्रसाद से साल 1988 में हुआ था।

पत्रकारिता के क्षेत्र में राजीव शुक्ला ने करीब 15 सालों तक काम किया, इस दौरान वह कई पत्रिका, टीवी चैनल तथा अखबारों में काम करते रहें। पत्रकारिता के क्षेत्र के साथ राजीव शुक्ला ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जरिए अपना राजनीतिक सफर शुरू किया साल 2000 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा में अखिल भारतीय लोग कांग्रेस पार्टी की ओर से सदस्य बनाया गया। हालांकि की साल 2003 में कांग्रेस पार्टी में राजीव शुक्ला के पार्टी का विलय होने के बाद उन्हें पहली बार प्रवक्ता बनाया गया। इसके बाद ऑल इंडिया कांग्रेस पार्टी के सचिव के रूप में राजीव शुक्ला को 2006 में कार्यभार सौंपा गया। राजीव शुक्ला का राजनीतिक जीवन कई बार विवादों में भी रहा, संसदीय कार्य मंत्री रहते हुए उन पर आरोप लगा कि उन्होंने मुंबई में सस्ती दर पर जमीनें खरीदी है। वर्तमान में राजीव शुक्ला कांग्रेस पार्टी के एक बड़े चेहरे के रूप में उभर चुके हैं पार्टी ने उन्हें छत्तीसगढ़ से राज्यसभा भेजने का फैसला किया है।

कौन हैं प्रमोद तिवारी?

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी का नाम पूरे देश में एक बड़े ब्राह्मण नेता के रूप में जाना जाता है। साल 1951 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में जन्मे प्रमोद तिवारी एक किसान परिवार से हैं। प्रमोद तिवारी का राजनीतिक सफर साल 1980 में शुरू हुआ। प्रमोद तिवारी लगातार 34 सालों से उत्तर प्रदेश के (प्रतापगढ़ जनपद) रामपुर खास विधानसभा सीट से विधायक रहे। प्रमोद तिवारी के शख्सियत का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है वह लगातार 10 बार एक ही सीट पर विधायक के तौर पर जीत दर्ज करते आए हैं। साल 2014 में उन्हें निर्विरोध राज्यसभा का सदस्य चुना गया इसके बाद उन्होंने अपनी विधानसभा सीट बेटी आराधना मिश्रा को सौंप दी। भारतीय जनता पार्टी के बड़ी लहर में भी प्रमोद तिवारी का जलवा जारी रहा और उनकी बेटी 2014 से दो बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं और अब प्रमोद तिवारी को कांग्रेस पार्टी राजस्थान से राज्यसभा भेज रही है।

कौन हैं इमरान प्रतापगढ़ी?

कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी उर्फ मोहम्मद इरफान खान उत्तर प्रदेश और देश में एक बड़े मुस्लिम नेता के तौर पर जाने जाते हैं। साल 1987 में इमरान खान का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद में हुआ था। इमरान प्रतापगढ़ी अपने मुशायरा और शायरियों के लिए बहुत ही ज्यादा चर्चित हैं। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से हिंदी की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने शायरी और कविता लिखने में अपना रुचि दिखाना शुरू कर दिया। पेशे से डॉक्टर इमरान प्रतापगढ़ी उर्दू और हिंदी दोनों भाषाओं में एक जाने-माने शायर माने जाते हैं। इमरान प्रतापगढ़ी का नाम सियासत में तब हुआ जब साल 2018 में राहुल गांधी से उनकी मुलाकात हुई। उस वक्त राहुल और इमरान के मुलाकात का समय महज 25 मिनट तय किया गया था मगर यह बैठक डेढ़ घंटे से अधिक वक्त तक चली। इसके बाद साल 2019 में कांग्रेस पार्टी ने राज बब्बर की जगह लोकसभा चुनाव में इमरान प्रतापगढ़ी को अपना उम्मीदवार बनाया और अब पार्टी उन्हें महाराष्ट्र से राज्यसभा भेज रही है।

भाजपा ने जारी की राज्यसभा उम्मीदवारों की लिस्ट

आगामी राज्यसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है इस लिस्ट में सबसे खास बात यह रही कि भाजपा ने अपने सहयोगी दलों को कोई तवज्जो नहीं दिया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट काटे गए दो बहुचर्चित चेहरे डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल और संगीता यादव को बीजेपी ने राज्यसभा भेजने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश बीजेपी के दिग्गज नेता लक्ष्मीकांत बाजपेई को भी भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा भेजने का ऐलान किया है। इन सबके अलावा बीजेपी ने अपने सभी जातिगत समीकरणों को साधने हुए सुरेंद्र सिंह नागर, दर्शना सिंह और बाबूराम निषाद को भी राज्यसभा भेजने का ऐलान किया है।

सपा ने केवल एक मुस्लिम चेहरे को दिया टिकट

समाजवादी पार्टी ने भी राज्यसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों का नाम तय कर लिया है। हाल ही में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और देश के जाने-माने वकील कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजने में अपना समर्थन देने का ऐलान किया वही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सहयोगी दल राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी को भी समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। इस चुनाव में सपा ने महज एक मुस्लिम चेहरे को अपना उम्मीदवार बनाया है मुस्लिम चेहरे के रूप में सपा की ओर से जावेद अली का नाम तय किया गया है। हालांकि अभी 34 सीट पर समाजवादी पार्टी की ओर से उम्मीदवार को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है माना जा रहा कि इस सीट पर डिंपल यादव या किसी और हेवीवेट नेता को उम्मीदवार बनाया जा सकता है।



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