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Rajya Sabha Election: दो विधायकों वाले यूपी से कांग्रेस के तीन नेताओं को टिकट, बाहरी उम्मीदवार का मुद्दा गरमाया
Rajya Sabha Election 2022 : कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा चुनाव को लेकर अपने उम्मीदवारों का घोषणा कर दिया है। इस चुनाव के लिए कांग्रेस ने यूपी के तीन नेताओं को राज्यसभा के लिए टिकट दिया है।
Rajya Sabha Election 2022 : उत्तर प्रदेश में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस (Congress) सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी मगर राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Chunav) में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के तीन नेता पार्टी का टिकट पाने में कामयाब हुए हैं। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस राज्यसभा की एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं है। इसलिए इन नेताओं को दूसरे प्रदेशों से चुनावी अखाड़े में उतारा गया है। इसे लेकर पार्टी में सवाल भी उठने लगे हैं। इन प्रदर्शनों में बाहरी उम्मीदवार का मुद्दा गरमाने लगा है।
कांग्रेस की ओर से रविवार को जारी राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची में उत्तर प्रदेश के तीन नेताओं प्रमोद तिवारी (Pramod Tiwari), राजीव शुक्ला (Rajiv Shukla) और इमरान प्रतापगढ़ी (Imran Pratapgarhi) के नाम शामिल हैं। इन नेताओं को जिन प्रदेशों से चुनाव लड़ने की घोषणा की गई है, वहां पर बाहरी उम्मीदवार का मुद्दा भी उठने लगा है।
कांग्रेस को यूपी में मिलीं सिर्फ 2 सीटें
उत्तर प्रदेश विधानसभा के हाल में हुए चुनाव में कांग्रेस को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की तमाम कोशिशों के बावजूद पार्टी सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। प्रतापगढ़ जिले की रामपुर खास सीट से आराधना मिश्रा मोना और महाराजगंज जिले की फरेंदा सीट से वीरेंद्र चौधरी कांग्रेसी उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीते थे। इसके बावजूद पार्टी के उत्तर प्रदेश से जुड़े तीन नेताओं को राज्यसभा चुनाव में उतारने की घोषणा की गई है।
पार्टी की ओर से घोषित सूची के अनुसार प्रमोद तिवारी को राजस्थान, राजीव शुक्ला को छत्तीसगढ़ और इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से चुनाव मैदान में उतारा गया है। उल्लेखनीय है कि रामपुर खास से चुनाव जीतने वाली आराधना मिश्रा मोना प्रमोद तिवारी की ही बेटी हैं। रामपुर खास से आराधना की जीत में पार्टी से ज्यादा उनकी व्यक्तिगत ताकत की भूमिका रही है।
बाहरी उम्मीदवारों पर उठने लगे सवाल
राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं मगर इन दोनों ही राज्यों में कांग्रेस ने सिर्फ बाहरी उम्मीदवारों को ही चुनाव मैदान में उतारा है। राजस्थान के कांग्रेस नेता संयम लोढ़ा ने प्रदेश से बाहरी उम्मीदवारों को ही चुनाव लड़ाने पर सवाल भी उठाए हैं। छत्तीसगढ़ में भी बाहरी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाने के खिलाफ असंतोष के स्वर फूटते दिख रहे हैं। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि पार्टी इस असंतोष को दबाने में कहां तक कामयाब हो पाती है।
दरअसल राजस्थान, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ तीनों राज्यों में कई स्थानीय नेता भी राज्यसभा टिकट के लिए दावेदारी जता रहे थे मगर कांग्रेस नेतृत्व ने इन नेताओं की दावेदारी को नजरअंदाज करते हुए यूपी के तीन नेताओं को तीन राज्यों से चुनाव मैदान में उतारने का फैसला लिया। यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि जब उत्तर प्रदेश के नेता अपने ही राज्यों में पार्टी के लिए कुछ नहीं कर सके तो दूसरे राज्यों में उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है।
नेतृत्व के फैसले पर हैरानी
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सियासी ताकत लगातार घटती जा रही है। 2012 के विधानसभा चुनाव में पार्टी 28 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी मगर 2017 में पार्टी की सीटों की संख्या घटकर 7 पर पहुंच गई थी। 2022 में तो पार्टी का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था।
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी की लगातार सक्रियता के बावजूद पार्टी सिर्फ 2 सीटों पर ही जीत हासिल करने में कामयाब रही। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत तमाम दिग्गज नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा। ऐसे में प्रदेश से जुड़े पार्टी के तीन नेताओं को राज्यसभा का टिकट मिलने पर हैरानी जताई जा रही है। पार्टी में यह चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर इन नेताओं किस काम का इनाम देकर राज्यसभा भेजने का फैसला किया गया है।