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Rajya Sabha Election 2022: चार राज्यों की 16 सीटों पर चुनाव आज, क्रॉसवोटिंग की आशंका, आयोग भी सतर्क
Rajya Sabha Election 2022: कई राज्यों में विधायक आज मतदान करने के लिए होटलों से बाहर निकलेंगे। विधायकों में सेंधमारी रोकने के लिए उन्हें कई दिनों से होटल में रखा गया है।
Rajya Sabha Election 2022: चार राज्यों की 16 राज्यसभा सीटों (Rajya Sabha Election 2022) पर आज होने वाले मतदान में जबर्दस्त गहमागहमी दिख रही है। राज्यसभा चुनाव के लिए आज जिन राज्यों में मतदान होना है उनमें महाराष्ट्र (Maharashtra) , राजस्थान (Rajasthan), हरियाणा (Haryana)और कर्नाटक (Karnataka) शामिल हैं। मजे की बात यह है कि चारों राज्यों की 16 सीटों पर कड़ा मुकाबला दिख रहा है। भाजपा (BJP) ने कांग्रेस (Congress) और अन्य दलों की मजबूत घेराबंदी कर रखी है।
कई राज्यों में विधायक आज मतदान करने के लिए होटलों से बाहर निकलेंगे। विधायकों में सेंधमारी रोकने के लिए उन्हें कई दिनों से होटल में रखा गया है। हालांकि होटलों में रखे जाने के बावजूद विधायकों में सेंधमारी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। कड़ा मुकाबला होने के कारण पक्ष और विपक्ष दोनों खेमों ने जबर्दस्त तैयारी कर रखी है। माना जा रहा है कि आखिरी समय में भी कुछ विधायकों में उठापटक दिख सकती है। दूसरी और चुनाव आयोग भी खासा सतर्क है। आयोग की ओर से इन राज्यों में विशेष पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है।
महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना में घमासान
महाराष्ट्र में 6 सीटों पर होने वाले चुनाव में 7 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं। कांग्रेस, शिवसेना, एनसीपी के पास एक-एक सीट जीतने की क्षमता है जबकि भाजपा अपने दम पर दो सीट जीतने की स्थिति में है। राज्य में शिवसेना ने 2 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं जबकि भाजपा ने तीन प्रत्याशी उतारकर शिवसेना को कड़ी चुनौती देने की कोशिश की है।
महाराष्ट्र की छठी सीट के लिए भाजपा और शिवसेना के बीच जबर्दस्त जोर आजमाइश हो रही है। शिवसेना ने भाजपा पर खरीद-फरोख्त की कोशिशों का आरोप लगाया है। दूसरी ओर भाजपा का दावा है कि उसे तीनों सीटों पर जीत हासिल होगी। इस बीच मुंबई की एक अदालत के फैसले से महाविकास अघाड़ी गठबंधन को जबर्दस्त झटका लगा है। अदालत के फैसले के मुताबिक पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख और मंत्री नवाब मलिक राज्यसभा चुनाव में मतदान नहीं कर सकेंगे।
राजस्थान में कड़ा मुकाबला
राजस्थान में राज्यसभा की 4 सीटों के बीच हो रहे चुनाव में भी जबर्दस्त जोड़-तोड़ दिख रही है। यहां कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को चुनाव मैदान में उतारा है। तीनों प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस को 123 वोटों की जरूरत है। भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी को प्रत्याशी बनाया है। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सुभाष चंद्रा ने नामांकन दाखिल करके मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।
भाजपा की ओर से सुभाष चंद्रा का समर्थन किया जा रहा है। सुभाष चंद्रा लगातार कांग्रेस खेमे में सेंधमारी की कोशिश में जुटे हुए हैं। उनका दावा है कि सत्ता पक्ष के नाराज विधायकों का उन्हें समर्थन हासिल होगा। चुनाव में जीत हासिल करने के लिए दोनों पक्षों ने जबर्दस्त मोर्चाबंदी कर रखी है।
हरियाणा में फंसी माकन की सीट
हरियाणा में राज्यसभा की 2 सीटों के लिए तीन प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस ने यहांअजय माकन को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा की ओर से कृष्णपाल पवार चुनाव मैदान में उतरे हैं मगर निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।
शर्मा को भाजपा के अलावा जजपा के 10 विधायकों का भी समर्थन हासिल है। कांग्रेस में कुलदीप विश्नोई समेत तीन विधायक नाराज बताए जा रहे हैं। ऐसे में कार्तिकेय शर्मा अजय माकन के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। चर्चा है कि पार्टी के 3 विधायकों ने अपने सारे विकल्पों खोल रखे हैं। इस कारण राज्य में क्रॉसवोटिंग की आशंका जताई जा रही है।
कर्नाटक में जबर्दस्त लॉबिंग
कर्नाटक में राज्यसभा की 4 सीटों के लिए कड़ा मुकाबला हो रहा है। यहां कांग्रेस ने पार्टी के प्रदेश महासचिव मंसूर अली को अपना दूसरा उम्मीदवार बनाया है। दूसरी ओर भाजपा ने मौजूदा एमएलसी लहर सिंह को अपना तीसरा उम्मीदवार बनाकर पेंच फ॔सा दिया है। राज्य में एक सीट पर जीत हासिल करने के लिए 45 मतों की जरूरत है और कांग्रेस के पास 70 विधायक हैं। ऐसे में कांग्रेस को दोनों उम्मीदवारों की जीत के लिए 20 अतिरिक्त मतों की जरूरत है।
कर्नाटक में भाजपा के पास 121 विधायक हैं। पार्टी को अपने तीनों उम्मीदवारों को जीत के लिए 14 अतिरिक्त मतों की आवश्यकता है। 32 विधायकों वाली जेडीएस ने कुपेंद्र रेड्डी को चुनाव मैदान में उतारा है। रेड्डी की जीत के लिए जेडीएस को 13 और वोट चाहिए। इस कारण सभी दलों की ओर से जबर्दस्त लॉबिंग की जा रही है।
चुनाव आयोग भी सतर्क
इन चारों राज्यों में खरीद-फरोख्त की कोशिशों को देखते हुए चुनाव आयोग भी सतर्क हो गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कहना है कि इन चारों राज्यों में विशेष पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। आयोग की ओर से पूरी चुनाव प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।