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Rajya Sabha Election: झारखंड में राज्यसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन में घमासान, सोरेन के ऐलान पर कांग्रेस बिफरी
Rajya Sabha Election 2022: झारखंड में राज्यसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन में घमासान छिड़ गया है। राज्य के मुख्यमंत्री अध्यक्ष हेमंत सोरेन की ओर से महुआ माजी को राज्य सभा चुनाव का उम्मीदवार घोषित किया है।
Rajya Sabha Election 2022: झारखंड में राज्यसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस गठबंधन में घमासान छिड़ गया है। राज्य के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की ओर से महुआ माजी को राज्य सभा चुनाव का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद कांग्रेस की नाराजगी खुलकर सामने आ गई है। पहले सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से साझा उम्मीदवार उतारने की बात कही गई थी मगर सोरेन के ऐलान के बाद कांग्रेस ने इसे झामुमो की एकतरफा घोषणा बताया है।
सोरेन की घोषणा के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन में दरार पड़ती दिख रही है और गठबंधन को टूटने तक की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। सोरेन की ओर से प्रत्याशी की घोषणा की जानकारी पार्टी हाईकमान को दे दी गई है। झारखंड के कांग्रेस प्रभारी कल रांची पहुंचने वाले हैं और माना जा रहा है कि इसके बाद ही कांग्रेस अपने पत्ते खोलेगी।
सोरेन ने झामुमो प्रत्याशी घोषित किया
पिछले विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड में झामुमो, कांग्रेस और राजद ने मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी। गठबंधन राज्यसभा की एक सीट जीतने की स्थिति में है और झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने इस सीट पर महुआ माजी को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। सोरेन ने अपने आवास पर बुलाई गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रत्याशी के नाम का ऐलान किया। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन से चर्चा के बाद प्रत्याशी का नाम तय किया गया है।
दूसरी ओर झारखंड कांग्रेस सोरेन की घोषणा से नाराज है। झारखंड के कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर का कहना है कि यह झारखंड मुक्ति मोर्चा का फैसला है और इस बाबत हमारे साथ कोई सलाह मशविरा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस बाबत जानकारी दे दी गई है। झारखंड के कांग्रेस प्रभारी के कल रांची पहुंचने पर इस बाबत चर्चा की जाएगी।
सोरेन की घोषणा पर कांग्रेस नाराज
दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पिछली दिल्ली यात्रा के दौरान उनकी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच राज्यसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई थी। जानकारों के मुताबिक दोनों पार्टियों की ओर से साझा उम्मीदवार उतारने का फैसला हुआ था। इसी कारण सोरेन की एकतरफा घोषणा पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है।
कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने कहा कि सोरेन की ओर से की गई घोषणा पार्टी अध्यक्ष के साथ हुई बैठक के फैसले के बिल्कुल विपरीत है। उन्होंने इसे झामुमो के एकतरफा घोषणा बताते हुए तीखी आपत्ति जताई। दरअसल कांग्रेस की ओर से राज्यसभा चुनाव में पार्टी के किसी नेता या कार्यकर्ता को मौका देने की बात कही जा रही थी। लेकिन सोरेन ने अपनी पार्टी का प्रत्याशी उतारकर कांग्रेस के दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है। यही कारण है, कि सोरेन के कदम पर कांग्रेस बिफर पड़ी है।
संयुक्त उम्मीदवार की बात से मुकरे सोरेन
इस पूरे प्रकरण में मजे की बात यह है कि सोरेन ने खुद राज्यसभा चुनाव में संयुक्त उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी। सोरेन की इस घोषणा पर कांग्रेस भी निश्चित थी मगर बाद में उन्होंने एक तरफा घोषणा कर डाली। झामुमो की ओर से चुनाव मैदान में उतारी गई महुआ माजी झारखंड महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं। वे झामुमो की ओर से सियासी मैदान में काफी दिनों से सक्रिय हैं और रांची विधानसभा सीट पर चुनाव भी लड़ चुकी हैं।
हालांकि उन्हें इस चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था। वे झामुमो की झारखंड इकाई की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि राज्यसभा चुनाव को लेकर झारखंड के सत्तारूढ़ गठबंधन में दरार पड़ती दिख रही है। सत्तारूढ़ गठबंधन में शुरू हुई खींचतान के कारण आने वाले दिनों में सोरेन के लिए संकट गहराने के आसार दिख रहे हैं।