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जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा चुनाव जल्द, नेकां- कांग्रेस गठबंधन की होगी पहली परीक्षा, चौथी सीट पर हो सकता है खेल
Jammu and Kashmir: चुनाव नतीजे के मुताबिक यह गठबंधन दो सीटों पर चुनाव जीतने की स्थिति में है जबकि एक सीट बीजेपी को मिलना तय जा रहा है।
Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बाद अब राज्यसभा चुनाव जल्द होने की संभावना है। जानकारों के मुताबिक चुनाव आयोग की ओर से राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना किसी भी समय जारी की जा सकती है। जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा के चारों सीटें फरवरी 2021 से ही खाली पड़ी हुई है। राज्य में विधानसभा चुनाव न हो पाने के कारण अभी तक राज्यसभा चुनाव लटका हुआ था।
विधानसभा चुनाव के बाद राज्यसभा चुनाव में नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन की पहली परीक्षा होगी। चुनाव नतीजे के मुताबिक यह गठबंधन दो सीटों पर चुनाव जीतने की स्थिति में है जबकि एक सीट बीजेपी को मिलना तय जा रहा है। चौथी सीट को लेकर खींचतान होने की संभावना है और इसके लिए समीकरण साधने की कोशिश की जाएगी।
राज्यसभा चुनाव का गणित
जम्मू-कश्मीर में सरकार के गठन के बाद राज्यसभा के चुनाव की अधिसूचना जल्द जारी किए जाने की संभावना है। ऐसे में माना जा रहा है की नई सरकार के गठन के साथ ही राज्यसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो जाएंगी। जम्मू-कश्मीर में इस बार के विधानसभा चुनाव में नेशनल कान्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बहुमत हासिल कर लिया है।
नेशनल कान्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के पास निर्दलीयों और आप विधायक को मिलाकर कुल 55 विधायकों का समर्थन है। भाजपा के 29 विधायक चुनाव जीतने में कामयाब हुए हैं और माना जा रहा है कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की ओर से जल्द ही पांच विधायकों का मनोनयन किया जाएगा। ऐसे में भाजपा की ताकत बढ़कर 34 विधायकों की हो जाएगी। पीडीपी के पास तीन विधायकों की ताकत है।
चौथी सीट को लेकर होगी खींचतान
जानकारों का कहना है कि सत्ताधारी संगठन राज्यसभा की दो सीटों पर चुनाव जीतने की स्थिति में है जबकि भाजपा भी एक सीट आसानी से जीत लेगी। चौथी सीट को लेकर अभी तक समीकरण और तस्वीर साफ नहीं है। माना जा रहा है कि चौथी सीट को लेकर खींचतान होगी। ऐसे में जो खेमा तात्कालिक समीकरण साधने में कामयाब होगा, उसके खाते में चौथी सीट जा सकती है। वैसे जानकारों का कहना है कि जम्मू कश्मीर के सियासी समीकरण को देखते हुए सत्तारूढ़ खेमा चौथी सीट पर भी बाजी मार सकता है।
क्या हुआ था पिछले राज्यसभा चुनाव में
जम्मू-कश्मीर में 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पीडीपी ने 28 सीटों पर जीत हासिल की थी और बाद में पार्टी ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। 2015 में राज्यसभा चुनाव के संबंध में तीन अधिसूचनाएं जारी की गई थीं। पहली दो अधिसूचनाओं के आधार पर पीडीपी और भाजपा ने एक-एक सीट जीत ली थी।
तीसरी अधिसूचना दो सीटों के लिए जारी हुई थी। इसमें सत्ताधारी गठबंधन और कांग्रेस को एक-एक सीट पर जीत हासिल हुई थी। 2015 में नेशनल कान्फ्रेंस ने कांग्रेस के प्रत्याशी गुलाम नबी आजाद को समर्थन देकर राज्यसभा भेजा था। अब गुलाम नबी आजाद कांग्रेस से इस्तीफा देकर अपनी अलग पार्टी बना चुके हैं। हालांकि इस बार के विधानसभा चुनाव में आजाद की पार्टी को करारा झटका लगा है।