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Rajya sabha Election: कपिल सिब्बल को कांग्रेस टिकट का तो ठिकाना नहीं मगर अखिलेश, लालू और सोरेन तीनों लड़ाने को तैयार

Rajya sabha Election: अखिलेश यादव, राजद मुखिया लालू यादव और झामुमो नेता व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजने के लिए बेचैन दिख रहे हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 25 May 2022 12:36 PM IST
Kapil Sibal
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कपिल सिब्बल (फोटो: सोशल मीडिया )

Rajya sabha Election: राज्यसभा की 57 सीटों के लिए विभिन्न सियासी दलों में जबर्दस्त जोड़-तोड़ का दौर चल रहा है। राज्यसभा पहुंचने के लिए उम्मीदवारों ने सियासी दांवपेच लगाने शुरू कर दिए हैं। राज्यसभा चुनाव के लिए मंगलवार को नामांकन शुरू होने के साथ ही लॉबिंग का दौर भी तेज हो गया है। जहां कई दलों के दिग्गज नेता टिकट पाने के लिए परेशान हैं वहीं कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) को टिकट देने के लिए तीन क्षेत्रीय दलों के बीच में ही रेस होती दिख रही है। मजे की बात यह है कि कपिल सिब्बल जिस पार्टी यानी कांग्रेस के नेता हैं, उस पार्टी में उन्हें टिकट मिलने की कोई चर्चा ही नहीं सुनाई पड़ रही है।

कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे के सबसे मुखर नेता माने जाने वाले सिब्बल को इस बार कांग्रेस से टिकट मिलने की कोई संभावना नहीं दिख रही है मगर सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) , राजद मुखिया लालू यादव (Lalu Yadav) और झामुमो नेता व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) उन्हें राज्यसभा भेजने के लिए बेचैन दिख रहे हैं। कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजने के लिए तीनों दलों में दिख रही बेचैनी का ठोस कारण भी है। अब देखने वाली बात होगी कि आखिरकार सिब्बल किस पार्टी के टिकट पर राज्यसभा का चुनाव लड़ते हैं।

कांग्रेस नेतृत्व से बिगड़ चुका है रिश्ता

दरअसल कांग्रेस में असंतुष्ट खेमे से जुड़े कपिल सिब्बल कई बार पार्टी नेतृत्व पर निशाना साध चुके हैं। वे लंबे समय से पार्टी में बदलाव की मांग कर रहे हैं। उन्होंने गांधी परिवार से इतर किसी नेता को पार्टी का नेतृत्व सौंपने की मांग भी कर डाली थी। असंतुष्ट खेमे के कुछ नेताओं मसलन गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा आदि के साथ कांग्रेस नेतृत्व की पटरी एक बार फिर बैठ चुकी है मगर सिब्बल के मामले में ऐसा नहीं है। ऐसे हालात में सिब्बल को कांग्रेस में टिकट का मजबूत दावेदार नहीं माना जा रहा है। कांग्रेस में टिकट के लिए पहले से ही काफी मारामारी मची हुई है। ऐसे में सिब्बल का टिकट कटना तय माना जा रहा है।

अखिलेश इसलिए भेजना चाहते हैं राज्यसभा

सिब्बल के लिए भले ही कांग्रेस में टिकट की संभावना न बन रही हो मगर उन पर किस्मत गजब तरीके से मेहरबान है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव सिब्बल को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेजने की तैयारी में जुटे हुए हैं। दरअसल सिब्बल को टिकट देकर अखिलेश एक तीर से दो निशाने साधना चाहते हैं। सिब्बल ने हॉल में सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान को जमानत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई है।

सीतापुर जेल से छूटने के बाद आजम खान ने भी सिब्बल को टिकट देने की पैरवी की थी। हाल के दिनों में सपा मुखिया अखिलेश और आजम का रिश्तों में तनातनी दिख रही है। ऐसे में अखिलेश सिब्बल को राज्यसभा भेजकर आजम के साथ अपने रिश्तों की डोर को एक बार फिर मजबूत करना चाहते हैं।

सिब्बल को राज्यसभा भेजने से अखिलेश को आजम को खुश करने में कामयाबी मिलने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने वाला एक मजबूत वकील भी मिल जाएगा। सपा उत्तर प्रदेश से तीन उम्मीदवारों को राज्यसभा भेजने की स्थिति में है और सपा की लिस्ट में सिब्बल का नाम पक्का बताया जा रहा है।

लालू यादव भी दिख रहे हैं बेचैन

अब बिहार के प्रमुख विपक्षी दल राजद की बात की जाए तो वहां भी सिब्बल का नाम पूरी दमदारी से चल रहा है। बिहार में राज्यसभा की 5 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं और वहां राजद दो उम्मीदवारों को राज्यसभा भेजने की स्थिति में है। एक सीट के लिए लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती की उम्मीदवारी तय मानी जा रही है जबकि दूसरी सीट के लिए कपिल सिब्बल का नाम सबसे मजबूत माना जा रहा है।

चारा घोटाले में कपिल सिब्बल ही राजद मुखिया लालू यादव की पैरवी करते रहे हैं। अब सीबीआई ने उनके खिलाफ रेलवे भर्ती घोटाले में भी शिकंजा कस दिया है। ऐसे में लालू को आगे भी कपिल सिब्बल की दमदार दलीलों के सहारे की जरूरत है। लालू के परिवार के कई अन्य सदस्य भी कानूनी पचड़े में फंसे हुए हैं। सिब्बल को राज्यसभा भेजकर लालू यादव कानूनी तौर पर मजबूत हो जाना चाहते हैं। राजद की ओर से अंतिम फैसला लेने के लिए लालू को अधिकृत किया जा चुका है और सबकी निगाहें अब लालू के फैसले पर ही टिकी हुई हैं।

हेमंत सोरेन भी सिब्बल के ही पक्ष में

झारखंड में राज्यसभा की 2 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजने के इच्छुक हैं। दरअसल हेमंत सोरेन भाजपा की शिकायत के बाद खदान लीज के मामले में बुरी तरह फंस गए हैं। उनकी सदस्यता जाने का खतरा पैदा हो गया है। यह मामला अब अदालत के साथ ही चुनाव आयोग में भी पहुंच गया है। सोरेन ने चुनाव आयोग में अपना जवाब तो दाखिल कर दिया है मगर आयोग की तरफ से सोरेन को 31 मई को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने का निर्देश दिया गया है।

भाजपा ने इस मामले में सोरेन की तगड़ी घेराबंदी कर रखी है और सोरेन को कपिल सिब्बल की दलीलों का ही सहारा है। अदालत में सिब्बल ही सोरेन का केस लड़ रहे हैं। झारखंड में झामुमो अपने दम पर एक सदस्य को राज्यसभा भेजने की स्थिति में है और ऐसे में सोरेन कपिल सिब्बल को ही राज्यसभा भेजने के इच्छुक हैं। झामुमो ने भी अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है और यहां कपिल सिब्बल को ही झामुमो की ओर से सबसे मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है।

आखिर किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे सिब्बल

कांग्रेस ने जहां टिकट पाने के लिए जबर्दस्त जोड़-तोड़ चल रही है वहीं कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजने के लिए तीन क्षेत्रीय दल बेचैन हैं। कपिल सिब्बल ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है। जानकारों का कहना है कि वे तीनों क्षेत्रीय दलों के संपर्क में हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि वे किस पार्टी के टिकट पर एक बार फिर उच्च सदन का सफर तय करते हैं।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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