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पाक की नापाक चाल: राम मंदिर निर्माण पर उठाए सवाल, नाराज संतों ने दी ये चेतावनी

पाकिस्तान इन दिनों कोरोना के गहरे संकट में फंसा हुआ है मगर इसके बावजूद वह अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर आपत्ति जताते हुए इसकी आलोचना की है।

Dharmendra kumar
Published on: 28 May 2020 3:08 PM GMT
पाक की नापाक चाल: राम मंदिर निर्माण पर उठाए सवाल, नाराज संतों ने दी ये चेतावनी
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नई दिल्ली: पाकिस्तान इन दिनों कोरोना के गहरे संकट में फंसा हुआ है मगर इसके बावजूद वह अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर आपत्ति जताते हुए इसकी आलोचना की है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भाजपा और आरएसएस पर हिंदुत्व का एजेंडा लागू करने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान के इस कदम पर संतों ने नाराजगी जताते हुए उसे भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देने से बाज आने की हिदायत दी है।

हिंदुत्व का एजेंडा लागू करने का आरोप

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एक ओर जहां दुनिया कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही है, वहीं भाजपा और आरएसएस भारत में हिन्दुत्व का एजेंडा लागू करने में व्यस्त हैं। बयान में कहा गया है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण की शुरुआत इस दिशा में उठाया गया एक कदम है। पाकिस्तान का कहना है कि इस कदम से पता चलता है कि भारत में मुसलमानों को किस तरह हाशिए पर रखा जाता है।

बयान में राम मंदिर निर्माण के कदम की कड़ी आलोचना की गई है। बयान में कहा गया है कि मंदिर निर्माण की शुरुआत भारत के उच्चतम न्यायालय द्वारा सुनाए गए फैसले की अगली कड़ी है। उच्चतम न्यायालय न्याय की निष्पक्षता को बरकरार रखने में पूरी तरह विफल रहा है।

भारत ने खारिज किया पाक का आरोप

भारत बार-बार पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने से बाज आने को कहता रहा है। भारत सरकार ने पूर्व में भी राम मंदिर निर्माण के फैसले के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पाकिस्तान की टिप्पणी को अनुचित करार दिया है। भारत ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को पूरी तरह आंतरिक मामला बताया है मगर फिर भी पाकिस्तान की ओर से बार-बार यह मुद्दा उठाया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था ऐतिहासिक फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 नवंबर को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विवादित भूमि के 2.77 एकड़ हिस्से को रामलला को सौंप दिया था। शीर्ष अदालत की ओर से अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन देने का निर्देश जारी किया गया था। पाकिस्तान पहले भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर टिप्पणी करता रहा है और आरोप लगाता रहा है कि भारत में मुस्लिमों की आवाज को दबाया जा रहा है।

पाक के बयान पर संत भड़के

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के इस बयान पर अयोध्या के संतों ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को हमारे अंदरूनी मामलों में दखल देने से बाज आना चाहिए। इस मामले में संतों के साथ ही विवादित ढांचे के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने पाकिस्तान की इस हरकत की निंदा करते हुए उसे अपनी सीमा में रहने की हिदायत दी है। इकबाल अंसारी ने तो यहां तक कहा कि पाक अपनी आदत में बदलाव लाए नहीं तो हम इस्लामाबाद में भी एक राम मंदिर बनाकर रहेंगे।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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