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Ram Mandir Pran Pratishtha: विपक्ष के बड़े नेताओं ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से बनाई दूरी, जानिए राहुल, ममता, अखिलेश और केजरीवाल ने किन आयोजनों में लिया हिस्सा
Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में आज हुए आयोजन में फिल्म जगत से लेकर खेल जगत और राजनीतिक क्षेत्र से जुड़ी कई हस्तियां शामिल हुईं मगर विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया।
Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरा हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्र्स्ट की ओर से देश की तमाम नामी हस्तियों को कार्यक्रम का निमंत्रण भेजा गया था। अयोध्या में आज हुए आयोजन में फिल्म जगत से लेकर खेल जगत और राजनीतिक क्षेत्र से जुड़ी कई हस्तियां शामिल हुईं मगर विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया।
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव और मायावती समेत तमाम अन्य नेताओं को भी निमंत्रण भेजा गया था मगर इन नेताओं ने कार्यक्रम से दूरी बना ली।
विपक्ष के इन नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा और संघ की ओर से इस कार्यक्रम को राजनीतिक रूप दे दिया गया है और इसलिए वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। विपक्ष के कई नेताओं का कहना था कि वे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद भगवान रामलला का दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुंचेंगे। विपक्ष के कई नेताओं ने आज दूसरे कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिया धरना
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों अपनी भारत जोड़ो में यात्रा में व्यस्त हैं। उनकी यह यात्रा इन दोनों असम में है। आज उन्हें नगांव जिले में स्थित वैष्णव संत शंकरदेव के जन्मस्थान पर जाना था, लेकिन उन्हें बाहर ही रोक दिया गया। इस पर राहुल गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया जताई उन्होंने कहा कि राज्य के अफसरों ने उन्हें नगांव स्थित श्री शंकरदेव मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी।
राहुल गांधी ने असम के नगांव स्थित मंदिर में जाने से रोके जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारियों से पूछा कि क्या अब यह प्रधानमंत्री मोदी तय करेंगे कि मंदिर में कौन जाएगा? हम कोई समस्या पैदा नहीं करना चाहते, केवल मंदिर में पूजा करना चाहते हैं।
मंदिर में प्रवेश से रोके जाने पर विरोध जताते हुए राहुल गांधी ने पार्टी के अन्य नेताओं के साथ धरना भी दिया। उन्होंने आरोप लगाया गया असम सरकार के निर्देश कर उन्हें दर्शन से रोका गया। उन्होंने सवाल किया कि मैंने कौन सा अपराध किया है कि मुझे मंदिर जाने से रोका गया।
कांग्रेस ने पहले ही कर दिया था ऐलान
कांग्रेस नेताओं ने पहले ही प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में हिस्सा न लेने का ऐलान कर दिया था। कांग्रेस का कहना था कि यह कार्यक्रम भाजपा और संघ की ओर से आयोजित किया जा रहा है और इसके जरिए राजनीतिक लाभ पाने की कोशिश की जा रही है। इसीलिए पार्टी ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाने का फैसला किया है।
ममता बनर्जी ने निकाली सद्भावना रैली
तृणमूल कांग्रेस के मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन सद्भावना रैली का आयोजन किया। दक्षिण कोलकाता के हाजरा क्रॉसिंग से इस रैली की शुरुआत हुई। इस रैली में सभी धर्मों के लोग शामिल हुए। ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं से अपने-अपने क्षेत्रों में रैली निकालने का भी अनुरोध किया है। इससे पहले ममता बनर्जी दक्षिण कोलकाता के कालीघाट मंदिर पहुंचीं और मां काली की पूजा की। ममता बनर्जी ने अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पहले ही हिस्सा न लेने का ऐलान कर दिया था। उनकी पार्टी की ओर से किसी भी नेता ने इस आयोजन में हिस्सा नहीं लिया।
दिल्ली में शोभायात्राओं और भंडारे का आयोजन
आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कार्यक्रम से दूरी बना ली। आप की ओर से दिल्ली में शोभायात्राओं का आयोजन किया गया। इसके साथ ही विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी की ओर से पहले से ही विभिन्न मंदिरों में सुंदरकांड का पाठ किया जा रहा है। इन आयोजनों में केजरीवाल समेत अन्य पार्टी नेताओं ने हिस्सा लिया। इसके साथ ही प्यारेलाल भवन में तीन दिवसीय रामलीला का आयोजन भी किया गया है। यह रामलीला 22 जनवरी को भी जारी रहेगी।
अखिलेश ने दी जनेश्वर मिश्र को श्रद्धांजलि
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी। वे समाजवादी पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की चर्चा भी की।
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद पत्थर की मूर्ति भगवान बन जाएगी। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी कहा जाता है, और हमें उनके दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग भगवान राम द्वारा दिखायी गयी रीति, नीति और मर्यादा का पालन करते हैं, वे उनके सच्चे भक्त हैं।
रामराज की चर्चा करते हुए सपा मुखिया ने कहा कि जब समाज के हर वर्ग के लोग खुश होते हैं तभी रामराज की कल्पना की जा सकती है। अखिलेश यादव ने पहले ही ऐलान किया था कि वे प्राण प्रतिष्ठा के बाद किसी दिन अयोध्या जाकर भगवान राम के दर्शन करेंगे।