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Ram Mandir की वेबसाइट हैक करने की कोशिश, पाकिस्तानी और चीनी हैकर्स के मंसूबे नाकाम

Ram Mandir Website Hack: रिपोर्ट में बताया गया है कि राम मंदिर वेबसाइट को निशाना बनाने वाले ये साइबर हैकर्स से बचने के लिए स्वदेशी एआई और मशीन लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया।

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Written By aman
Published on: 6 March 2024 2:37 PM GMT (Updated on: 6 March 2024 3:00 PM GMT)
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

Ram Mandir Website Hack: अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम के भव्य-दिव्य-नव्य मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई। एक तरफ जहां देश-विदेश में राम भक्त राम लला के आगमन की तैयारियों में जुटा था। वहीं, भारतीय सुरक्षा एजेंसियां (Indian Security Agencies) और साइबर जासूस इंडियन वेबसाइट्स को निशाना बनाने वाले हैकर पर नजर बनाए हुए थी।

दरअसल, साइबर हैकर्स राम मंदिर की वेबसाइट (Ram Mandir website) हैक करने में जुटे थे। इनमें चीन और पाकिस्तान के हैकर्स शामिल थे। हालांकि, सरकार को पहले से इन हमलों में वृद्धि का अनुमान था। इसलिए उन्होंने एहतियातन कदम उठा रखे थे। साइबर हमलों से निपटने और भीड़ मैनेज करने के लिए स्वदेशी एआई (Indigenous AI) और मशीन लर्निंग तकनीक का उपयोग किया गया।

प्राण प्रतिष्ठा के वक़्त हुए लगातार साइबर अटैक

मीडिया रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है कि, साइबर जासूसों और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इस साल जनवरी में सभी तैयारियां पूरी कर ली थी। खासतौर पर तैयारी 22 जनवरी (राम लला प्राण प्रतिष्ठा का दिन) के लिए की गई थी। क्योंकि, उस दिन अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला था। रिपोर्ट में सामने आया है कि, जनवरी में राम मंदिर के उद्घाटन के वक़्त हैकर्स और साइबर अपराधी लगातार भारतीय वेबसाइट्स को निशाना बना रहे थे। इनमें मुख्य रूप से चीनी और पाकिस्तानी हैकर्स शामिल थे।

राम मंदिर ही नहीं ये वेबसाइट्स भी रहे निशाने पर

भारतीय सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि, पाकिस्तानी और चीनी हैकर्स के निशाने पर सिर्फ राम मंदिर की वेबसाइट ही नहीं थी। इसके अलावा प्रसार भारती (Prasar Bharati) और यूपी में जरूरी इंफ्रास्टैक्चर से जुड़ी कई अन्य वेबसाइट्स को बंद करने का भी प्रयास किया गया।

आखिर कैसे रोके हमले?

अधिकारियों से ये ये सवाल पूछा गया कि, आखिर उन्होंने इतने बड़े हमले को कैसे नाकाम किया? इस संबंध में भारत सरकार के अधिकारियों ने कहा, कि, राम मंदिर उद्घाटन के दौरान साइबर हमलों में वृद्धि की आशंका हमें पहले से थी। कई एहतियाती कदम पहले ही उठा लिए गए थे।

140 आईपी एड्रेस से राम मंदिर-प्रसार भारती को टारगेट

इस प्रकार के हमले रोकने के लिए टेलीकॉम सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर (TSOC) किसी भी साइबर अटैक को रोकने के लिए राम मंदिर, प्रसार भारती, यूपी पुलिस (UP Police), हवाई अड्डे, यूपी पर्यटन (UP Tourism) और पावर ग्रिड (Power Grid) सहित करीब 264 वेबसाइटों की निगरानी कर रहा था। बता दें कि, ये निगरानी 24 घंटे चल रही थी। इस दौरान ये भी देखा गया कि, लगभग 140 आईपी एड्रेस राम मंदिर और प्रसार भारती वेबसाइटों को टारगेट कर रहे थे।

1244 आईपी एड्रेस को ब्लॉक किया गया

अधिकारियों ने बताया, आईपी एड्रेस की पहचान के बाद एजेंसी ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (Internet Service Providers) को इनके एक्सेस को बंद करने के लिए कहा गया। इन आईपी एड्रेस को ब्लॉक करने के बाद भी 21 जनवरी को इन देशों से दुर्भावनापूर्ण गतिविधियां बढ़ी। इसके बाद कई अन्य आईपी एड्रेस ब्लॉक किए गए। बता दें, कुल 1244 आईपी एड्रेस को ब्लॉक करने के बाद हमले कम हुए।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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