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#RamRahim की सजा के बाद अब मीडिया के लिए आत्मचिंतन का सही समय
आशीष शर्मा 'ऋषि'
आसाराम बापू, निर्मल बाबा, पॉल बाबा, कृपालु महाराज और इन जैसे न जाने कितने बाबा और गुरु हैं जिन्होंने मीडिया की ताकत को पहचान कर उसे अपनी दुकानदारी चमकाने में प्रयोग किया है। जितने भी बाबा या स्वयंभू गुरु हैं, वो हमारे टीवी स्क्रीन पर आने से पहले सिर्फ किसी गली मोहल्ले या फिर एक इलाके तक सीमित रहे थे।
जब इलेक्ट्रोनिक मीडिया का जन्म हुआ तभी से इन बाबाओं ने समझ लिया था कि यही वो माध्यम है जिसके बूते पर वे बिना रोक टोक के घर घर तक पहुँच सकते हैं। आज इसी का फायदा उठाकर ये बाबा और अध्यात्म गुरु करोड़ों के कृपा कारोबार का संचालन कर रहे हैं।
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आप को जानकार हैरत होगी, कि चाहे निर्मल बाबा,पॉल दिनाकरन या रामदेव (लगभग 1100 करोड़ के मालिक, वर्त्तमान में दो धार्मिक चैनलों और एफएमसीजी प्रोडक्ट चेन के मालिक) हों या आसाराम और कृपालु महाराज सभी टीवी पर आने से पहले आठ दस हजार में अपनी कलाकारी का प्रदर्शन करते थे।
जब से बाबाओं ने अलग- अलग चैनलों पर स्लाट लिया उसके बाद से ये बाबा हजारों से उठकर करोड़ों और अरबों में कारोबार करने लगे हैं। बाबा रामदेव के बारे में कहा जाता है कि कभी ये हरिद्वार में घर घर जा योग सिखाते थे। लेकिन आज देखिये मीडिया की ताकत को सही समय पर अजमा बाबा रामदेव आज करोड़ों के मालिक हैं हाल में ही उनके लाँच किये गए आटे दाल और सत्तू को उनके समर्थक हाथो हाथ ले रहे हैं। बाबा करोड़ों से अरबों के मालिक बन गए।
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निर्मल बाबा, पॉल दिनाकरन, कृपालु महाराज, आसाराम सहित बाकि के बाबा न सिर्फ धार्मिक चैनलों पर बल्कि न्यूज़ और मनोरंजन चैनलों पर भी प्रमुखता से दिखने लगे हैं। शुरुआत में ये बाबा लोग छोटा स्लाट लेते हैं उसके बाद जब इसके माध्यम से कमाई बढ़ जाती है तब समय के साथ ही चैनलों की संख्या भी बढ़ जाती है।
कम समय में निर्मल और रामदेव के लोकप्रिय होने के पीछे मानसिकता सिर्फ इतनी सी है की जब इतने चैनल एक साथ इनको दिखा रहे हैं तब इन में कुछ तो बात होगी। जबकि इसके पीछे सिर्फ पैसे का खेल है बाबा चैनलों को मुह्मांगा दाम देकर स्लाट खरीद कर करोड़ों की कमाई करते हैं।
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आपसे या किसी से भी गली के बाहर खड़ा कोई व्यक्ति कहे की लाल चटनी खा कर घर से निकलो तो कृपा होगी आप उसे डपट दोगे लेकिन निर्मल बाबा जब टीवी पर गोलगप्पे वाली कृपा बरसाते हैं तब कोई उनपर ऊँगली नहीं उठाता। आज देखा जाये तो मीडिया का लाभ गरीबों मजलूमों को भले ही न मिला हो लेकिन इन बाबाओं ने इस को पैसा पैदा करने की मशीन बना दिया और कुछी वर्षों में अरबों के मालिक बन बैठे।
आज देश की मिडिया को देखना होगा की उनके चैनल का फायदा लेकर कोई ठग धर्मं के नाम पर उनके दर्शकों को बेवकूफ न बना सके। यहाँ एक बात और प्रमुखता से सामने आती है कि बाबाओं के प्रवचन और करामातों को दिखाने के लिए ये मोटी रकम वसूलते है और फिर अपनी आंखे मूंद लेते हैं। आज इनको समझना होगा कि इनके इसी रवैये की वजह से कितनो को अपनी ठगी का शिकार बनाया।
ये बाबा मीडिया की ताकत से इतने मजबूत हो चुके हैं कि आज आम आदमी इनके लिए कोई मायने नहीं रखता हाल में ही आसाराम बापू ने यूपी में एक पत्रकार को सिर्फ इस लिए थप्पड़ मार दिया की उसने आसाराम की वीआईपी लाइट लगी कार का फोटो खींच लिया था।
सप्रंग सरकार के दौरान रामदेव प्रधानमंत्री और सांसदों पर सीधे आरोप लगाते थे। आज भी जो कुछ जुबान पर आता है उसे उगल देते हैं। इनको इस बात का अहसास है की टीवी ने इनके इतने समर्थक खड़े कर दिए है की ये कुछ भी सही गलत करें इनको कुछ होने वाला नहीं है।
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इस पूरे मामले पर हमारा सिर्फ इतना कहना है कि आज वो समय आ चुका है जब हमें ये सोचना होगा की देश की मीडिया देश से बुरे वातावरण को हटाने की कोशिश कर रही है या फिर इन धन के लालची पशुओं के पीछे पीछे चल अपनी तिजोरी भर रही है। आज भी देश में ऐसे धर्मंगुरु है जिनको किसी प्रचार या विज्ञापन की कोई आवश्यकता नहीं है और वो न ही किसी तरीके से ठगी ही करते हैं।
ईश्वर की दुआ उसकी कृपा के नाम पर करोड़ों का कारोबार करने वाले स्वयंभू बाबा और आम आदमी अच्छे से जानता है कि खुदा जीजस या ईश्वर कभी भी अपने भक्तों से पैसे कि मांग नहीं करता लेकिन हमारी भोली जनता ये नहीं समझती और इन के चक्कर में पड़ कर अपनी खून पसीने की कमाई को लुटाती रहती है।