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रमजान में रहती हैं हैदराबाद की रातें गुलजार, अब ईद की खरीदारी चरम पर

Rishi
Published on: 23 Jun 2017 1:38 PM GMT
रमजान में रहती हैं हैदराबाद की रातें गुलजार, अब ईद की खरीदारी चरम पर
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हैदराबाद : हैदराबाद में खास तौर से पुराने शहर में यातायात जाम की समस्या आम बात है। लेकिन पवित्र महीने रमजान के दौरान शहर में पूरी रात जाम लगा रहता है।

मध्य रात्रि के साथ ऐतिहासिक चारमीनार और दूसरे वाणिज्यिक केंद्र जैसे मेलापल्ली, मेहदीपट्टनम और टोली चौकी जैसे इलाके पूरी तरह जाम में घिरे रहते हैं।

उपवास के महीने के अंतिम चरण में पहुंचने के साथ ईद की खरीदारी हैदराबाद में अपने चरम पर पहुंच गई है।

पुराने शहर का अपना संपन्न इस्लामिक इतिहास व सांस्कृतिक विरासत है। यहां रमजान के दौरान दुकानें हरदम खुली रहती हैं। पुरुष, बुर्काधारी महिलाएं व बच्चे ईद के लिए यथासंभव खरीददारी करने की कोशिश करते हैं। ईद के साथ यह पवित्र महीना संपन्न हो जाता है।

खचाखच भरे बाजार, चमचमाती दुकानें, होटलों और भोजनालयों से कव्वाली की आवाजें, हलीम की खुशबू, सेफ्टी पिन से लेकर इत्र तक बेचने वालों की आवाजें, चारमीनार के आसपास के इलाके में एक अलग नजारा पेश करते हैं।

जैसे ही कोई मुसी नदी पार कर पुराने शहर में प्रवेश करता है, मदीना भवन से चारमीनार की सड़क व आसपास के बाजार खरीददारों से भरे रहते हैं, ये खरीददार सिर्फ शहर व तेलंगाना से नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व महाराष्ट्र से भी आते हैं।

महीने भर लंबा रमजान का उत्सव अपने चरम पर अंतिम अशरा (10 दिनों) में पहुंचता है। यदि पहले 20 दिनों के व्यापार में खजूर, फल, सूखे मेवे, खाने की सामग्री, किराने के सामान, सिर की टोपी, इत्र व सुरमा का आधिक्य रहता है तो अंतिम दिनों में कपड़े, जूते, चूड़िया, आभूषण, मेहंदी, क्रॉकरी व घरेलू सामानों की बिक्री होती है।

सूखे फल के व्यापारियों का कारोबार तेजी पर होता है और सेवइयों की भारी मांग होती है।

बहुत से खरीदार अपनी खरीदारी का अंत होटलों में 'शार' के साथ करते हैं, जिसमें वह हलीम, बिरयानी कबाब और दूसरे व्यंजनों का आनंद लेते हैं।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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