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जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने की थी, कोविंद के सर्वोच्च पद पर बैठने की भविष्यवाणी
लखनऊ: शुक्रवार को देश के शीर्ष संवैधानिक पद के लिए नानकन दाखिल कर चुके रामनाथ कोविंद बहुत जल्दी ही जगद्गुरु रामभद्राचार्य से मिलाना चाहते हैं। आजकल श्रीरामभद्राचार्य जी लखनऊ में हैं। पता चला है कि रामनाथ कोविंद के एक साथी राज्यसभा सदस्य ने श्रीरामभद्राचार्य जी से मिलने का समय भी माँगा है। इस मुलाक़ात के लिए यह बेचैनी इसलिए है क्योकि कुछ ही दिनों पहले श्रीरामभद्राचार्य जी ने कोविंद को सर्वोच्च संवैधानिक पद के दायित्व के लिए तैयार रहने का आशीर्वाद दिया था।
कहानी बहुत ही दिलचस्प है। ऐसी पक्की खबर है, कि देश के शीर्ष पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को सर्वोच्च पद पर बैठने की भविष्यवाणी आचार्य रामभद्राचार्य ने की थी। चित्रकूट में एक कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल के रूप में रामनाथ कोविंद ने जब आचार्य रामभद्राचार्य से आशीर्वाद लिया था, तब उन्होंने उनको देश के सर्वाेच्च पद पर आसीन होने का आशीर्वाद दिया था। धर्मगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने डेढ़ महीने पहले एक कथा के दौरान बिहार में मुलाकात होने पर रामनाथ कोविंद को आशीर्वाद देते हुए कहा था कि जल्द ही देश का बड़ा संवैधानिक पद संभालना है।
उस वक्त इस पहुंचे हुए संत के आशीर्वाद को रामनाथ कोविंद ने शायद गंभीरता से नहीं लिया था। अब संत की भविष्यवाणी सत्य हुई, तो रामनाथ कोविंद के साथ गए राज्यसभा सांसद ने अब आचार्य रामभद्राचार्य से मिलने का समय लिया है। आचार्य रामभद्राचार्य इन दिनों लखनऊ में रामकथा के आयोजन में हैं।
डेढ़ महीने पहले बिहार के सीतामढ़ी जिले में चित्रकूट के प्रसिद्ध संत आचार्य रामभद्राचार्य महाराज कथा सुनाने आए थे। इसी दौरान 3 मई को बिहार के तत्कालीन राज्यपाल और अब राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद उनके आशीर्वाद लेने गए थे। बिहार के सीतामढ़ी को सीता माता की जन्मस्थली के रूप में मान्यता प्राप्त है।
मुलाकात के दौरान रामभद्राचार्य महाराज ने रामनाथ कोविंद को आशीर्वाद देते हुए कहा था कि जल्द ही देश के बड़े संवैधानिक पद को संभालना होगा। उस वक्त रामनाथ कोविंद ने संत के वचन को हंसकर टाल दिया था। जन्म से नेत्रहीन रामभद्राचार्य महाराज ने चित्रकूट में विकलांग विश्वविद्यालय भी संचालित करते हैं।
मध्य प्रदेश के चित्रकूट में इसी वर्ष रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल के नाते स्व नानाजी देशमुख के शताब्दी वर्ष पर आयोजित अखिल भारतीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। वहां वह आचार्य रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय के चांसलर परम पूज्य जगत गुरु रामभद्राचार्य जी से मिलने गए। जब कोविंद जी उनसे आशीर्वाद ले रहे थे, तब जगत गुरु रामभद्राचार्य जी ने कहा था कि मैं तो आपको कहीं और देखना चाहता हूं।
इसके बाद बिहार के सीतामढ़ी में उनकी रामकथा थी। जगत गुरु रामभद्राचार्य जी ने रामनाथ कोविंद से आग्रह किया कि 3 मई को पुनोराधाम सीताजी की जन्मस्थली पर आएंगे तो बिहार वासियों को अच्छा लगेगा। रमानाथ कोविंद ने गुरु रामभद्राचार्य जी को आश्वस्त किया कि पुनोराधाम अवश्य आएंगे।
जानकी नवमी के एक दिन पहले रामनाथ कोविंद पटना से मां जानकी जी की जन्मस्थली पुनोराधाम पहुंचे। वहां पर जगत गुरु रामभद्राचार्य जी से जब कोविंद जी आशीर्वाद ले रहे थे, तब जगत गुरु रामभद्राचार्य जी ने कहा कि तुम्हेँ पुन: कह रहा हूं कि आने वाले दिनों में तुम भारत के सर्वोच्च पद पर विराजित होंगे, मैं आंखों से देख नहीं सकता पर आध्यात्मिक शक्ति के आधार पर जो देख रहा हूं तुम्हारा स्थान सर्वोच्च है।