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रार खत्‍मः RS में पार्टी का पक्ष रखने के बाद सपा में हुई राम गोपाल की वापसी

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Published on: 17 Nov 2016 3:40 AM IST
रार खत्‍मः RS में पार्टी का पक्ष रखने के बाद सपा में हुई राम गोपाल की वापसी
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नई दिल्लीः सपा में पिछले कई महीनों से चल रही टकरार के बीच गुरुवार को रामगोपाल यादव की वापसी हो गई है। बुधवार को संसद में जो हुआ, उससे इसके संकेत मिल रहे थे। दरअसल, रामगोपाल को सपा से मुलायम ने बाहर का रास्ता दिखाया था। माना जा रहा था कि वह अपने चचेरे भाई को राज्यसभा में दल के नेता के तौर पर हटाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नोटबंदी के मसले पर रामगोपाल ही सपा की ओर से राज्यसभा में बोलते नजर आए।

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सपा की ओर से राज्यसभा के सभापति को नया नेता चुने जाने की कोई जानकारी नहीं दी गई थी। मुलायम ने सुलह का रास्ता खुला रखने के लिए रामगोपाल को दल के नेता पद से नहीं हटाया था। सीएम अखिलेश यादव भी सबके सामने कहा था कि रामगोपाल की वापसी होनी चाहिए। रामगोपाल को 23 अक्टूबर को सपा से निकाला गया था।

जोरदार तरीके से रखा पक्ष

रामगोपाल ने बुधवार को राज्यसभा में सपा दल नेता के तौर पर ही जोरदार तरीके से पार्टी का पक्ष रखा। वैसे, रामगोपाल को मुलायम ने निष्कासित नहीं किया। जबकि, वे ही ऐसा कर सकते थे। बावजूद इसके उनका निष्कासन मुलायम के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह ने किया था। बहरहाल, मुलायम अब दिल्ली पहुंच गए हैं। देखना ये है कि रामगोपाल की जगह वह किसी को राज्यसभा में दल का नेता बनाते हैं या नहीं।

विशेष अधिवेशन की मांग की थी

बता दें कि बीते दिनों रामगोपाल यादव ने इटावा में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने सपा नेतृत्व के सामने तीन मांगें रखी थीं। इनमें असंवैधानिक तरीके से बर्खास्त नेताओं को बहाल करने, टिकट देने में सीएम अखिलेश की सहमति लेने और अखिलेश को सीएम फेस घोषित करना शामिल हैं। इन्हें न माने जाने पर रामगोपाल ने पार्टी का विशेष अधिवेशन बुलाने की मांग रखी थी।

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वापसी के बाद क्‍या बोले राम गाेपाल

प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा कि नेताजी दिल के बहुत अच्छे आदमी हैं। नेताजी ने अपने मन से और अच्छे मन से ये फैसला लिया है। पार्टी के सभी लोग प्रसन्न हैं। चुनाव में सभी को एक साथ जाना ही था। शिवपाल छोटे भाई हैं अगर उम्र में छोटे लोग कुछ गलती हो जाएं तो बड़ों को माफ कर देना चाहिए।

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समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने रामगोपाल यादव को 6 साल के लिए सभी पदों (राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता) और पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इसे मुलायम सिंह यादव की तरफ से अब तक सबसे बड़ी कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है। इसे अखिलेश के एक्शन का रिएक्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविवार को शिवपाल यादव ने कहा,”रामगोपाल यादव का लेटर अब तक सभी ने पढ़ लिया होगा। यह सब मुख्यमंत्री समझ नहीं पा रहे हैं। वह अब तक तीन बार बीजेपी के बड़े नेता से मिल चुके हैं। ऐसा उन्होंने सीबीआई से बचने के लिए किया। यादव सिंह मामले में उनके बेटे अक्षय और बहू के खिलाफ CBI जांच चल रही है। रामगोपाल बीजेपी के एजेंट हैं। नेताजी का अपमान हममें से कोई बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने भ्रम फैलाकर बिहार में गठबंधन तुड़वाया। मेरे खिलाफ भी रामगोपाल यादव ने खूब साजिश की है। पार्टी के हित में उन्होंने एक भी काम नहीं किया है।”

और क्या बोले शिवपाल ?

-प्रोफेसर रामगोपाल अगर अपने ज्ञान का इस्तेमाल पार्टी को बढ़ाने में करते तो अच्छा होता।

-उनका रवैया तानाशाही हो चुका था। वह भ्रष्टाचारियों से मिल गए हैं।

-स्वार्थ के लिए रामगोपाल यादव ने कई हथकंडे अपनाए। नेताजी और पार्टी को धोखा दिया है।

-सीबीआई से अपने परिवार को बचाने के लिए रामगोपाल ने यह सब किया।

-यह पूरी तरह से बीजेपी से मिल गए हैं और उनके लिए काम कर रहे हैं।

-नेताजी और समाजवादी पार्टी को कमजोर करने में उन्होंने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।

-सपा के कार्यकर्ताओं को अपमानित और उनका शोषण किया। मैंने हमेशा से ईमानदारी से काम किया है।

-हमेशा प्रोफेसर तिकड़म करते रहें हैं। मुख्यमंत्री को यह समझना होगा कि कौन अपना सगा है और कौन पराया।

-बसपा सरकार में जब लोग जेल गए तो यह किसी से मिलने नहीं गए और जनेश्वरजी जब जेल में थे अब उनसे भी मिलने नहीं गए।

-इन्होंने ब्रजभूषण तिवारी समेत समाजवादी नेताओ का अपमान किया, लेकिन अब पराकाष्ठा हो गई है।

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राम गोपाल ने दी थी शिवपाल को धमकी

प्रोफेसर राम गोपाल ने शिवपाल यादव और अमर सिंह को धमकी दी है। राम गोपाल ने कहा है कि अगर मेरे इलाके में प्रचार के दौरान शिवपाल और अमर एक शब्द भी मेरे खिलाफ बोल देंगे और सुरक्षित निकल जाएंगे तो मैं पॉलिटिक्स छोड़ दूंगा। मैं ये मान लूंगा कि मैंने जनता के लिए कुछ नहीं किया।

इससे पहले शिवपाल यादव ने सोमवार सुबह पार्टी कार्यालय में बिना नाम लिए राम गोपाल पर हमला बोला था। शिवपाल ने कहा था कि जिनके पास 10 वोट नहीं हैं वो राजनीति करते हैं।

और क्या बोले राम गोपाल

-किसी ने अखिलेश पर व्‍यक्तिगत आरोप नहीं लगाया।

-अखिलेश के अच्छे कामों को हमेशा डिफेंड किया।

-अखिलेश के पास सबकुछ है वह पार्टी नहीं बनाएंगे।

-अखिलेश के साथ रहना कुछ लोगों को अच्छा नहीं लगता।

-कुछ लोगों ने मुझ पर भी घटिया आरोप लगाए।

-सोमवार अखिलेश से माइक छीने जाने पर कहा कि सीएम के साथ अगर ऐसा व्यवहार होगा तो गलत है।

-सीएम के साथ ऐसा पहले भी हुआ है लेकिन वह चुप रहे।

-अखिलेश पर आजतक विपक्षियों ने आरोप नहीं लगाए।

-लेकिन समाजवादी पार्टी के कुछ लोग उनपर आरोप लगा रहे हैं वह गलत है।

-कोई भी परिस्थिति रही हो मैं अखिलेश के साथ खड़ा रहा हूं यह सबको अच्छा नहीं लग रहा।

-पूरी पार्टी अखिलेश के साथ है दो चार लोग बस उनका विरोध कर रहे हैं।

-यूपी चुनाव में अखिलेश को सीएम बनाने के लिए पूरी ताक लगाऊंगा।

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राम गोपाल ने लेटर में क्‍या लिखा

परिवार में हुए डैमेज कंट्रोल में लगे सीनियर लीडरों की कोशिशों पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने सवाल उठाए हैं। कार्यकर्ताओं को लिखे ख़त में रामगोपाल ने लिखा है, जहां अखिलेश वहां विजय। इस ख़त के सामने आने के बाद समझौते की राह तलाशते नेताओं को झटका तो लगा ही साथ ही पार्टी के टूटने की संभावनाएं भी बढ़ती नज़र आने लगी हैं।

राम गोपाल यादव ने मुलायम से बात की। उन्होंने शिवपाल और उनकी टीम पर करप्शन, व्यभिचार के आरोप लगाए हैं। राम गोपाल यादव पूरी तरह से सीएम अखिलेश के सपोर्ट में खड़े हैं। ऐसे में आज 11 बजे से सीएम आवास पर होने वाली बैठक काफी महत्वपूर्ण हो गई है। बैठक में मंत्रियों और विधायकों को बुलाया गया है।

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