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Ratan Tata Investment: वृद्धों के लिए युवा साथी देने की अनोखी सेवा

Ratan Tata Investment: गुडफेलो को वरिष्ठ नागरिकों को युवा साथियों के साथ दादा-दादी और पोते-पोतियों के रूप में जोड़ने और एक परिवार जैसे बंधन को फिर से बनाने के लिए बनाया गया है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 17 Aug 2022 11:37 AM IST
Ratan Tata Investment
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वृद्धों के लिए युवा साथी देने की अनोखी सेवा (photo: social media)

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Ratan Tata Investment: वृद्धावस्था में अकेलापन बहुत बड़ी समस्या है। घर में अकेले पड़े बूढ़े लोगों को जब मदद की जरूरत होती है तो उनके पास कोई नहीं होता। ऐसे लोगों की मदद के लिए भारत में एक स्टार्टअप ने अनोखी सेवा शुरू की है जिसका नाम है "गुडफेलो।" कल ही टाटा संस के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा ने मुंबई में इसे लॉन्च किया है। गुडफेलो स्टार्ट-अप की स्थापना रतन टाटा के कार्यालय में एक महाप्रबंधक शांतनु नायडू ने की है। टाटा ने स्टार्ट-अप के लिए पूंजी भी उपलब्ध कराई है। नायडू के अनुसार, गुडफेलो को वरिष्ठ नागरिकों को युवा साथियों के साथ दादा-दादी और पोते-पोतियों के रूप में जोड़ने और एक परिवार जैसे बंधन को फिर से बनाने के लिए बनाया गया है। गुडफेलो वही करेगा जो एक पोता करता है।

उन्होंने कहा, "किराने की खरीदारी के लिए वरिष्ठों के साथ जाना हो या डॉक्टरों की क्लीनिक में साथ जाना हो, सैर-सपाटे और सैर के लिए जाना हो, उन्हें विभिन्न तकनीक का उपयोग करना सिखाना हो, या चाय पर बातचीत करना हो, हमारे साथी इसके लिए उपलब्ध हैं।"

लॉन्चिंग का औपचारिक कार्यक्रम दक्षिण मुंबई में

गुडफेलो की लॉन्चिंग का औपचारिक कार्यक्रम दक्षिण मुंबई में कफ परेड में रतन टाटा के हाथों शुरू किया गया है लेकिन गुडफेलो ने पिछले छह महीनों में सफलतापूर्वक "बीटा चरण" पूरा कर लिया है। शुरुआती चरण में मुम्बई से सावधानीपूर्वक जांचे गए 20 युवा साथियों इसमें शामिल किया गया है और उन्हें दादा-दादी के साथ जोड़ा गया है। अगले कुछ महीनों में, नायडू ने मुंबई और पुणे, चेन्नई और बैंगलोर के भीतर परियोजना का विस्तार करने की योजना बनाई है। गुडफेलो वरिष्ठ नागरिकों को यात्रा में एक युवा साथी के साथ जाने की भी सुविधा प्रदान करेगा।

लॉन्च के मौके पर टाटा ने कहा - "मैं इस प्रयास को सलाम करता हूं जो बदले में कुछ भी उम्मीद किए बिना किसी अन्य व्यक्ति की खुशी को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए अपना समय और प्रयास देता है। मैं उन साथियों को सलाम करता हूं जो ऐसा कर रहे हैं।" उन्होंने कहा -"आप नहीं जानते कि अकेले रहना कैसा होता है। जब तक आप अकेले समय व्यतीत नहीं करते आपको पता नहीं चलता। जब तक आप बूढ़े नहीं हो जाते हैं,तब तक आपको कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन साहचर्य, जिसे हम सभी हल्के में लेते हैं, उससे कहीं अधिक लेता है।"

युवा स्नातकों से 800 आवेदन प्राप्त

कार्यक्रम के बीटा चरण के लिए, नायडू को युवा स्नातकों से 800 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 20 को शॉर्टलिस्ट किया गया। सहानुभूति, दया और विश्वसनीयता के लिए इन-हाउस साइकोमेट्रिक परीक्षण के साथ आवेदकों की सावधानीपूर्वक जांच की गई। टीम, आवेदकों की पृष्ठभूमि की जांच और फाइनलिस्ट का पुलिस सत्यापन भी करती है। नायडू ने कहा कि, "हमें कई लोगों ने खारिज कर दिया और कहा कि आप दादा-दादी और उनके पोते-पोतियों के बीच संबंध नहीं बना सकते। वह बंधन दुर्लभ है, लेकिन यह भी सच है कि हमने उस पीढ़ी को हल्के में लिया है। यह अब धीरे-धीरे बदल रहा है, लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि हमारे पास आने वाले हर साथी का दिल दयालु हो, ताकि सतही के बजाय प्रामाणिक बंधन बन सकें।"

वरिष्ठ नागरिक गुडफेलो की वेबसाइट पर साइन अप कर सकते हैं। इसकी सदस्यता का पहला महीना मुफ्त है, उसके बाद गुडफेलो मामूली मासिक शुल्क लेता है। गुडफेलो से जुड़ने वाले युवाओं के पास तीन महीने, छह महीने या नौ महीने के लिए इंटर्नशिप लेने का विकल्प होता है, ताकि फेलो और उनके साथ जोड़े गए वरिष्ठ नागरिकों के बीच जैविक बंधन बन सकें। गुडफेलो अब पूर्णकालिक कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए भी काम करेगा। ताकि जो इसे करियर के रूप में लेनाचाहते हैं वह इससे जुड़ सकें।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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