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गठबंधन तो टूटना ही था, लालू की राजनीति में ईमानदारी की कोई जगह नहीं
नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले जनता दल (युनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार को ही यह फैसला करना है कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन कर राज्य में नई सरकार गठित करना चाहते हैं या नहीं।
नीतीश के इस्तीफा देने के बाद यहां केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री ने कहा, "गठबंधन तो टूटना ही था। लालू प्रसाद की राजनीति में ईमानदारी और नैतिक मूल्यों की कोई जगह नहीं है। उनमें जरा भी समन्वय नहीं था..सिर्फ सुविधा के चलते यह गठबंधन टिका हुआ था। इस तरह के गठबंधन लंबे समय तक नहीं चलते।"
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नीतीश कुमार को भाजपा द्वारा समर्थन दिए जाने की संभावना पर रवि शंकर प्रसाद ने कहा, "नीतीश को अपने भविष्य का फैसला खुद करना होगा। नीतीश केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने भाजपा के समर्थन से बिहार में आठ वर्षो तक सत्ता संभाली। हमने उन्हें नहीं छोड़ा था, बल्कि उन्होंने ही 2013 में हमारा साथ छोड़ दिया था।"
प्रसाद ने कहा कि लालू प्रसाद ने साफ कर दिया था कि भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद उनके बेटे तेजस्वी यादव सरकार से इस्तीफा नहीं देंगे।
नीतीश कुमार ने बुधवार को गठबंधन चलाने की परिस्थितियां न होने का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया।