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RBI जून में आखिरी बार ब्याज दरों में कर सकता है कटौती : IHS मार्किट

रिजर्व बैंक जून में होने वाली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो में एक और कटौती कर सकता है। उसके बाद मुद्रास्फीति और राजकोषीय घाटे की आशंका से साल के बचे हुए महीनों में रेपो में कटौती की गुंजाइश कम होगी।

Rishi
Published on: 8 May 2019 12:06 PM
RBI जून में आखिरी बार ब्याज दरों में कर सकता है कटौती : IHS मार्किट
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नई दिल्ली : रिजर्व बैंक जून में होने वाली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो में एक और कटौती कर सकता है। उसके बाद मुद्रास्फीति और राजकोषीय घाटे की आशंका से साल के बचे हुए महीनों में रेपो में कटौती की गुंजाइश कम होगी। वैश्विक स्तर पर बाजार संबंधी सूचनाएं उपलब्ध कराने वाली लंदन की फर्म आईएचएस मार्किट ने बुधवार को एक रपट में यह जानकारी दी।

केंद्रीय बैंक ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये इस साल फरवरी और अप्रैल में रेपो दर में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती की। इस समय आरबीआई की यह दर 6 प्रतिशत वार्षिक है जिस पर वह बैंकों को एक दिन के लिए नकद धन उधार देता है।

वैश्विक मौद्रिक नीति कार्रवाई तथा उसका आर्थिक प्रभाव के बारे में लंदन की आईएचएस मार्किट ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आरबीआई 2020 की शुरूआत से मध्य के बीच मौद्रिक नीति को कड़ा कर सकता है।

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रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में नरमी तथा देश में महंगाई दर के आरबीआई के मुद्रास्फीति लक्ष्य से नीचे रहने के साथ ऐसी संभावना है कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दर में और कटौती कर सकता है।

इसमें कहा गया है, ‘‘जून के बाद मुद्रास्फीति दबाव तथा राजकोषीय घाटा बढ़ने की आशंका को देखते हुए नीतिगत दर में और कटौती की गुंजाइश सीमित होगी। हमारा अनुमान है कि जून के बाद 2019 में नीतिगत दर में कटौती नहीं होगी जबकि 2020 की शुरूआत से मध्य के बीच मौद्रिक नीति को कड़ा किया जा सकता है।’’

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रिपोर्ट के अनुसार 2019 की पहली तिमाही में मौद्रिक नीति में नरमी के साथ कर्ज नियमों में ढील तथा चुनावों के दौरान खर्च बढ़ने से 2019-20 की पहली छमाही में वृद्धि को कुछ गति मिलेगी।

इसमें यह भी कहा गया है कि आने वाले महीनों में खासकर मानसून के सामान्य से कमजोर रहने के अनुमान को देखते हुए खाद्य पदार्थ तथा ईंधन के दाम में तेजी आने की आशंका है। इससे सकल महंगाई दर (हेडलाइन मुद्रास्फीति) 5 प्रतिशत से ऊपर निकल सकती है। 2019 में इसके औसतन 4.2 प्रतिशत तथा 2020 में 5.3 प्रतिशत रहने की संभावना है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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