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सावधान खाताधारक: इन सरकारी योजनाओं पर आरबीआई का बड़ा ऐलान
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की अंतिम मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव की जरूरत है।
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की अंतिम मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव की जरूरत है। अगली तिमाही में पब्लिक प्रोविडेंट फंड, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घट सकती हैं।
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बता दें कि सरकार प्रत्येक तिमाही छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें तय करती हैं। सरकार ने जनवरी-मार्च तिमाही में लघु बचत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। RBI ने मौद्रिक पॉलिसी समिति ने ऑब्जर्व किया है कि अर्थव्यवस्था लगातार कमजोर हो रही है और आउटपुट गैप लगातार नकारात्मक बना हुआ है।
रेपो रेट में गिरावट की जा सकती है
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि रेपो रेट में आगे गिरावट की जा सकती है। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव की जरूरत बताई है।
इससे पहले, इसी हफ्ते सोमवार को आर्थिक कार्य विभाग के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने अगली तिमाही में लघु बचत ब्याज दरों को घटाने के संकेत दिए थे। उनका कहना था कि इसे बाजार दरों के अनुरूप संतुलित बनाया जा सकता है।
114 लाख करोड़ रुपये बैंक जमा के रूप में हैं
इससे नीतिगत दरों के लाभ को तेजी से आम लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलने की संभावना है। फिलहाल, देश में लगभग 12 लाख करोड़ रुपये लघु बचत योजनाओं में और करीब 114 लाख करोड़ रुपये बैंक जमा के रूप में हैं। इससे बैंकों की देनदारी इन 12 लाख करोड़ रुपये से प्रभावित हो रही है।
चक्रवर्ती ने कहा, लघु बचतों की ब्याज दर का कुछ जुड़ा बाजार दरों से होना चाहिए जो बड़े स्तर पर सरकारी प्रतिभूतियों से प्रभावित होती हैं। चक्रवर्ती ने कहा कि श्यामला गोपीनाथ समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया है, लेकिन ब्याज दरों को बाजार दरों से जोड़ने का काम चल रहा है।
इस तिमाही के लिए ब्याज दरों का इंतजार कीजिए, यह आपको लगभग-लगभग अच्छे संकेत देगा।
छोटी बचत योजनाओं की मौजूदा ब्याज दरें>> पब्लिक प्रोविडेंट फंड 7.9%
>> सुकन्या समृद्धि योजना 8.4%
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना : 8.6%
>> नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स : 7.9%
>> किसान विकास पत्र : 7.6%
>> नेशनल सेविंग्स मंथली इनकम अकाउंट : 7.6%
>> नेशनल सेविंग्स रेकरिंग डिपॉटिज अकाउंट: 7.2%
बैंकों की डिपॉजिट ब्याज दर और लघु बचत दरों में करीब 1% का अंतर
बैंकों का कहना है कि लघु बचतों पर ऊंचे ब्याज से उन्हें अपनी जमा ब्याज दरों में कटौती करने में दिक्कत आ रही है। एक साल की परिपक्वता अवधि के लिए बैंकों की जमा ब्याज दर और लघु बचत दरों में करीब एक प्रतिशत का अंतर है। उन्होंने कहा कि भले सरकार लघु बचत योजनाओं पर निर्भर नहीं है, लेकिन सरकार का इन योजनाओं को समाप्त करने का कोई इरादा नहीं है क्योंकि लोग इसका इस्तेमाल करते हैं।