×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

15 साल की ऊबन और गुस्से से छत्तीसगढ़ में आया ‘भाजपा से मुक्ति’ का जनादेश

Shivakant Shukla
Published on: 11 Dec 2018 4:44 PM IST
15 साल की ऊबन और गुस्से से छत्तीसगढ़ में आया ‘भाजपा से मुक्ति’ का जनादेश
X

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जबरदस्त जनादेश मिला है। ऐसा जनादेश जिसकी खुद कांग्रेस ने उम्मीद नहीं की थी।छत्तीसगढ़ में जनता ने ‘भाजपा से मुक्ति’ का जनादेश दिया है। तीन टर्म से रमन सिंह सरकार और भाजपा शासन के लिए ये बड़ा झटका है। भाजपा यहाँ क्यों हारी और कांग्रेस क्यों जीती, इसके तमाम कारण हो सकते हैं लेकिन सबसे बड़ा कारण है रमन सिंह की भाजपा सरकार से जनता की नाराजगी और 15 साल से चली आ रही एक ही सरकार के प्रति ऊबन।

ये भी पढ़ें- क्या इसबार EVM के माथे से मिटेगा कलंक, लगता तो नहीं है

भाजपा शायद जनता के मिजाज को भांप भी नहीं पाई

लोगों की नाराजगी का एक कारण रहा रमन सिंह सरकार में निचले स्तर का प्रशासन,जहाँ भ्रष्टाचार बेलगाम हो गया था। आम जन में वहीँ पर सर्वाधिक नाराजगी थी। भाजपा शायद जनता के मिजाज को भांप भी नहीं पाई थी, तभी पिछली बार के 36 विधायकों और 13 मंत्रियों को दोबारा टिकट दे दिया गया। इसका मैसेज ये चला गया कि रमन सिंह और उनकी पार्टी अपनी ही ऐंठ में हैं।

ये भी पढ़ें- 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों में BJP की हालत पस्त, कांग्रेस का विजयी कमबैक

छत्तीसगढ़ में सबसे चौकाने वाली बात जोगी कांग्रेस के प्रदर्शन की रही। माना जा रहा था कि अजीत जोगी और बसपा का गठबंधन कांग्रेस के ही परंपरागत वोट कटेगा लेकिन असलियत में ऐसा नहीं हुआ। वोट तो कटे लेकिन भाजपा के। जनता में सरकार के प्रति इतनी नाराजगी थी कि भाजपा के पक्ष में वोट नहीं दिए गए बल्कि भाजपा प्रत्याशी को हराने वाला सक्षम प्रत्याशी जहाँ दिखा लोगों से उसी के पक्ष में बटन दबा दिया। एंटी भाजपा वोट का फायदा जोगी-बसपा गठजोड़ को भी मिला। ये कह सकते हैं कि लोगों से भाजपा को हराने के पक्ष में वोट दिए।

युवा वर्ग भी रमन सिंह से संतुष्ट नहीं था, वजह थी– बेरोजगारी

राज्य में किसान भाजपा सरकार से काफी नाराज रहा। इसकी वजह थी धान का सही मूल्य नहीं मिलना। रमन सिंह सरकार इस मुद्दे पर किसानों की नाराजगी दूर करने के उपाय करने में विफल रही थी। किसानों के बाद आदिवासी भी सरकार से बेहद नाराज थे। रमन सिंह सरकार पर आदिवासियों के दमन, उनके अधिकार छीनने, निजी क्षेत्र को खुली छोट दे कर आदिवासियों के इलाकों में बर्बादी लाने के आरोप लगते रहे थे। इनके कारण आदिवासियों ने भाजपा के खिलाफ वोट डाला। युवा वर्ग भी रमन सिंह से संतुष्ट नहीं था, वजह एक ही थी– बेरोजगारी। ये भी भाजपा के लिए भारी पडी।

ये भी पढ़ें- हैप्पी बर्थडे ‘प्रणब दा’: इस वजह से PM नहीं बन पाये मुखर्जी

रमन सिंह 15 साल से सरकार चला रहे थे। लोगों ने बदलाव का मन बना लिया था और वही हुआ भी। इसका फायदा कांग्रेस ने सही रणनीति बना कर उठाया। जनता की नब्ज भांपते हुए कांग्रेस ने वही वही वादे किये जो जनता चाहती थी। बहरहाल, इस राज्य के नतीजों ने साबित कर दिया कि 15 साल तक सत्ता से बाहर रहने के बावजूद कांग्रेस ने अपनी जमीनी पकड़ खोयी नहीं है। ये बात गुजरात और पंजाब के चुनावों में भी सामने आ चुकी है।



\
Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

Next Story