×

मंदी में महासेल: कारोबार में 51 फीसदी सालाना इजाफा

raghvendra
Published on: 8 July 2023 1:33 PM IST
मंदी में महासेल: कारोबार में 51 फीसदी सालाना इजाफा
X

नई दिल्ली: आर्थिक मंदी और मांग में कमी की चर्चा के बीच ई-कॉमर्स साइटों-अमेजन, स्नैपडील और फ्लिपकार्ड पर दशहरा और दिवाली के त्योहारी सीजन पर हुई भारी बिक्री कुछ और बयां करती है। परम्परागत बाजारों में पसरा सन्नाटा और ई-कॉमर्र्स कंपनी की महासेल अलग-अलग कहानी कह रहे हैं। दोनों एक दूसरे से अलग चित्र पेश करते है। ई-कॉमर्र्स कंपिनयों ने अपनी महासेल को तीन चक्रों में प्लान किया है। पहले चक्र की बिक्री ने ही मंदी का रोना रोने वालों की आंखें खोलकर रख दी हैं। छह दिन की इस महासेल में पिछले साल की तुलना में 50 से 100 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। एक हफ्ते से कम समय की इस बिक्री में करीब पांच अरब डॉलर के कारोबार की उम्मीद जताई गई है।

इसमें तकरीबन 1.8 अरब डॉलर यानी सवा खरब रुपए के स्मार्टफोन बिकेंगे। खरीददारी का यह टे्रंड केवल मोबाइल तक ही सीमित नहीं है। ये सभी कैटेगरी के सामानों में नजर आ रहा है। बिक्री का यह आलम तब है जब एफडीआई कानूनों में सख्ती के कारण ई-कॉमर्र्स कंपनियां डीप डिस्काउंट नहीं दे रही हैं। त्योहार का यह सीजन केरल ओणम के साथ शुरू हुआ और नवरात्रि-दुर्गापूजा होता हुआ धनतेरस-दीपावली तक जाएगा। इस महासेल ने ई-कॉमर्स कंपनियों के द्वार छोटे शहरों के लिए भी खोल दिए हैं।

फ्लिपकार्ड, अमेजन और पेटीएम जैसी कंपनियों की नजर भारत के उस कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक मार्केट पर है जिसका बाजार दो ट्रिलियन रुपए के बराबर बैठता है। यही नहीं भारत में 2022 तक 829 मिलियन स्मार्टफोन धारकों की संख्या का अनुमान लगाया जा रहा है। इस साल के पहले क्वार्टर में 52 मिलियन स्मार्टफोन बिके। स्मार्टफोन की बिक्री 7 फीसदी की दर से बढ़ रही है। ऑनलाइन कंपनियों की नजर इस पर टिकी हुई है। ई-कॉमर्र्स कंपनियों के कारोबार में भी 51 फीसदी सालाना का इजाफा हो रहा है। इन कंपनियों की 2017 में 39 बिलियन डॉलर की आमदनी हुई थी। 2020 में इस धनराशि के 120 बिलियन डॉलर होने की संभावना है। एक अनुमान के मुताबिक 2026 में ई-कॉमर्र्स कंपनियों का काराबोर 200 बिलियन डॉलर का हो सकता है। ऑनलाइन बिक्री को लेकर बढ़ता आकर्षण यह बताता है कि ग्राहकों का भरोसा इनके प्रति मजबूत हुआ है। ग्राहक यह मान चुके हैं कि ऑनलाइन सामान सबसे सस्ता होता है। प्यूमा इंडिया ने पिछले साल के मुकाबले इस साल फेस्टिवल सीजन में दोगुनी कमाई कर डाली है। फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण कृष्णामूर्ति ने कहा है कि कंपनी ने फैशन, ब्यूटी, निजी उपयोग के सामान और फर्नीचर में पिछले साल की महासेल की तुलना में काफी बढ़ोतरी दर्ज की है।

इस खबर को भी देखें: RBI ने ब्याज दर घटाकर दिया दिवाली का तोहफा, आपको EMI पर मिलेगी राहत

फेस्टिवल सेल के चलते ऑनलाइन कंपनियों को ऑर्डर पूरे करने के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार में काफी इजाफा करना पड़ा है। उधर, ई-कॉमर्र्स साइटों के इस कारोबार से आम व्यापारियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। इनका मानना है कि सेल के नाम पर रियायती कीमत देकर यह कंपनियां राजस्व का नुकसान कर रही हैं।

ई-कॉमर्स साइटों पर रिकॉर्ड विक्रेता

इस बार की सेल में रिकार्ड संख्या में विक्रेताओं ने ई कामर्स साइटों पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। ग्राहक खींचने के लिए तमाम ब्रांडों और विक्रेताओं ने खुद अपनी तरफ से बढिय़ा डिस्काउंट दिए हैं। वैसे, सेल का सिलसिला तो अभी शुरू ही हुआ है। अमेजन और फ्लिपकार्ट दिवाली तक अभी दो-तीन और सेल आयोजित करने वाले हैं। ब्रांडों की बात करें तो बीपीएल इंडिया ने न्यूनतम मार्जिन पर अपने प्रोडक्ट्स ई कामर्स पर उतारे हैं। इससे न सिर्फ बिक्री बढ़ी है बल्कि ग्राहकों का ये भरोसा भी मजबूत हुआ है कि ऑनलाइन सामान सबसे सस्ता होता है।

92 फीसदी आर्डर नॉन मेट्रो शहरों से

ई कामर्स साइट स्नैपडील ने कहा है कि त्योहारी सेल के पहले चरण में उसे जितने आर्डर मिले हैं उसमें 92 फीसदी नॉन-मेट्रो शहरों से हैं। भरूच (गुजरात), पाली (राजस्थान), तेजपुर (असम) और पारादीप (ओडीशा) जैसे शहरों से इस बार बिजनेस काफी बढ़ा है। ये सभी छोटे शहर माने जाते हैं। कंपनी के अनुसार इससे पता चलता है कि छोटे शहरों में अब ई कॉमर्स की मजबूत हिस्सेदारी है। स्नैपडील की साइट पर पांच लाख रजिस्टर्ड विक्रेता हैं।

वन प्लस ने की दो दिन में 500 करोड़ की बिक्री

चीन की प्रीमियम स्मार्टफोन कंपनी वन प्लस ने अमेजन पर त्योहारी सेल में मात्र दो दिनों में ५०० करोड़ रुपए की बिक्री कर डाली है। न सिर्फ वन प्लस के महंगे स्मार्टफोन बल्कि हाल में लांच स्मार्ट टीवी की जबर्दस्त बिक्री हुई। इस कंपनी ने पिछले साल की तुलना में 100 फीसदी ग्रोथ दर्ज की है।

शियोमी ने बेचे 15 लाख मोबाइल

चीन की मोबाइल फोन निर्माता कंपनी शियोमी ने रिकार्डतोड़ 15 लाख मोबाइल अलग-अलग साइटों पर बेच डाले हैं। कंपनी को उम्मीद है कि सीजन की समाप्ति तक अंतिम आंकड़ा 50 लाख के आसपास बैठेगा।

अमेजन ने हवा किए मंदी के दावे

अमेजन ने अपनी फेस्टिवल सेल में इतनी ज्यादा बिक्री दर्ज की है जिससे मंदी के सभी दावे हवाई साबित होते दिख रहे हैं। सेल के पहले 36 घंटे में ही एपल, सैमसंग और वन प्लस के प्रीमियम स्मार्टफोन की 750 करोड़ की बिक्री दर्ज की गई। कंपनी के 91 फीसदी नए ग्राहक छोटे शहरों के रहे हैं। अमेजन ग्लोबल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और भारत के प्रमुख अमित अग्रवाल ने कहा कि किफायती योजना के चलते रिकॉर्ड ग्राहकों ने वन प्लस, सैमसंग और एपल जैसे प्रीमियम ब्रांड के मोबाइल फोन खरीदे। इसी तरह बड़े सामान और टीवी की बिक्री में पहले 36 घंटे में दस गुना का इजाफा हुआ। इसके अलावा आम दिनों की तुलना में फैशन में पांच गुना, ब्यूटी प्रोडक्ट में सात गुना, रोजमर्रा के सामान में 3.5 गुना की बढ़ोतरी हुई है। खरीदारी करने वालों में से आधे ग्राहक टीयर 2 और छोटे शहरों से थे। पहले 36 घंटे में करीब 42,500 विक्रेताओं ने कम से कम एक ऑर्डर जरूर प्राप्त किया।

इस खबर को भी देखें: शशि थरूर का मोदी सरकार पर बड़ा बयान, जम्मू-कश्मीर मसले पर कांग्रेस का समर्थन

जियो का बड़ा एलान

दशहरा-दिवाली सेल में रिलायंस जियो ने भी बड़ा एलान किया है जिसके तहत 1500 रुपए वाला जियो फोन मात्र 699 रुपए में मिल रहा है। इस ऑफर के लिये किसी पुराने फोन के एक्सचेंज की जरूरत नहीं है। इसका मतलब ये हुआ कि ग्राहक इस पर सीधे-सीधे 800 रुपये सेव कर सकते हैं। बता दें कि जियो फोन एक फीचर फोन है, जिसमें आप गूगल आसानी से चला सकते हैं। यही नहीं, इसमें आप व्हाट्सएप भी चला सकते हैं। जियो फोन खरीदने वाले ग्राहकों को दिवाली 2019 ऑफर के तहत कंपनी 700 रुपये का डेटा भी देगी मगर इसके लिए आपको रिचार्ज कराना होगा। पहले 7 रिचार्ज के बाद जियो की तरफ से कस्टमर्स के अकाउंट में 99 रुपये का डेटा ऐड कर दिया जाएगा। आपको डायरेक्ट 700 का डेटा नहीं मिलेगा बल्कि 700 रुपये का डेटा एडिशनल है।

मर्सिडीज बेंज भी ई कॉमर्स के मंच पर

ई कॉमर्स के मंच पर अब मर्सिडीज बेंज भी आ गई है। कंपनी साइट पर नई व पुरानी कारें बेचेगी। कंपनी का अनुमान है कि अगले पांच साल में भारत में कुल बिक्री का 25 फीसदी हिस्सा ई कॉमर्स के जरिए होगा।

ऑर्डर पूरा करने के लिए लाखों को रोजगार

फेस्टिव सीजन में बिक्री के लिए अमेजन इंडिया और फ्लिपकार्ट ने अपनी त्योहारी सेल पर लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है। फ्लिपकार्ट ने कहा कि उसने अपनी ग्राहक सहायता, लॉजिस्टिक, सप्लाई चेन में 50,000 से अधिक लोगों को सीधे रोजगार दिया है। फ्लिपकार्ट ने कहा कि उसकी सेल के दौरान विक्रेताओं के नेटवर्क के माध्यम से पिछले साल के मुकाबले इस बार 30 प्रतिशत अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा हुआ है। सेल के दौरान कंपनी के साथ काम कर रहे लोगों की संख्या साढ़े छह लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। अमेजन ने भी कहा कि उसने अपने सप्लाई सेंटर्स, सामान को छांटने वाले केंद्रों, डिलीवरी केंद्रों और सहयोगी नेटवर्क एवं ग्राहक देखभाल सेवा क्षेत्र में 90,000 लोगों को अस्थायी आधार पर रोजगार उपलब्ध कराया है। कंपनी का कहना है कि इसका मकसद लोगों को सामान की समय से आपूर्ति और ग्राहकों के लिए बेहतर अनुभव सुनिश्चित करना है। इतनी भारी संख्या में लोगों को रखने से समझा जा सकता है कि इन ई कॉमर्स साइटों पर कितने ऑर्डर पहुंच रहे होंगे।

ई कामर्स साइटों से ट्रेडर्स नाराज

ई कामर्स साइटों ने पारम्परिक व्यवसायी नाराज हैं। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने कहा है कि त्योहारी सीजन के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियां वास्तविक मूल्य के बजाय रियायती मूल्य पर जीएसटी लगाकर सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा रही हैं। संगठन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भी लिखा है। संगठन का कहना है कि त्योहारी बिक्री के नाम पर छूट देना सरकार की एफडीआई नीति का उल्लंघन है। ऐसी फेस्टिवल सेल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।

कन्फेडरेशन ने कहा है कि पंजीकृत व्यापारी अमेजन व फ्लिपकार्ट पर ग्राहकों को कीमतों में छूट देते हैं। इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं होती है। ये विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां सरकार की एफडीआई नीति का उल्लंघन कर रही हैं। उन्हें केवल बिजनेस टू बिजनेस कारोबार की अनुमति है तो वे फेस्टिवल सेल का लालच क्यों दे रहे हैं। खंडेलवाल ने सवाल किया कि फ्लिपकार्ट पर पंजीकृत एक लाख और अमेजन पर पंजीकृत पांच लाख विक्रेताओं में से पिछले 5 साल में किन 10 विक्रेताओं ने सर्वाधिक सामान बेचा है। उन्होंने दावा किया कि 10 कंपनियों का एक ही समूह लगभग 80 फीसदी माल बेच रहा है।

raghvendra

raghvendra

राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

Next Story