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Red Corner Notice: 69 हजार से ज्यादा जारी हैं इंटरपोल की 'रेड कॉर्नर नोटिस', ये कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं

Red Corner Notice: अब रेड कॉर्नर नोटिस की लिस्ट में गोल्डीबरार का नाम भी आ गया है जिसपर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल होने का आरोप है। आइए जानें क्या होता है ये रेड कॉर्नर नोटिस...

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 10 Jun 2022 5:28 PM IST
interpol
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interpol। (Social Media)

Red Corner Notice मेहुल चौकसी, नीरव मोदी, नीशाल मोदी और शुभाश परब, जाकिर नाइक, मसूद अजहर, मोहम्मद मंसूर खान, मलकियत सिंह, हरलीन कौर समेत अनेक लोगों में एक चीज कॉमन है - इन सबके खिलाफ इंटरपोल की रेड कॉर्नर (interpol red corner) नोटिसें हैं। इस लिस्ट में एक नाम शिवराम कुरुप सुकुमार (Shivram Kurup Sukumar) का भी है जो सन 1984 यानी 38 साल से गायब है। अब रेड कॉर्नर नोटिस की लिस्ट में गोल्डीबरार का नाम भी आ गया है जिसपर सिद्धू मूसेवाला की हत्या (Sidhu Moose Wala murder) में शामिल होने का आरोप है।

बहरहाल, ये जान लीजिए कि वर्तमान में इंटरपोल की लगभग 69,270 वैध रेड नोटिस हैं, जिनमें से कुछ 7,500 सार्वजनिक हैं। 2021 में इंटरपोल ने 10,776 रेड नोटिस जारी किए थे। रेड कॉर्नर नोटिस (red corner notice) और इंटरपोल शब्दों का एक साथ इस्तेमाल होते हुए अक्सर सुना जाता है और ज्यादातर लोग यह समझते हैं कि 'इंटरपोल' का मतलब अंतरराष्ट्रीय पुलिस है और 'रेड कॉर्नर नोटिस' गिरफ्तारी का वारंट जैसा है। लोग यह मानते हैं कि एक बार 'इंटरपोल' द्वारा 'रेड कॉर्नर नोटिस' जारी किए जाने के बाद, संबंधित अपराधी को गिरफ्तार कर भारत लाया जाएगा और फिर जेल में डाल दिया जाएगा। दुर्भाग्य से, यह इतना आसान नहीं है और इसलिए इन दो शब्दों को समझना जरूरी है।

इंटरपोल क्या है?

अपनी वेबसाइट के अनुसार, इंटरपोल का मतलब 'अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन' है। यह 194 सदस्य देशों के साथ एक अंतर-सरकारी संगठन है। इंटरपोल अपने सभी सदस्य देशों की पुलिस को मिलकर काम करने में मदद करता है। ऐसा करने के लिए, इंटरपोल अपने सदस्य देशों की पुलिस को अपराधों और अपराधियों से संबंधित डेटा साझा करने और एक्सेस करने में सक्षम बनाता है, और कई प्रकार की तकनीकी और ऑपरेशनल सहायता प्रदान करता है।

इंटरपोल का सामान्य सचिवालय महासचिव (General Secretariat General Secretariat of Interpol) द्वारा चलाया जाता है और ये इसकी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों का समन्वय करता है। इस सचिवालय में पुलिस और नागरिकों दोनों काम करते हैं और इसका मुख्यालय फ्रांस के ल्योन में है। सिंगापुर में नवाचार के लिए एक वैश्विक परिसर और विभिन्न क्षेत्रों में कई सैटेलाइट कार्यालय भी हैं। प्रत्येक देश में, एक इंटरपोल राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी) सामान्य सचिवालय और अन्य देशों के एनसीबी के लिए संपर्क का केंद्रीय बिंदु होता है। आमतौर पर यह संबंधित देश में पुलिसिंग के लिए जिम्मेदार सरकारी मंत्रालय में बैठता है।

इंटरपोल द्वारा जारी नोटिस

  • इंटरपोल वेबसाइट के अनुसार "इंटरपोल नोटिस सहयोग या अलर्ट के लिए अंतर्राष्ट्रीय अनुरोध हैं जो सदस्य देशों में पुलिस को महत्वपूर्ण अपराध-संबंधी जानकारी साझा करने की अनुमति देते हैं। राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के अनुरोध पर सामान्य सचिवालय द्वारा नोटिस प्रकाशित किए जाते हैं और हमारे सभी सदस्य देशों को उपलब्ध कराए जाते हैं।"
  • नोटिस का उपयोग संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण और अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय द्वारा उन व्यक्तियों की तलाश के लिए भी किया जा सकता है जो अपने अधिकार क्षेत्र में अपराध, विशेष रूप से नरसंहार, युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध, के लिए वांछित हैं।
  • अधिकांश नोटिस सिर्फ पुलिस के उपयोग के लिए होती हैं और जनता के लिए उपलब्ध नहीं कराई जाती हैं। हालांकि, कुछ मामलों मेंजनता को सचेत करने के लिए, या जनता से मदद का अनुरोध करने के लिए इंटरपोल की साइट पर नोटिस का एक अंश प्रकाशित किया जा सकता है। दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र विशेष नोटिस सार्वजनिक होते हैं।

कॉर्नर जैसी कोई बात नहीं

मीडिया में 'रेड कॉर्नर नोटिस' के बारे में बताया जाता है, लेकिन संयोग से इंटरपोल की वेबसाइट में बताए गए आधिकारिक वर्गीकरण में 'कॉर्नर' शब्द नहीं है। साथ ही, अन्य तरह की नोटिस भी हैं, जो अलग अलग रंगों के नाम पर होती हैं। प्रत्येक रंग के साथ अपने उद्देश्य का प्रतिनिधित्व करने वाले रंगों का कोड होता है।

  • रेड नोटिस : अभियोजन या सजा काटने के लिए वांछित व्यक्तियों के स्थान की तलाश करना और गिरफ्तारी।
  • येलो नोटिस : लापता व्यक्तियों, अक्सर नाबालिगों का पता लगाने में मदद करने के लिए, या उन लोगों की पहचान करने में मदद करने के लिए जो खुद को पहचानने में असमर्थ हैं।
  • ब्लू नोटिस : किसी अपराध के संबंध में किसी व्यक्ति की पहचान, स्थान या गतिविधियों के बारे में अतिरिक्त जानकारी एकत्र करना।
  • ब्लैक नोटिस : अज्ञात शवों के बारे में जानकारी लेने के लिए।
  • ग्रीन नोटिस : किसी व्यक्ति की आपराधिक गतिविधियों के बारे में चेतावनी देने के लिए, जहां व्यक्ति को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए संभावित खतरा माना जाता है।
  • ऑरेंज नोटिस : सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर और आसन्न खतरे का प्रतिनिधित्व करने वाली किसी घटना, व्यक्ति, वस्तु या प्रक्रिया की चेतावनी देने के लिए।
  • वायलेट नोटिस : अपराधियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले तौर-तरीकों, वस्तुओं, उपकरणों और छिपाने के तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करना या प्रदान करना।

इंटरपोल रेड नोटिस को इस तरह से परिभाषित करता है :"रेड नोटिस दुनिया भर में कानून प्रवर्तन के लिए एक अनुरोध है कि प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण, या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई के लिए लंबित व्यक्ति का पता लगाया जाए और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार किया जाए।

इसमें दो मुख्य प्रकार की जानकारी होती है

  • वांछित व्यक्ति की पहचान करने के लिए जानकारी, जैसे उनका नाम, जन्म तिथि, राष्ट्रीयता, बालों और आंखों का रंग, फोटो और उंगलियों के निशान यदि उपलब्ध हों।
  • वे जिस अपराध के लिए वांछित हैं, उससे संबंधित जानकारी, जो आमतौर पर हत्या, बलात्कार, बाल शोषण या सशस्त्र डकैती हो सकती है।
  • एक सदस्य देश के अनुरोध पर इंटरपोल द्वारा रेड नोटिस प्रकाशित किए जाते हैं, और इंटरपोल के संविधान और नियमों का पालन करना चाहिए। रेड नोटिस अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट नहीं है।

रेड नोटिस जारी करना अपने आप में कोई अपराध साबित नहीं करता है। हालांकि यह सही है कि नोटिस जारी करने के अपने गिरफ्तार होने की संभावना होती है।क्योंकि कई राष्ट्र नोटिस को गिरफ्तारी वारंट के रूप में ही मानते हैं, जबकि इंटरपोल द्वारा बहुत विशिष्ट विनिर्देश है कि रेड नोटिस एक अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट नहीं है।

संबंधित देश का फैसला

इंटरपोल किसी भी सदस्य देश को किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता जो रेड नोटिस का विषय है। प्रत्येक सदस्य देश अपने लिए तय करता है कि उनकी सीमाओं के भीतर रेड नोटिस देने का क्या कानूनी वजन है। ऐसे में संबंधित देश की सरकार, उनके कानून और कोर्ट पर बात जा कर टिक जाती है। अब देखना है कि गोल्डी बरार के मामले में क्या होता है।



Deepak Kumar

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