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फानी तूफान: रिलायंस फाउंडेशन की इस मुहिम चलते कम हुआ नुकसान

चक्रवाती तूफान (साइक्लोन) फानी के दौरान प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के बचाव और सुरक्षा के लिए कनेक्टिविटी अनिवार्य है। ओडीशा में आए इस चक्रवाती तूफान फानी को 20 वर्षों में लैंडफॉल करने वाला भारत का सबसे मजबूत उष्णकटिबंधीय चक्रवात कहा जाता है।

Dharmendra kumar
Published on: 4 May 2019 1:47 PM GMT
फानी तूफान: रिलायंस फाउंडेशन की इस मुहिम चलते कम हुआ नुकसान
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मुंबई: चक्रवाती तूफान (साइक्लोन) फानी के दौरान प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के बचाव और सुरक्षा के लिए कनेक्टिविटी अनिवार्य है। ओडीशा में आए इस चक्रवाती तूफान फानी को 20 वर्षों में लैंडफॉल करने वाला भारत का सबसे मजबूत उष्णकटिबंधीय चक्रवात कहा जाता है।

ऐसे में प्रियजनों का हालचाल जानने से लेकर, मौसम की स्थिति का पता लगाना हो या मदद के लिए पहुंचना हो, इस तरह की तबाही का सामना कर रहे लोगों के लिए कनेक्टिविटी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। ऐसी स्थिति को देखते हुए और सुरक्षा के लिए सक्रिय होते हुए, जियो और रिलायंस फाउंडेशन ने इसके दायरे में आने वाले सभी राज्यों के प्रभावित क्षेत्रों में सभी के लिए निर्बाध संपर्क बनाए रखने के लिए विशेष उपाय किए हैं।

नेटवर्क उपलब्धता और अपटाइम

जियो अपने नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर के पावर आउटेज के कारण संभावित डाउनटाइम को कम करने के लिए काम कर रहा है। इसके मल्टीवे रिडंडेंसी कार्यप्रणाली के माध्यम से फानी, जैसे हालात के चलते प्रभावित टावरों या नेटवर्क नोड्स को तेजी से ठीक करने की योजना बनाई गई है, जो संचार को तेजी से सामान्य बनाने के लिए ऑनलाइन बने रहने के लिए कस्टमाइज किया गया है। सभी कैप्टिव पावर स्रोतों को किसी भी अप्रत्याशित घटना के लिए डीजल या ईंधन के साथ पर्याप्त रूप से स्टॉक किया गया है।

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रिलायंस फाउंडेशन 27 अप्रैल 2019 से ही तटीय क्षेत्रों में ऐसे समुदाय जो जोखिम में हैं उनके लिए निवारक संचार और समर्थन व्यवस्था के लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के साथ काम कर रही है और जियो ने महत्वपूर्ण सूचनाओं को दूर-दूर तक प्रसारित करने के लिए अपनी डिजिटल सेवाएं प्रदान की हैं।

चक्रवात अलर्ट

जियो, 27 अप्रैल, 2019 से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के चक्रवात तूफान के रास्ते में आने वाले जिलों में लगभग 2.5 लाख मछुआरों/किसानों को नियमित चक्रवात अलर्ट और उपयोगी सूचनाओं का प्रसार कर रही है। सूचना प्रसारण प्रसार माध्यमों में मोबाइल आधारित ऑडियो सलाह (आउटबाउंड कॉल), व्हाट्सएप, जियो चैट चैनल, स्थानीय केबल टीवी स्क्रॉल और प्रिंट मीडिया आदि शामिल हैं।

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रिलायंस फाउंडेशन हेल्पलाइन: आरएफ टोल फ्री हेल्प लाइन 1800 419 8800 के माध्यम से 2,000 से अधिक पूछताछ एवं समस्याओं का समाधान किया गया है

ऑन-ग्राउंड आरएफ कार्य

जिला प्रशासन के साथ, आरएफ निचले इलाकों से अस्थायी शिविरों में लोगों को निकालने में लगी हुई है-

-2 मई को, आंध्र प्रदेश में, आरएफ ने मैरीन पुलिस के साथ मिलकर, श्रीकाकुलम जिले के चिनगंगलपाटा, पेदांगलांगपेटा और नरसिम्हापेटा जैसे गांवों में रहने वाले 350परिवारों (657 व्यक्तियों) को अस्थाई शिविरों में पहुँचने में मदद की।

-2 मई को, मछली पालन विभाग के साथ, ओडिशा के पुरी में, 31 हैमलेट (पेंटाकाटा, पुरी जिला) में 20,000 समुद्री मछली पकड़ने वाले परिवारों के लिए निकासी (निचले इलाकों से अस्थायी शिविरों में ले जाने) के बारे में एक जागरूकता अभियान चलाया गया था।

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-2 मई को, आरएफ कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर, बालेश्वर, ओडिशा द्वारा आयोजित आपदा तैयारी और समन्वय बैठक में भाग लिया और इस बात पर चर्चा की कि आरएफ डिजिटल प्लेटफॉर्म पोस्ट आपदा पुनर्वास में कैसे मदद करेंगे।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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