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Reliance 30.2 करोड़ डॉलर में सोलर कंपनी सेंसहॉक का अधिग्रहण करेगी, RIL सोलर एनर्जी के क्षेत्र में होगी मजबूत
Reliance New Deal: देश की जानी मानी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) 32 मिलियन डालर में सेंसहॉक इंक (सेंसहॉक) (sensehawk inc) का अधिग्राहण करेगी।
Reliance New Deal: देश की जानी मानी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) (Reliance Industries Limited) 32 मिलियन डालर में सेंसहॉक इंक (सेंसहॉक) का अधिग्राहण करेगी। इस अधिग्रहण के साथ ही सोलर एनर्जी (solar energy) के क्षेत्र में रिलायंस की स्थिती और मजबूत होने की उम्मीद है। सेंसहॉक एक सोलर डिजिटाइज़ेशन प्लेटफ़ॉर्म (SDP) है। जो सोलर एनर्जी के क्षेत्र में एंड टू एंड मैनेजमेंट ऑफर करता है।
बता दें कि 2018 में कैलिफ़ोर्निया में स्थापित सेंसहॉक, सौर ऊर्जा उद्योग के लिए सॉफ़्टवेयर-आधारित प्रबंधन टूल का डेवलपर है। सेंसहॉक कंपनियों को प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और सौर परियोजनाओं की योजना से लेकर उत्पादन तक व्यवस्था बनाने में मदद करता है। सेंसहॉक ने 15 देशों में फैले अपने 140 से अधिक ग्राहकों को उनकी करीब 600 साइटों पर एंड टू एंड सॉल्युशन दिए हैं।
हम अपने परिवार में सेंसहॉक का स्वागत करते हैं- मुकेश अंबानी
अधिग्रहण के बारे में जानकारी देते हुए, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने कहा कि "हम अपने परिवार में सेंसहॉक का स्वागत करते हैं। रिलायंस, ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए प्रतिबद्ध है और 2030 तक 100 GW सौर ऊर्जा बनाने में मदद करने का विजन रखती है। सेंसहॉक के सहयोग से हम सौर परियोजनाओं की लागत कम करेंगे, उत्पादकता बढ़ाएंगे और प्रदर्शन में सुधार करेंगे। मुझे विश्वास है कि आरआईएल के समर्थन से सेंसहॉक का कई गुना विकास होगा।
हम सौर ऊर्जा के ईको सिस्टम में सुधार करने के मिशन पर हैं- सेंसहॉक के सीईओ स्वरूप मवनूर
सेंसहॉक के सीईओ और सह-संस्थापक, स्वरूप मवनूर (Swaroop Mavnoor) ने कहा, "हम प्रसन्न हैं कि आरआईएल (RIL) ने इस निवेश के साथ हम पर भरोसा किया है। "सेंसहॉक के अध्यक्ष और सह-संस्थापक राहुल सांखे ने सीईओ स्वरूप मवनूर की बात का समर्थन करते हुए कहा कि "यह साझेदारी नए बाजारों के रास्ते खोलेगी। हम सौर ऊर्जा के ईको सिस्टम में सुधार करने के मिशन पर हैं, 2025 तक बाजार का 50% हिस्सा हासिल कर लेंगे।"
लेन-देन कुछ नियामक और अन्य प्रथागत समापन शर्तों के अधीन है और 2022 के अंत से पहले पूरा होने की उम्मीद है। कोविंगटन एंड बर्लिंग एलएलपी और खेतान एंड कंपनी ने कानूनी सलाहकार के रूप में काम किया है और डेलॉयट इस लेनदेन में आरआईएल के लेखा और कर सलाहकार हैं।