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Geetika Suicide Case: पूर्व मंत्री गोपाल कांडा को मिली बड़ी राहत, गीतिका शर्मा सुसाइड केस में अदालत ने किया बरी
Geetika Suicide Case: चर्चित एयर होस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड केस में अदालत का फैसला आज आ गया है। इस मामले में आरोपी बनाए गए हरियाणा के पूर्व राज्य मंत्री और विधायक गोपाल कांडा को राउज एवेन्यू कोर्ट ने बरी कर दिया है।
Geetika Suicide Case: चर्चित एयर होस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड केस में अदालत का फैसला आज आ गया है। इस मामले में आरोपी बनाए गए हरियाणा के पूर्व राज्य मंत्री और विधायक गोपाल कांडा को राउज एवेन्यू कोर्ट ने बरी कर दिया है। अदालत ने कांडा के साथ-साथ एक अन्य आरोपी अरूणा चड्ढ़ा को भी बरी कर दिया है। बता दें कि पूर्व मंत्री गोपाल कांड की एयरलाइन कंपनी में एयर होस्टेस रहीं गीतिका शर्मा ने 5 अगस्त 2012 को अशोक विहार स्थित अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
सुसाइड नोट के पहुंचाया था सलाखों के पीछे
पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल गोयल कांडा हरियाणा के प्रभावशाली और धनी राजनेताओं में शुमार रहे हैं। 2008 में उन्होंने एमडीएलआर एयरलाइंस नामक कंपनी शुरू की थी। 23 वर्षीय गीतिका शर्मा इस एयरलाइन कंपनी में बतौर एयर होस्टेस काम कर रही थीं। अगस्त 2012 में गीतिका ने अचानक सुसाइड कर लिया। उसके पास से जो सुसाइड नोट बरामद हुआ है, उसने बवाल कर दिया।
गीतिका ने अपने सुसाइड नोट में साफतौर पर अपनी मौत के पीछे पूर्व मंत्री गोपाल कांडा और कंपनी में सीनियर मैनेजर रहीं अरूणा चड्ढ़ा को जिम्मेदार ठहराया था। गीतिका ने दो पेज के सुसाइड नोट में लिखा था, आज मैं अपने आप को खत्म कर रही हूं। मेरे मौत के लिए दो लोग गोपाल कांडा और अरूणा चड्ढ़ा जिम्मेदार हैं। दोनों ने मेरे साथ धोखा किया और अपने फायदे के लिए मेरा इस्तेमाल किया। इन लोगों ने मेरे जीवन को बर्बाद कर दिया और अब ये लोग मेरे परिवार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। इन दोनों को इनकी गलती की सजा मिलनी चाहिए।
इस सुसाइड नोट ने भूचाल ला दिया था। एक राजनेता होने के कारण गोपाल कांडा पर हमले और तेज हो गए थे। कभी अपने ताकत और प्रभाव के लिए जाने जाने वाले कांडा अचानक विलेन बन गए और उन्हें सलाखों के पीछे जाना पड़ा। 18 महीने तक जेल में रहने के बाद मार्च 2014 में उन्हें जमानत मिली थी। गंभीर आरोपों से घिरे कांडा पर सवाल तब और खड़े हुए जब गीतिका की मां ने अपनी बेटी के सुसाइड के छह माह बाद ही आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने ने भी अपने मौत के पीछे गोपाल कांडा को जिम्मेदार ठहराया था।
बच गई कांडा की विधायकी
विवादित होने के बावजूद गोपाल गोयल कांडा के अपने क्षेत्र में राजनीतिक वर्चस्व कायम है। उनकी अपनी पार्टी है, जिसका नाम हरियाणा लोकहित पार्टी है। जिसके वे एकमात्र विधायक हैं। सिरसा से विधायक कांडा की विधायकी पर इस केस के कारण तलवार लटक रही थी। अगर कोर्ट ने उन्हें इस मामले में सजा सुनाती तो उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द होने के साथ-साथ राजनीतिक भविष्य पर भी ग्रहण लग सकता था। लेकिन वे अपने विधायकी बचाने में कामयाब रहे।
कारोबारी और राजनेता गोपाल कांडा कांग्रेस की भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में ताकतवर कैबिनेट मंत्री थे। उनके पास कई महकमों का जिम्मा था। इस मामले के बाद उनकी कांग्रेस से रूखसती हो गई और जिसके बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली। कांडा फिलहाल हरियाणा में चल रही बीजेपी-जेजेपी सरकार को अपना समर्थन दिए हुए हैं।