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Republic Day 2023: गणतंत्र दिवस पर जानिए देश के संविधान से संबंधित वो महत्वपूर्ण बिंदु जिनसे आप है अनभिज्ञ
Republic Day 2023: हर साल 26 जनवरी को रिपब्लिक डे सेलिब्रेट किया जाता है। इस बार देश अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। पंडित नेहरू ने रावी नदी के तट पर कांग्रेस के अधिवेशन में 26 जनवरी को पूर्ण स्वाधीनता की पहली बार घोषणा की थी।
Republic Day 2023: हर साल 26 जनवरी को रिपब्लिक डे सेलिब्रेट किया जाता है। इस बार देश अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। दिसंबर 1930 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रावी नदी के तट पर कांग्रेस के अधिवेशन में 26 जनवरी को पूर्ण स्वाधीनता की घोषणा की। इसी कारण इस दिन गणतंत्रता दिवस मनाने का महत्व और बढ़ जाता है। गण अर्थात जनता, और तंत्र मतलब होता है – शासन। गणतंत्र या लोकतंत्र का शाब्दिक अर्थ हुआ, जनता का शासन।
ऐसा देश या राज्य जहाँ जनता अपना प्रतिनिधि चुनती है। ऐसे राष्ट्र को लोकतांत्रिक गणराज्य की संज्ञा दी गयी है। ऐसी व्यवस्था हमारे देश में है। इसीलिए हमारा देश एक लोकतांत्रिक गणराज्य कहलाता है। गणतंत्र अर्थात ऐसा देश जहां सत्ताधारी सरकार को चुनने और हटाने का अधिकार आम जनता के पास होता है।
आइए जानते हैं इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य
संविधान सभा की प्रथम बैठक सोमवार 9 दिसंबर, 1946 को प्रातः 11 बजे शुरू हुई। इसमें 210 सदस्य उपस्थित थे। 11 दिसंबर य, 1946 को संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्रप्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया, जो अंत तक इस पद पर बने रहे।
13 दिसंबर, 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव सभा में प्रस्तुत किया, जो 22 जनवरी 1947 को पारित किया गया। इसकी मुख्य बातें इस प्रकार हैं-
1. भारत एक पूर्ण संप्रभुता संपन्न गणराज्य होगा, जो स्वयं अपना संविधान बनाएगा।
2. भारत संघ में ऐसे सभी क्षेत्र शामिल होंगे, जो इस समय ब्रिटिश भारत में हैं या देशी रियासतों में हैं या इन दोनों से बाहर, ऐसे क्षेत्र हैं, जो प्रभुतासंपन्न भारत संघ में शामिल होना चाहते हैं।
3. भारतीय संघ तथा उसकी इकाइयों में समस्त राजशक्ति का मूल स्रोत स्वयं जनता होगी।
3. भारतीय संघ तथा उसकी इकाइयों में समस्त राजशक्ति का मूल स्रोत स्वयं जनता होगी।
4. भारत के नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, पद, अवसर और कानूनों की समानता, विचार, भाषण, विश्वास, व्यवसाय, संघ निर्माण और कार्य की स्वतंत्रता, कानून तथा सार्वजनिक नैतिकता के अधीन प्राप्त होगी।
5. अल्पसंख्यक वर्ग, पिछड़ी जातियों और कबायली जातियों के हितों की रक्षा की समुचित व्यवस्था की जाएगी।
6. अवशिष्ट शक्तियां इकाइयों के पास रहेंगी।
7. 26 जनवरी 1950 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के बाद भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराकर भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक जन्म की घोषणा की थी। अंग्रेजों के शासनकाल से छुटकारा पाने के 894 दिन बाद हमारा देश स्वतंत्र राज्य बना। तब से आज तक हर वर्ष समूचे राष्ट्र में गणतंत्र दिवस गर्व और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
26 जनवरी यानी कि गणतंत्र दिवस, 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गाँधी जयंती) भारत के राष्ट्रीय पर्व हैं। ये तीनों ऐसे पर्व हैं जो किसी जाति या समुदाय विशेष के न होकर, हर देशवासी के लिए समान महत्व रखते हैं। हर भारतीय हर्ष और उल्लास के साथ इन राष्ट्रीय पर्वों को मनाता है।