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Republic Day 2023: इस बार स्वदेशी तोपों से दी गयी सलामी, पढ़ें ये पूरी खबर
Republic Day 2023: राष्ट्रपति को प्रतीकात्मक 21-तोपों की सलामी के लिए अभी तक सेना की ब्रिटिश-युग की 25-पाउंडर तोपें इस्तेमाल की जाती थीं लेकिन इस बार स्वदेशी 105 मिमी इंडियन फील्ड गन्स द्वारा सलामी दी गयी।
Republic Day 2023: गणतंत्र दिवस पर पारंपरिक रूप से राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रपति को प्रतीकात्मक 21-तोपों की सलामी के लिए अभी तक सेना की ब्रिटिश-युग की 25-पाउंडर तोपें इस्तेमाल की जाती थीं लेकिन इस बार स्वदेशी 105 मिमी इंडियन फील्ड गन्स द्वारा सलामी दी गयी। औपनिवेशिक काल के अवशेषों को खत्म करने और केवल स्वदेशी उपकरण और हथियार प्रणालियों को प्रदर्शित करने के प्रयासों की दिशा में यह एक और कदम है।
40 के दशक की डिज़ाइन
द्वितीय विश्व युद्ध के पुराने '25-पाउंडर्स' को 1940 के दशक में अंग्रेजों द्वारा डिजाइन और बनाया गया था। पाकिस्तान के साथ 1965 और 1971 के युद्धों में इन को इस्तेमाल किया गया था। इनको सेना द्वारा बहुमुखी और सटीक माना जाता था लेकिन 1990 के दशक की शुरुआत में इन्हें डिकमीशन कर दिया गया और तब से केवल औपचारिक उद्देश्यों के लिए यह उपयोग किए जाते थे।
इस साल काफ़ी कुछ नया
इस वर्ष सभी स्वदेशी उपकरणों को प्रदर्शित करने का प्रयास किया जा रहा है और इसी के तहत 105 मिमी इंडियन फील्ड गन से राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी प्रदान की जाएगी।105 मिमी फील्ड गन का गोला-बारूद भी भारत में बनाया जाता है।
कब दी जाती है सलामी
21 तोपों की सलामी तब शुरू होती है जब राष्ट्रपति के बॉडी गार्ड्स (पीबीजी) के कमांडेंट की तलवार राष्ट्रपति के लिए 'राष्ट्रीय सलामी' के नारे पर नीचे आती है और राष्ट्रगान बजने तक यह सलामी दी जाती है। कोई गोले दागे नहीं जाते हैं बल्कि विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए कारतूस-जिसे आमतौर पर ब्लैंक कहा जाता है, का उपयोग फायरिंग की आवाज बनाने के लिए किया जाता है।
90 मिनट की परेड
90 मिनट लंबी गणतंत्र दिवस परेड विजय चौक से लाल किले तक कर्तव्य पथ पर मार्च करती है। इस बार सेना का प्रतिनिधित्व 51 घोड़ों वाले 61 कैवलरी के घुड़सवार दल द्वारा किया जाएगा; तीन एमबीटी अर्जुन एमके I वाले नौ मेकेनिकल कॉलम; एक ब्रह्मोस मिसाइल; दो आकाश मिसाइल प्रणाली; 50-विमान वाले फ्लाईपास्ट के हिस्से के रूप में छह मार्चिंग दल, और आर्मी एविएशन के हेलीकॉप्टर परेड का हिस्सा होंगे। सेना के मुताबिक, इस साल की परेड में तीन परमवीर चक्र और इतने ही अशोक चक्र से सम्मानित व्यक्ति हिस्सा लेंगे। परेड में मिस्र की सेना विदेशी दल के रूप में शामिल होगी। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी परेड के विशेष अतिथि होंगे।