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तरह-तरह की कैटेगरी में दिया जा रहा है आरक्षण
३. लिंग के आधार पर : शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में महिलाओं को आरक्षण देने की व्यवस्था है। इसके अलावा ग्राम पंचायत और नगर निगम चुनाव में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण दिया गया है।
लखनऊ: सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरियों और उच्चशिक्षा में दस फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है। अब यह आरक्षण तमाम कैटेगरी में शामिल हो जाएगा जिनके तहत आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है।
जानते हैं कि क्या हैं आरक्षण के अलग-अलग वर्ग :
१. जातिगत आधार : इसके तहत अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और ओबीसी के लिए आरक्षण दिया जाता है।
२. धर्म आधारित : इस तरह का आरक्षण कुछ राज्यों में दिया जा रहा है। तमिलनाडु में मुसलमानों और ईसाइयों के लिए 3.5 फीसदी सीटें नियत हैं। आंध्र प्रदेश में मुसलमानों को 4 फीसदी आरक्षण देने की व्यवस्था है। केरल में मुसलमानों को 12 फीसदी आरक्षण सरकारी नौकरियों में है। धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों को अपने धर्म के लिए 50 फीसदी आरक्षण मिला हुआ है।
३. लिंग के आधार पर : शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में महिलाओं को आरक्षण देने की व्यवस्था है। इसके अलावा ग्राम पंचायत और नगर निगम चुनाव में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण दिया गया है।
४. मैनेजमेंट कोटा : इस तरह का आरक्षण शिक्षण संस्थानों में मिलता है। इसके तहत संस्थान के प्रबंधन को कुछ सीटें मिलती हैं।
५. स्वतंत्रता सेनानियों के बेटे/बेटियों/पोते/पोतियों के लिए
६. शारीरिक रूप से दिव्यांगों के लिए आरक्षण
७. खिलाडिय़ों के लिए आरक्षण
८. पूर्व सैनिकों के लिए
९. सैनिकों के बच्चों के लिए
१०. एनआरआई के लिए
११. अंतर-जातीय विवाह से पैदा बच्चों के लिए