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किराए पर आवासीय व वाणिज्यिक संपत्ति का करना होगा निंबधन विभाग से पंजीकरण

Manali Rastogi
Published on: 4 Sept 2018 11:53 AM IST
किराए पर आवासीय व वाणिज्यिक संपत्ति का करना होगा निंबधन विभाग से पंजीकरण
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नोएडा: जिन लोगों ने आवासीय या वाणिज्यिक, किसी भी प्रकार की संपत्ति ली है। उन्हें अपना किराया अनुबंध पंजीकृत करना होगा। रजिस्ट्री करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर है। पंजीकरण का कार्य किरायेदार पर है। जिला मजिस्ट्रेट बीएन सिह ने किरायेदारों को स्टैम्प ड्यूटी विभाग के साथ अपने समझौतों को पंजीकृत करने के लिए एक महीने का समय दिया है।

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उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि किराये पर रहने या आफिस चलाने वाले लोग कानून के अनुसार स्टाम्प ड्यूटी विभाग के साथ पंजीकृत हो जाएं। अन्यथा की स्थिति में नियमों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे संबंधित अधिकारियों कार्यवाही के लिए निर्देश दे दिए गए है।

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समझौते के अनुसार विभाग को कुल किराए पर 2 प्रतिशत राजस्व मिलता है। लेकिन किराए पर लेने वाले संपत्तियों पर अपने व्यवसाय को चलाने व रहने वाले बहुत से लोग पैसे बचाने के लिए पंजीकृत समझौते से बचते हैं। डीएम ने नियमों और विनियमों का पालन करने के लिए सभी किरायेदारों को एक महीने का समय दिया है।

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अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट केशव कुमार ने कहा यदि नियमों को सख्ती से लागू किया जाता है तो राजस्व उत्पादन बड़े पैमाने पर बढ़ सकता है। इसको लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए रेडियो, कल्याण संघों और व्यापार समुदायों के संपर्क किया जा रहा है। ताकि यह लोगों के बीच जाकर स्टांप पंजीकरण के लिए लोगों को जागरूक कर सके।

वर्तमान में लाखों लोग किराए पर

अधिकारी यह भी पता लगाने की कोशिश करेंगे कि कितने लोगों ने किराए पर फ्लैट या घर दिए हैं। सिह ने कहा हम विभिन्न स्रोतों और उपनिवेशों में किराए पर रहने वाले लोगों की पहचान के लिए हमारे स्रोतों का उपयोग करेंगे। ताकि यह पता चल सके कि कितने लोगों ने अभी तक स्टाम्प ड्यूटी विभाग के साथ अपने समझौते को पंजीकृत किया है या नहीं।

बताते चले शहर के सेक्टर-12,11,34,35,51,49,2०,19,29,37,71 में हजारों की संख्या में लोग किराए पर रहते है या व्यवसाय कर रहे है। लेकिन अब तक इन लोगों ने अपना पंजीकरण नहीं कराया। जिससे विभाग को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

11 महीनों का करते है समझौता

11 महीनों या उससे कम के किराए के समझौते वाले लोगों के लिए, रजिस्ट्री अनिवार्य नहीं है। हालांकि, समझौते में दस्तावेज को वैध बनाने के लिए किराए के 2 प्रतिशत के बराबर राशि में स्टांप शामिल होना चाहिए। ज्यादातर लोग स्टाम्प ड्यूटी शुल्कों से बचने के लिए 11 महीने के अपने समझौते करते हैं।

यहां रहने निवासियों के कल्याण समितियों ने इस कदम का स्वागत किया लेकिन कहा कि एक महीने की समय सीमा बहुत कम है। फोनरवा के अध्यक्ष एनपी सिंह ने कहा इस समय सीमा को कम से कम तीन महीने तक बढ़ाया जाए। दरसअल, यहा रहने वाले अधिकांश मालिक बाहर रहते है और उनके मकान में किराए दार रह रहे है। ऐसे में पंजीकरण में थोड़ा और समय मिलना बेहद जरूरी है।

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