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Kashmir: कश्मीर में ग्रामीणों को दी जाएंगी राइफलें

Kashmir: हाल ही में घाटी में सात नागरिकों की हत्या के बाद यह कदम उठाया जा रहा है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 13 Jan 2023 8:16 PM IST
Rifles will be given to Kashmiri villagers
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Rifles will be given to Kashmiri villagers (Social Media)

Kashmir: कश्मीर में लोगों को स्वयं अपनी सुरक्षा का नेटवर्क बनाने की फिर से इजाज़त दी जाएगी। हाल ही में घाटी में सात नागरिकों की हत्या के बाद यह कदम उठाया जा रहा है। कश्मीर के गांवों में हजारों लोगों को ऑटोमेटिक हथियारों से लैस करने की तैयारी की जा रही है। ग्रामीण सुरक्षा गार्ड का नेटवर्क पहले भी था लेकिन बीते कुछ सालों में निष्क्रिय हो गया था।

विलेज डिफेंस गार्ड

राज्य के अधिकारियों ने आम लोगों के एक सुरक्षा नेटवर्क को दोबारा खड़ा करने का फैसला किया है जिसके तहत लगभग 26 हजार ग्रामीणों में विलेज डिफेंस गार्ड्स (वीडीजी) को फिर से सक्रिय कर दिया गया है। योजना के तहत उन वीडीजी को दोबारा संगठित किया जा रहा है जो पहले से ही वहां थे। इलाके में कई वर्षों तक हालात सामान्य बने रहने के चलते ग्रामीण सुरक्षा नेटवर्क में ढिलाई आ गई थी। हाल के दिनों में हुए आतंकी हमलों के मद्देनजर उन्हें पुनर्गठित और प्रशिक्षित किया जा रहा है। 1 जनवरी को राजौरी में हुई घटना के बाद इस बात की चिंता है कि उग्रवादी कश्मीर घाटी के बाहर जम्मू इलाके में भी अपनी गतिविधियां बढ़ा सकते हैं।

उग्रवादियों के बमले

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में उग्रवादियों ने 1 जनवरी को हमला करके हिंदू समुदाय के 4 लोगों को मार दिया था और 7 घायल हो गए थे। गोलीबारी अलग-अलग तीन घरों पर की गई थी।

हिन्दू परिवारों पर निशाना

कश्मीर घाटी में पिछले साल हिंदू परिवारों पर लगातार हमले हुए हैं। दिसंबर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया था कि 2020 से 2022 के बीच उग्रवादी हमलों में तीन साल में नौ कश्मीरी पंडितों की मौत हुई थी। कई ऐसे कश्मीरी पंडित मारे गए थे जो प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत घाटी में काम कर रहे थे। बता दें कि कश्मीर से विस्थापित लोगों के लिए प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत 56 कश्मीरी पंडितों के परिवारों को घाटी में बसाया और काम दिया गया था। इन परिवारों की वापसी के लिए कश्मीर में 19 जगहों पर 6,000 फ्लैट बनाए गए हैं। बीते एक साल में हुए उग्रवादियों के हमले के बाद से ये कश्मीरी पंडित घाटी से बाहर कहीं और बसाए जाने की मांग कर रहे हैं।

ऑटोमैटिक रायफल

बताया जाता है कि वीडीजी को सामान्य राइफल की जगह ऑटोमेटिक राइफल दी जाएगी। वीडीजी सुरक्षाकर्मियों को स्थानीय प्रशासन से चार हजार रुपये मासिक का भत्ता भी मिलता है।

बहरहाल, पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने वीडीजी को फिर से सक्रीय करने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जिलों में स्थानीय लोगों के हाथों में हथियार देने का कदम सरकार के उस दावे को गलत साबित करता है कि इलाके में हालात सामान्य हैं।



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Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

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अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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