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Mamta Kulkarni: ममता कुलकर्णी और महामंडलेश्वर एक्शन पर ऋषि अजय दास का पहला बयान, लगाए ये बड़े आरोप
Mamta Kulkarni: ममता कुलकर्णी और महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को निष्काषित करने के बाद किन्नड़ अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने अपने बयान कई खुलासे किए है।
Rishi Ajay Das on Mamta Kulkarn: बॉलीवुड एक्ट्रेस रहीं ममता कुलकर्णी को हाल ही में महाकुंभ में किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनाया गया था। इसके बाद आज अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने उन पर और महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर एक्शन लिया और दोनों लोगों को अखाड़े से निष्काषित कर दिया। इसके बाद पहली बार उनका बयान आया है।
ऋषि अजय दास जिन्हें किन्नर अखाड़े का स्थापक बताया जाता है। उन्होंने ममता कुलकर्णी को अखाड़े से निकाल दिया। उन्होंने कुलकर्णी को अखाड़े में शामिल करने के लिए महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी अखाड़े से निकाल दिया।
अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा
ऋषि अजय दास कहते हैं, मैंने 13 अक्टूबर 2015 को अपने मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित आश्रम में किन्नर अखाड़े की स्थापना की थी। 2016 में उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ में मेरे नाम से भूमि आवंटित की गई थी। मैंने किन्नर अखाड़े की स्थापना की और उसका गठन किया। आचार्य महामंडलेश्वर अखाड़े का संचालन कर रहे थे। जिस धर्म और कर्म के लिए मैंने इसकी स्थापना की थी, वह अखाड़े की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा।
बिना संन्यास के सीधे महामंडलेश्वर
ऋषि दास ने कहा कि अभी तक यह ठीक था। लेकिन ममता कुलकर्णी जैसी व्यक्ति, जिनके खिलाफ राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप हैं, को अचानक यहां लाया गया और बिना संन्यास के सीधे महामंडलेश्वर बना दिया गया। यह ठीक नहीं है। इसलिए मैं उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहा हूं।
बिना नियम-कायदे दिया पद
किन्नर अखाड़े के संस्थापक ने कहा कि मनमाने तरीके से काम किया है और धर्म के अनुसार काम नहीं किया है। उन्होंने ऐसे व्यक्ति को महामंडलेश्वर बना दिया जो इसके योग्य ही नहीं था। उन्हें बिना किसी नियम-कायदे के पद दे दिया गया। इसलिए मैंने उनके निष्कासन की घोषणा की है।
पिंडदान किया और संन्यास की दीक्षा
बता दें कि ममता कुलकर्णी के मुताबिक, उन्होंने महाकुंभ में अपना पिंडदान किया और संन्यास की दीक्षा ली थी। किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी थी। बताया ये भी गया कि किन्नर अखाड़े के आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उन्हें दीक्षा दी है। पट्टाभिषेक के बाद ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की पद दी गई। साथ ही उनको नया नाम श्री यामाई ममता नंद गिरि दिया गया।