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RJD Open Session: नई दिल्ली में राजद का खुला अधिवेशन आज, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का दूसरा दिन

RJD Open Session: नई दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की पार्टी राजद के राष्ट्रीय परिषद की बैठक का दूसरा दिन है।

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Newstrack Network
Published on: 10 Oct 2022 7:06 PM IST
RLD National Executive meeting
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RLD National Executive meeting

RJD Open Session: नई दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद (Former Chief Minister Lalu Prasad) और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav) की पार्टी राजद के राष्ट्रीय परिषद की बैठक (RJD National Council meeting) का दूसरा दिन है। आज की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।

लालू प्रसाद यादव को फिर से बनाया गया राष्ट्रीय अध्यक्ष

आज लालू प्रसाद यादव को फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों का चुनाव होगा और नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष को प्रमाण पत्र दिया गया। इसके बाद नवनिर्वाचितअध्यक्ष की अध्यक्षता में खुला अधिवेशन हुआ। इसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा पेश प्रस्तावों पर चर्चा की गई। आने वाले समय में प्रदेश स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर आरजेडी किस तरह से काम करेगी और क्या रूपरेखा होगा इस पर भी निर्णय लिया गया।

जानिए किन-किन प्रमुख प्रस्तावों पर विस्तार से हुई चर्चा

  • जब तक आर्थिक रूप से वंचित जनता का राजनीतिक सशक्तीकरण जब तक नहीं होगा तब तक वे खुद को शोषण के चंगुल से मुक्त नहीं कर पाएंगे। दक्षिणपंथी राजनैतिक संगठन सशक्तिकरण की जगह ग़रीबों के बीच नफरत के बीज बो रहे हैं।
  • वंचितों और शोषितों के पिछड़ेपन को दूर करना, उनके उत्पीड़न और शोषण के खिलाफ लड़ना, समाज और सार्वजनिक जीवन में उनकी स्थिति में सुधार लाना हमारा लक्ष्य है।
  • राजद संविधान के प्रावधानों को और प्रबल बनाने एवं समाज के कमजोर वर्गों के सामाजिक-आर्थिक हितों की रक्षा करने के लिए हर कोशिश करेगा। हम बिहार में जातिगत जनगणना आगामी दिनों में शुरू करने जा रहे हैं और साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर भी इसे करवाने के लिए हम निरंतर संघर्षरत रहेंगे.
  • न्यायपालिका में आरक्षण सुनिश्चित करने के सन्दर्भ में राजद ने लगातार सदन और सड़क पर अपना पक्ष रखा है. आज़ादी के 75वें वर्ष में हम कॉलेजियम के बदले अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के माध्यम से संवैधानिक प्रावधानों को सुनिश्चित करने की लड़ाई लड़ते रहेंगे ताकि पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जाति और जनजाति का प्रतिनिधित्व फौरी तौर पर हासिल किया जा सके।
  • नोटबन्दी एनएसएसओ (नेशनल सैंपल सर्वे) और पीएलएफएस (पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे) के डेटा को देखें तो पाते हैं कि भारत में बेरोजगारी दर पिछले 45 वर्षों में सबसे ज्यादा देखने को मिली है।
  • रियल एस्टेट विनियमन विकास अधिनियम 2016। इसके कारण अन्य सेक्टरों पर भी प्रभाव पड़ा है। इसके कारण सीमेंट, लोहा,स्टील,शीशा, लकड़ी,फाइबर,प्लास्टिक एवम अन्य वस्तुओं की खपत में भारी गिरावट के कारण लोगों का रोजगार खत्म हो गया है। इस गिरावट से सबसे ज्यादा परेशानी लेबर क्लास और स्वरोजगार पर निर्भर रहने वाले लोगों का हुआ है।
  • जीएसटी एक क्रांतिकारी सुधार हो सकता है जो अपने उद्देश्यों से काफी दूर है क्योंकि इसके कार्यान्वयन और टैक्स स्लैब में नीतिगत खामियां हैं।इसके साथ साथ केंद्र सरकार और राज्य सरकार में भी अनेक मसलों पर मतभेद हैं जिससे जीएसटी अपने मूल लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल नहीं हो पाई है और आम जनता और व्यापारी परेशान हैं।
  • बीमा कम्पनियों को भी 74फीसदी बेचने का प्रावधान है, एलआईसी को भी बेचा जा रहा है । इसके कारण आम जनता का रोजगार प्रभावित हुआ है और उसकी गाढ़ी कमाई भी बर्बाद हुई है ।
  • बैंकों की बिक्री करने से प्राइवेट बैंक,वित्त मंत्रालय और आरबीआई से बच जाएंगे जिसका प्रभाव आम जनता पर होगा क्योंकि गड़बड़ी होने की संभावना बनी रहेगी और जनता की गाढ़ी कमाई का नुकसान होगा।
  • भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सिविल एविएशन बाजार है जहाँ 40 करोड़ मध्य वर्ग अगर एक एयर टिकट एक साल में बुक करें तो इस क्षेत्र में क्रांति आ जायेगी।जहां करोड़ों नौकरियों और बाजार का विस्तार होगा।पर सरकार इस क्षेत्र में नीतिगत बदलाव न करके इसे भी बेच रही है और इस क्षेत्र में भी रोजगार की स्थिति बद से बद्तर हुई है।


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Deepak Kumar

Deepak Kumar

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