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Road Safety Rules: अपनी सुरक्षा अपने हाथ, ओवरस्पीडिंग और नियमों की अनदेखी से जाती हैं जानें

Road Safety: रोड और वाहन सुरक्षा में वाहन चालकों और वाहन में बैठी सवारियों का सुरक्षा के प्रति नजरिया बहुत मायने रखता है। अब इस हादसे की बात करें तो पिछली सीट की सवारियों ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 5 Sept 2022 4:51 PM IST
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Overspeeding। (Social Meida) 

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Road Safety Rules: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Tata Sons former chairman Cyrus Mistry) की कार दुर्घटना में मृत्यु ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। ये सवाल हैं

  • कार के सेफ्टी फीचर्स का ऐन मौके पर कारगर साबित होना
  • कार में बैठी सवारियों का सेफ्टी के प्रति नजरिया
  • सड़क सुरक्षा नियमों के पालन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता

दुर्भाग्य से साइरस मिस्त्री (Tata Sons former chairman Cyrus Mistry) से जुड़े हादसे में इन तीनों बातों का कोई पालन नहीं हुआ है। जानकारी के लिए बता दें कि साइरस मिस्त्री (Tata Sons former chairman Cyrus Mistry) अपने तीन पारिवारिक मित्रों - जहांगीर पंडोले, अनाहिता पंडोले और डेरियस पंडोले के साथ गुजरात के उदवाड़ा से मुंबई जा रहे थे। कार में मिस्त्री पिछली सीट पर थे और उन्होंने अपनी सीट बेल्ट नहीं बांधी हुई थी। पिछली सीट पर बैठे जहांगीर पंडोले ने भी सीट बेल्ट नहीं बांधी थी।

कार के सेफ्टी फीचर्स

ये सभी लोग मर्सिडीज जीएलसी-एसयूवी में यात्रा कर रहे थे, जो एक उच्च श्रेणी की लक्जरी कार है जिसमें आगे और पीछे दोनों सीटों के लिए एयरबैग होते हैं। एक्सीडेंट होने पर पिछली सीट पर लगे कर्टेन एयरबैग नहीं खुल सके थे। मर्सिडीज जीएलसी भारत का सबसे ज्यादा बिकने वाला लग्जरी ब्रांड का मॉडल। यूरो एनसीएपी द्वारा इस कार को उच्चतम 5-स्टार सुरक्षा रेटिंग से सम्मानित किया गया है। नई कारों पर सुरक्षा रिपोर्ट विभिन्न प्रकार के क्रैश परीक्षणों में वाहनों के प्रदर्शन के आधार पर 'स्टार रेटिंग' प्रदान करती है। इस कार के सेफ्टी फीचर्स में सात एयर बैग शामिल हैं। भारत में ये कार करीब 2 करोड़ रुपए कीमत की है। तमाम सेफ्टी फीचर्स के बावजूद पीछे की सीट के एयरबैग न खुलना इस कार की सुरक्षा रेटिंग पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

ड्राइवर और सवारियों का दृष्टिकोण

रोड और वाहन सुरक्षा में वाहन चालकों और वाहन में बैठी सवारियों का सुरक्षा के प्रति नजरिया बहुत मायने रखता है। अब इस हादसे की बात करें तो पिछली सीट की सवारियों ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। ये कार एक हाई एंड लग्जरी कार है जबकि मध्यम श्रेणी की कारों में भी सीट बेल्ट न लगाने पर बीपिंग अलार्म बजता है। अलार्म पर ध्यान न देना और बेल्ट न बांधना घोर लापरवाही है।

2019 में इंश्योरेंस इंस्टीट्यूट फॉर हाईवे सेफ्टी (Insurance Institute for Highway Safety In 2019) द्वारा किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि पीछे की सीट पर यात्रा करने वाले यात्रियों को सीट बेल्ट और एयरबैग में असंतुलन के कारण गंभीर चोटों का अधिक खतरा होता है। अध्ययन में इस बात पर जोर दिया गया है कि पिछले कुछ वर्षों में आगे की सीट वाले यात्रियों के लिए सुरक्षा उपाय उन्नत हुए हैं, जबकि पिछली सीट की सुरक्षा अभी भी पिछड़ी हुई है। इसने 117 दुर्घटनाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया जिसमें पिछली सीट पर बैठे यात्री या तो मारे गए या गंभीर रूप से घायल हो गए।

नियमों के प्रति नज़रिया

भारत में सीट बेल्ट पहनने वाले लोग एक दुर्लभ दृश्य हैं। लोग अपनी सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि चालान से बचने के लिए सुरक्षा और यातायात नियमों का पालन करते हैं। बहरहाल, जहां तक सीट बेल्ट की बात है तो पिछली सीट के यात्रियों के लिए भी एक नियम है, लेकिन बहुत से लोग इसे जानते तक नहीं हैं। केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) के नियम 138 (3) में कहा गया है - जब गाड़ी गतिमान है तब चालक और आगे की सीट पर बैठे व्यक्ति या पीछे की सीटों पर बैठने वाले व्यक्तियों के लिए सीट बेल्ट पहनना होगा। ऐसा नहीं करने पर 1,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है।

जहां तक ड्राइवर की बात है तो ओवरस्पीडिंग के लिए उसी को जिम्मेदार माना जायेगा। इसके अलावा, मोड़ पर वाहन पर नियंत्रण खो देने के लिए भी ओवरस्पीडिंग जिम्मेदार है।



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Deepak Kumar

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