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अयोध्या केस पर SC का फैसला सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए: आरएसएस

दिल्ली में बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा नेताओं के बीच अहम बैठक हुई। बैठक में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मौजूद रहे।

Aditya Mishra
Published on: 30 Oct 2019 10:20 PM IST
अयोध्या केस पर SC का फैसला सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए: आरएसएस
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नई दिल्ली: दिल्ली में बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा नेताओं के बीच अहम बैठक हुई। बैठक में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मौजूद रहे।

इस बैठक में राम मंदिर पर अगले महीने आने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी चर्चा हुई। राजधानी के छतरपुर स्थित ध्यान साधना केंद्र में अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के पदाधिकारियों बैठक के पहले दिन इस फैसले के बाद की रणनीति पर गहन विचार विमर्श किया गया।

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बैठक के बाद संघ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सभी पक्षों से खुले मन से स्वीकार करने की अपील की है। बैठक में मोहन भागवत सहित संघ के सभी वरिष्ठ नेता के साथ ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संघ के अनुषांगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।

पहले दिन की बैठक के बाद संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि आगामी दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के वाद पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है।

निर्णय जो भी आए उसे सभी ने खुले मन से स्वीकार करना चाहिए। निर्णय के पश्चात देश भर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे। उन्होंने बताया कि पहले यह बैठक हरिद्वार में प्रस्तावित थी। बाद में इसे दिल्ली में करने का निर्णय लिया गया।

सूत्रों का कहना है कि शाह गुरूवार को भी इस बैठक में शिरकत कर सकते हैं।

मालूम हो कि मैराथन सुनवाई केबाद सुप्रीम कोर्ट नवंबर महीने में अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाने जा रहा है। हिंदू पक्ष को निर्णय अपने पक्ष में आने की उम्मीद है।

संघ सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में निर्णय के बाद राम मंदिर निर्माण सहित सभी पहलुओं पर गंभीर विचार विमर्श किया गया। शाह बुधवार को थोड़ी देर के लिए बैठक में आए थे, जबकि नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष दिन भर इस बैठक में उपस्थित रहे।

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आरएसएस ने प्रचारकों की बैठक टाली

17 नवंबर को चीफ जस्टिस के सेवानिवृत्त होने से पहले इस मामले में फैसला आने की उम्मीद है। यह बैठक आरएसएस प्रचारकों के सम्मेलन के तौर पर 30 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच हरिद्वार में प्रस्तावित थी। बाद में आरएसएस ने प्रचारकों की बैठक टाल दी और वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक का स्थान बदलकर दिल्ली कर दिया।

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