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गुजरे दौर की बात हो गई RSS की नेकर, मुख्यालय में बिकने लगी फुल पैंट
नागपुरः ढीली-ढाली खाकी नेकर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बीच गहरा नाता रहा है, लेकिन आधुनिक युग में आरएसएस ने इस नाते को तोड़ने का फैसला किया। नतीजा सबके सामने आ गया है। नागपुर में आरएसएस का नया गणवेश बिकने लगा है। इसमें काली टोपी, सफेद शर्ट तो जस की तस है, लेकिन पैंट अब हाफ की जगह फुल हो गई है। यानी पुराना गणवेश गुजरे दौर की बात हो गई है।
10 साल बहस के बाद बदला गणवेश
बता दें की आरएसएस के सदस्य पिछले करीब 90 साल से खाकी हाफ पैंट पहन रहे थे। बीते 10 साल से इसकी जगह फुल पैंट लाए जाने को लेकर संघ के कर्ताधर्ताओं के बीच चर्चा चल रही थी। इस साल की शुरुआत में संघ ने गणवेश बदलने का आखिरकार फैसला किया था। अब दशहरा यानी 11 अक्टूबर से आरएसएस के सदस्य हाफ पैंट में नहीं दिखेंगे। एकदम शुरू में आरएसएस के गणवेश में खाकी हाफ पैंट के साथ इसी रंग की शर्ट भी थी, लेकिन 1940 में खाकी शर्ट की जगह सफेद शर्ट पहनी जाने लगी।
अब कैसा होगा गणवेश?
आरएसएस का नया गणवेश कैसा हो, इसके लिए संघ के सदस्यों से 12 सदस्यीय दल ने विचार भी जाने थे। बहरहाल, अब आरएसएस के स्वयंसेवक कार्यक्रमों में सफेद शर्ट, काली टोपी, ब्राउन जुराब, काला जूता और खाकी फुलपैंट पहने नजर आएंगे। पहले पैंट का रंग ग्रे करने पर भी विचार किया गया, लेकिन आखिर में तय ये हुआ कि खाकी रंग की हाफ पैंट आरएसएस का प्रतीक रही है, तो उस रंग को ही बनाए रखा जाए। बता दें कि आरएसएस ने इससे पहले साल 2011 में चमड़े की बेल्ट की जगह मोटी कैनवास बेल्ट की शुरुआत की थी।