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अगवा कर आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या, दो महीने से मिल रही थीं धमकियां

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक आरटीआई कार्यकर्ता की अगवा कर हत्या कर दी गई है। आरटीआई कार्यकर्ता दिसंबर से लापता था जिसके अपहरण की शिकायत पाकबड़ा थाना में दर्ज कराई गई थी। शामली जिले कांधला थाना क्षेत्र के जंगलों से शव बरामद किया गया है।

Dharmendra kumar
Published on: 11 Jan 2019 12:07 PM IST
अगवा कर आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या, दो महीने से मिल रही थीं धमकियां
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मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक आरटीआई कार्यकर्ता की अगवा कर हत्या कर दी गई है। आरटीआई कार्यकर्ता दिसंबर से लापता था जिसके अपहरण की शिकायत पाकबड़ा थाना में दर्ज कराई गई थी। शामली जिले कांधला थाना क्षेत्र के जंगलों से शव बरामद किया गया है।

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27 दिसंबर से थे लापता

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के पाकबड़ा के आरटीआई कार्यकर्ता कासिम सैफी 27 दिसंबर को अचानक लापता हो गए थे। इसके बाद परिजनों ने थाने में उनके अपरहरण की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने विकास चौधरी नाम के आरोपी हिरासत में लेकर पूछताछ की। विकास की निशानदेही पर ही पुलिस को कासिम सैफी का शव कांधला थाना क्षेत्र से मिला। पुलिस ने कासिम के शव को एक गन्ने के खेत से अर्धनग्न अवस्था में बरामद किया है।

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परिजनों ने थाने में अपहरण की दर्ज कराई थी शिकायत

परिजनों के मुताबिक 27 दिसंबर को कासिम सैफी एक राजनीतिक व्यक्ति उनको घर से बुलाकर ले गया था। उस व्यक्ति के साथ जाने के बाद कासिम घर नहीं लौटे और लापता हो गए थे। पीड़िता ने परिवार ने शक के आधार केस दर्ज कराया था जिसके बाद पाकबड़ा पुलिस मामले की छानबीन कर रही थी। पुलिस ने आरोपी के निशानदेही पर शामिल जिले से एक गन्ने के खेत से अर्धनग्न अवस्था में शव को बरामद किया है। हत्या की जानकारी मिलने के बाद आरटीआई कार्यकर्ता कासिम घर में मातम छा गया।

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मिल रही थीं धमकियां

शामली के जिले एसपी अजय कुमार कहा कि मामला मुरादाबाद दर्ज है, तो वहीं से पूरी घटना की जांच होगी। आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या के बाद से दूसरे आरटीआई कार्यकर्ताओ में सरकार के खिलाफ रोष व्याप्त हो गया है। आरटीआई कार्यकर्ताओ के संरक्षक के रूप में काम कर रहे मुरादाबाद निवासी पवन अग्रवाल ने सीधे तौर पर जिले की पुलिस को कठघरे में खड़ा किया है। पवन के मुताबिक कासिम सैफी ने दो महीने पहले ही पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी, क्योंकि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं।



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Dharmendra kumar

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