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कैश की किल्लत से फिर जूझेगा देश, ATM में नकदी डालने का बदलने वाला है नियम

Shivakant Shukla
Published on: 19 Aug 2018 10:11 AM GMT
कैश की किल्लत से फिर जूझेगा देश, ATM में नकदी डालने का बदलने वाला है नियम
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नई दिल्ली: कैश को लेकर आम आदमी की मुसीबत एक बार फिर से बढ़ने वाली है। बताया जा रहा है कि आगामी वर्ष 2019 से शहरों के किसी भी एटीएम में रात नौ बजे के बाद नकदी नहीं डाली जाएगी। वहीं ग्रामीण इलाकों में स्थित एटीएम में शाम छह बजे तक ही नकदी डाली जा सकेगी। जिसके बाद से लोगों की परेशानी बढना तय है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि मानक परिचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) 8 फरवरी, 2019 से लागू होंगी।

गृह मंत्रालय की अधिसूचना में इन बातों का हैं उल्लेख

  1. नकदी ले जाने वाले वाहन के साथ दो हथियारबंद गार्ड होंगे।
  2. शहरी इलाकों में रात्रि नौ बजे के बाद न तो एटीएम में नकदी डाली जा सकेगी और न ही नोटों का परिवहन किया जा सकेगा।
  3. ग्रामीण इलाकों के लिए यह समयसीमा शाम छह बजे की है। वहीं नक्सली हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में एटीएम में नकदी डालने का काम शाम चार बजे तक ही किया जा सकेगा।
  4. नकदी परिवहन के लिए एजेंसियों को निजी सुरक्षा उपलब्ध करानी होगी। उन्हें इस कार्य के लिए आवश्यक संख्या में प्रशिक्षित कर्मचारियों की मदद लेनी होगी।
  5. प्रत्येक कैश वैन में एक ड्राइवर के अलावा दो सुरक्षा गार्ड, दो एटीएम अधिकारी रखना जरूरी होगा। एक हथियारबंद गार्ड को ड्राइवर के साथ आगे की सीट पर बैठना होगा, जबकि दूसरा गार्ड पिछली सीट पर बैठेगा।
  6. नकदी डालने या निकालने के दौरान चाय या भोजनावकाश के समय कम से कम एक हथियार बंद गार्ड को हमेशा नकदी वाली वैन के साथ रहना होगा।
  7. नकदी परिवहन के लिए पूर्व सैन्यकर्मियों की सुरक्षा गार्ड के रूप में नियुक्ति को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। प्रत्येक कैश वैन में टीपीएस निगरानी उपकरण होना चाहिए।
  8. यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई भी कैश वैन एक बार में पांच करोड़ रुपये से अधिक की नकदी लेकर नहीं चले।
  9. कोई भी निजी सुरक्षा एजेंसी नकदी परिवहन के लिए किसी भी व्यक्ति की नियुक्ति पूरी पुलिस जांच, आधार, आवास पते के सत्यापन, पुराने नियोक्ता से पूछताछ और उसकी पृष्ठभूमि की जानकारी लिए बिना नहीं कर सकती है।
  10. प्रत्येक कैश बॉक्स को अलग-अलग चेन के साथ बांधा गया होना चाहिए। इसके ताले की चाभी अलग-अलग संरक्षक या एटीएम अधिकारी के पास होनी चाहिए।
  11. एक सुरक्षा अलार्म भी होना चाहिए, जिसमें आटो डायलर तथा सायरन की सुविधा हो। हमले की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने के लिए कैश वैन में हूटर, आग बुझाने का यंत्र और इमरजेंसी लाइट होनी चाहिए।

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इन पर भी लग सकेगी लगाम

बता दें कि कैश वैन, कैश वॉल्ट और एटीएम धोखाधड़ी तथा अन्य आंतरिक धोखाधड़ी के मामले बढ़ने के मद्देनजर यह कदम उठाया जा रहा है। देश में निजी क्षेत्र की करीब 8,000 कैश वैन परिचालन कर रही हैं। इन कैश वैनों द्वारा रोजाना करीब 15,000 करोड़ रुपये की नकदी का परिवहन किया जाता है। कई बार निजी एजेंसियों पूरी रात नकदी अपने कैश वॉल्ट में रखती हैं।

ऐसे में कहा जा सकता है कि गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार पैसों की लूट पर तो लगाम लग सकेगी लेकिन ग्रामीण इलाकों में समय पर कैश पहुंचाने में दिक्कत हो सकती है। जिससे एक बार फिर लोगों को कैश की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।

Shivakant Shukla

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