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Qatar Death Penalty: कतर में मौत की सजा पाए 8 पूर्व नौसैनिकों के परिवारों से मिले जयशंकर, बोले – रिहाई के सभी प्रयास जारी
Qatar Death Penalty: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पर खुद इसकी जानकारी दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, आज सुबह कतर में हिरासत में लिए गए 8 भारतीयों के परिवारों से मुलाकात की।
Qatar Death Penalty: केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को दिल्ली में कतर में मौत की सजा पाए 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों के परिवारों से मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के दफ्तर में सभी परिवारों से वह मिले और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। करीब तीन घंटे तक चली इस मुलाकात में उन्होंने भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पर खुद इसकी जानकारी दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, आज सुबह कतर में हिरासत में लिए गए 8 भारतीयों के परिवारों से मुलाकात की। इस बात पर जोर दिया कि सरकार मामले को सर्वोच्च महत्व देती है। उन्होंने कहा कि हम उन परिवारों की चिंताओं और दर्द को पूरी तरह समझते हैं।
गुरूवार को सुनाई गई थी सजा
2022 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए गए 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को कतर की अदालत ने गुरुवार को फांसी की सजा सुनाई थी। इनपर क्या आरोप लगे हैं, कतर ने फिलहाल विस्तार से इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की है। आठों भारतीय पूर्व नौसैनिक वहां की अल दहरा कंपनी में काम करते थे। जिन रिटायर्ड नौसैनिकों को मौत की सजा दी गई है, उनमें से अधिकांश ऐसे हैं जिनकी उम्र 60 साल को पार कर गई है।
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इन आठों पूर्व नौसैनिकों के नाम हैं – कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टर बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदू तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और सेलर राकेश। कमांडर पूर्णेंदू तिवारी राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हैं। इन्हें 2019 में तत्तकालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया था। पूर्णेंदू तिवारी भारतीय नौसेना में कई बड़े जहाजों की कमान संभाल चुके हैं।
पूर्व भारतीय नौसैनिकों के सजा के ऐलान पर भारतीय विदेशी मंत्रालय ने निराशा जाहिर की थी। भारतीय अधिकारी कूटनीतिक स्तर पर मामले का हल तलाशने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
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