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साध्वी प्रज्ञा बोलीं- कांग्रेस ने रची मुझे खत्म करने की साजिश, भगवा आतंकवाद इन्हीं की देन
मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने गुरूवार (27 अप्रैल) को कहा कि कांग्रेस ने मुझे खत्म करने की साजिश रची। मैंने 9 साल का लंबा अन्याय झेला है।
नई दिल्ली: मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर 09 साल बाद गुरूवार (27 अप्रैल) को जेल से रिहा हुईं। जेल से छूटने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कांग्रेस ने मुझे खत्म करने की साजिश रची। मैंने 9 साल का लंबा अन्याय झेला है। साध्वी ने कहा कि मैं अभी अर्ध मुक्त हुई हूं। अपराधियों को कानूनी तौर पर सजा दिलवाऊंगी। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने मुंबई एटीएस पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे शारीरिक, मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। है। सभी आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि मैं शत प्रतिशत निर्दोष हूं।
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साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि भगवा आतंकवाद कहना गलत है क्योंकि भगवा आतंकवाद जैसी कोई चीज नहीं होती। आतंकवाद को भगवा से जोड़ना और भगवा आतंकवाद नाम देना यह कांग्रेस की ही देन है। भगवा आतंकवाद शब्द प्रयोग के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम का नाम लेते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि जो विधर्मी होते हैं उनके लिए तो भगवा बुरा ही है। यह तो निश्चित है कि भगवा आतंकवाद कांग्रेस का षडयंत्र था।
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साल 2008 मालेगांव विस्फोट केस में मंगलवार (26 अप्रैल) को बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को सशर्त जमानत दे दी है। वहीं दूसरे आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा को 5 लाख रुपए की जमानत राशि और इतनी ही रकम की दो गारंटी जमा कराने के लिए कहा है। इसके साथ ही उन्हें अपना पासपोर्ट भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को जमा करने के लिए कहा है। साध्वी को हर सुनवाई के दौरान उपस्थित होना होगा।
गौरतलब है कि 29 सितंबर 2008 में नाॅर्थ महाराष्ट्र के नासिक डिस्ट्रिक्ट में स्थित मुस्लिम बहुल शहर मालेगांव में हुए विस्फोट के कारण 7 लोग मारे गए और सैंकड़ो घायल हो गए थे। विस्फोट के लिए आरडीएक्स देने और साजिश करने के आरोप में पुरोहित को नवंबर 2008 में अरेस्ट कर लिया गया था। राज्य एटीएस ने इस मामले में 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मध्य प्रदेश के चंबल इलाके में स्थित भिंड जिले में पली बढ़ीं। वे राजावत राजपूत हैं। उनके पिता आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) के स्वयंसेवक और पेशे से आयुर्वेदिक डॉक्टर थे।
इतिहास में पोस्ट ग्रैजुएट प्रज्ञा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सक्रिय सदस्य थीं और विश्व हिन्दू परिषद की महिला विंग दुर्गा वाहिनी से जुड़ी थीं।