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दिल्ली का सफदरजंग अस्पताल ही नहीं सुनता मोदी सरकार की, तो बाकी से क्या उम्मीद

Rishi
Published on: 25 Sep 2017 4:13 PM GMT
दिल्ली का सफदरजंग अस्पताल ही नहीं सुनता मोदी सरकार की, तो बाकी से क्या उम्मीद
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नई दिल्ली : सफदरजंग अस्पताल ने बिना लिखित परीक्षा कराए सौ से ज्यादा सीनियर रेजीडेंट को केवल साक्षात्कार के आधार पर नियुक्त कर स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेशों की धज्जियां उड़ा दी है। मंत्रालय ने आठ सितम्बर को अस्पताल प्रबंधन को पत्र लिखकर सभी नए वरिष्ठ चिकित्सकों की भर्ती लिखित परीक्षा से करने को कहा था।

सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ए. के. राय को लिखे पत्र में कहा गया है, "इन पदों के लिए साक्षात्कार में भारी संख्या में उम्मीदवारों के उपस्थित होने की आशंका है। जिसके मद्देनजर अस्पताल को सीनियर रेजीडेंट की भर्ती के लिए लिखित प्रक्रिया का तरीका अपनाना चाहिए।"

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पत्र की प्रति के मुताबिक, "मंत्रालय के आदेशों को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने भी मंजूरी दे दी थी।"

द फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि मंत्रालय से आदेश समय पर मिलने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने उसको दरकिनार करते हुए 11 सितम्बर को सीनियर रेजीडेंट के सभी पद साक्षात्कार से भर लिए।

राय का कहना है कि अस्पताल ने लिखित परीक्षा का आदेश मिलने के बाद आयोजन की सभी तैयारी पूरी कर ली थी, लेकिन इस स्तर पर ऐसी परीक्षा कराना काफी मुश्किल था।

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राय ने बताया कि हमें नौ सितम्बर को पत्र मिला, जिसपर आठ सितम्बर की तारीख लिखी हुई थी। जिसमें केवल साक्षात्कार से भर्ती करने का आदेश था। रेसीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के विरोध को देखते हुए मैंने मंत्रालय से बात की और उन्होंने मुझे अनुमति दे दी।

इससे पहले राय ने कहा था कि फेडरेशन हमारे पास भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के सबूत लेकर आया था।

फेडरेशन ने बताया कि उन्हें ऐसा लग रहा था कि साक्षात्कार के बाद लिखित परीक्षा होगी, लेकिन प्रबंधन ने सीधे साक्षात्कार कराएं और लिखित परीक्षा के अनिवार्य कराने के नियमों को तोड़ दिया।

एसोसिएशन ने कहा कि भर्ती 100 से अधिक रिक्त सीटों के लिए की गई थी, जिसमें से केवल 14 ही हड्डी के विभाग के लिए थी।

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उन्होंने यह भी कहा कि सफदरजंग प्रंबधन पर सीनियर रेजीडेंट की भर्ती के लिए मंत्रालय द्वारा निर्धारित 40 वर्ष की आयु सीमा का उल्लंघन करने का आरोप है, जिसे अस्पताल ने 33 साल कर दिया था।

फेडरेशन के अध्यक्ष विवेक चौकसी ने कहा, "हम चाहते हैं कि सरकार इस मामले की जांच करे। सीनियर रेजीडेंट और सहायक प्रोफेसरों की भर्ती में एक बड़ा भ्रष्टाचार चल रहा है।"

फेडरेशन पूरे देश के सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों का प्रतिनिधित्व करता है। उसने इस मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा से भी संपर्क किया है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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