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सेना के लिए सुरक्षा जैकेट: जानिए कैसे करेंगे पत्थरबाजों को नाकाम
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं को देखते हुए गृह मंत्रालय ने जवानों को पूरे शरीर का सुरक्षा जैकेट देने का फैसला किया है। एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार जवानों को ऐसा सूट दिया जाएगा जिस पर न तो पत्थर और न ही पेट्रोल बम जैसे हथियारों से नुकसान होगा। इस खास सूट से जवानों की छाती, कंधा, घुटना सहित अन्य हिस्से सुरक्षित रहेंगे।
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पैरामिलिट्री के जवानों के लिए गृह मंत्रालय ने जिस सूट की मंजूरी दी है वह माइनस 20 डिग्री से लेकर 55 डिग्री तक के तापमान में काम करेगा। इस पर किरोसीन, पेट्रोल, डीजल जैसे केमिकल का असर नहीं होगा।
इसलिए सुरक्षा जैकेट की जरूरत महसूस हुई
अखबार ने एक अधिकारी के हवाले से कहा है कि खासकर पत्थरबाजी की घटनाओं की वजह से ऐसे सुरक्षा जैकेट की जरूरत महसूस हुई। सिर्फ इस साल 16 जून तक पत्थरबाजी की 600 घटनाएं जम्मू कश्मीर में दर्ज की गईं जबकि 2016 में 2808, 2017 में 1198 बार सुरक्षाबलों के ऊपर पथराव किए गए।
नया जैकेट स्मॉल, मीडियम और लार्ज, तीनों साइज में आएगा और इसका वजन करीब 6 किलो होगा। ज्यादातर पत्थरबाजी की घटनाओं में सीआरपीएफ के जवानों के चेहरे, पैर और गर्दन पर चोटें आती हैं और कई बार इलाज के लिए सर्जरी की भी जरूरत होती है।
उधर, 28 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा को देखते हुए घाटी में सीआरपीएफ और बीएसएफ के और जवानों को भेजा जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, 40 हजार जवान रूट की सुरक्षा के लिए तैनात होंगे। अमरनाथ यात्रा के लिए इस साल 3 लाख भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है।