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1984 सिख विरोधी दंगे: कांग्रेस नेता सज्जन कुमार दोषी करार, उम्रकैद की सजा
राजनगर पालम इलाके में एक नवंबर 1984 को पांच सिखों की हत्या से जुड़े मामले में कोर्ट के निर्णय के खिलाफ 7 अपीलों पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी पाया है। सज्जन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सज्जन कुमार को 31 दिसंबर को सरेंडर करना है।
नई दिल्ली : राजनगर पालम इलाके में एक नवंबर 1984 को पांच सिखों की हत्या से जुड़े मामले में कोर्ट के निर्णय के खिलाफ 7 अपीलों पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी पाया है। सज्जन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सज्जन कुमार को 31 दिसंबर को सरेंडर करना है।
आपको बता दें, जांच एजेंसी सीबीआई ने इस मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को बरी किए जाने के निर्णय को चुनौती दी थी। इसके साथ ही पीड़ित जगदीश कौर ने भी सज्जन कुमार की रिहाई को चुनौती दी थी।
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आपको बता दें, न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर, न्यायमूर्ति विनोद गोयल ने दलीलें सुनने के बाद 29 अक्तूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके पहले एक निचली अदालत ने 30 अप्रैल 2013 को सज्जन कुमार को मामले से बरी कर दिया था और बलवान खोखर, कैप्टन भागमल व गिरधारी को आजीवन जेल की सजा सुनाई थी। महेंद्र यादव, किशन खोखर को तीन-तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद दोषियों ने मई 2013 में फैसले को चुनौती दी।
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पूर्व की एनडीए सरकार ने दंगों की जांच के लिए नानावटी जांच आयोग बनाया था। इस आयोग ने दिल्ली छावनी व पुल बंगश इलाकों में हुई हत्याओं की जांच दोबारा करने की सिफारिश की। जांच सीबीआई को सौंपी गई। सीबीआई ने जांच के बाद इन मामलों में 2010 में कड़कड़डूमा कोर्ट में दो आरोप पत्र दाखिल किए थे।