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सैम पित्रोदा ने फिर छेड़ दिया नया विवाद, बोले-पूर्व में रहने वाले लोग चीन जैसे और साउथ इंडिया में रहने वाले अफ्रीकन
Sam Pitroda Controversy: पित्रोदा ने कहा भारत में पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं।
Sam Pitroda Controversy: अपने बयानों से अक्सर चर्चा में रहने वाले इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने लोकसभा चुनाव के बीच में ही एक और बयान देकर राजनीति को गरमा दिया है। अब विपक्षी इसको लेकर कांग्रेस पर हमलावर हो रहे हैं। पित्रोदा ने हाल ही में विरासत टैक्स का मुद्दा छेड़ कर भाजपा को बैठे बैठाए एक मुद्दा दे दिया था। अब उन्होंने एक और विवादित बयान दिया है। पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह भारत के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले लोगों की विवादित रूप से तुलना करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में सुना जा सकता है कि पित्रोदा कहते हैं कि भारत एक अत्यंत विविधता भरा देश है, जहां पूर्वी भारत में रहने वाले लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम में रहने वाले अरब जैसे, उत्तर भारत में रहने वाले श्वेतों की तरह और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों की तरह दिखते हैं। लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता। हम सभी भाई-बहनें हैं। उन्होंने कहा कि हम अलग-अलग भाषाओं, धर्मों और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं। ये वही भारत है, जिस पर मेरा भरोसा है, जहां हर किसी का सम्मान है और हर कोई थोड़ा-बहुत समझौता करता है।
बता दें कि हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बयान में कहा था कि अगर लोकसभा चुनाव बाद उनकी सरकार सत्ता में आई तो एक सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है। उनके इस बयान के बारे में जब सैम पित्रोदा से पूछा गया तो उन्होंने अमेरिका में लगने वाले विरासत टैक्स का जिक्र किया था।
अमेरिका में विरासत टैक्स
पित्रोदा ने कहा था कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। अगर किसी व्यक्ति के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है। उसके मरने के बाद 45 फीसदी संपत्ति उसके बच्चों को ट्रांसफर हो जाती है जबकि 55 फीसदी संपत्ति पर सरकार का मालिकाना हक हो जाता है। उन्होंने कहा था कि ये बहुत ही रोचक कानून है। इसके तहत प्रावधान है कि आपने अपने जीवन में खूब संपत्ति बनाई है और आपके जाने के बाद आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए। पूरी संपत्ति नहीं बल्कि आधी, जो मुझे सही लगता है। लेकिन भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है। यहां अगर किसी के पास 10 अरब रुपये की संपत्ति है। उसके मरने के बाद उनके बच्चों को सारी की सारी संपत्ति मिल जाती है, जनता के लिए कुछ नहीं बचता। मुझे लगता है कि इस तरह के मुद्दों पर लोगों को चर्चा करनी चाहिए। मुझे नहीं पता कि इस चर्चा का निचोड़ क्या निकलेगा। हम नई नीतियों और नए प्रोग्राम की बात कर रहे हैं, जो लोगों के हित में हो ना कि सिर्फ अमीरों के हित में। बता दें कि पित्रोदा के इस बयान पर जमकर विवाद खड़ा हुआ था।