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SP National Meeting: कोलकाता में सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज से,मिशन 2024 में पार्टी की रणनीति पर फैसला

SP National Executive Meeting: कोलकाता में सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पहले भी पांच बार हो चुकी है। अब 11 साल बाद सपा कोलकाता में अपनी भावी रणनीति तय करेगी।

Anshuman Tiwari
Published on: 18 March 2023 3:09 PM IST (Updated on: 18 March 2023 4:07 PM IST)
SP National Meeting: कोलकाता में सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज से,मिशन 2024 में पार्टी की रणनीति पर फैसला
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अखिलेश यादव (फोटो: सोशल मीडिया )

SP National Executive Meeting: समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के महत्वपूर्ण बैठक आज से कोलकाता में शुरू हो रही है। इस बैठक के दौरान मिशन 2024 के लिए सपा की रणनीति तय करने के साथ ही विपक्षी एकता में सपा की भूमिका पर भी फैसला होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसलिए सियासी नजरिए से सपा की यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। इस बैठक के दौरान पेश किए जाने वाले राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव के जरिए सपा अपना रुख साफ करेगी। कोलकाता में सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पहले भी पांच बार हो चुकी है। अब 11 साल बाद सपा कोलकाता में अपनी भावी रणनीति तय करेगी।

बैठक में हिस्सा लेने के लिए सपा मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव और कई अन्य प्रमुख नेता शुक्रवार को ही कोलकाता पहुंच गए थे। शुक्रवार को अखिलेश यादव ने शिवपाल सिंह यादव,पार्टी के वरिष्ठ नेता अवधेश प्रसाद,किरणमय नंदा और अन्य नेताओं के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश और ममता की मुलाकात के दौरान देश के सियासी हालात और आगे की रणनीति पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई है।

2024 के चुनाव में यूपी की महत्वपूर्ण भूमिका

दिल्ली की सत्ता का फैसला करने में उत्तर प्रदेश हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की देश में सबसे ज्यादा 80 सीटें हैं। इसलिए मिशन 2024 में उत्तर प्रदेश की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उत्तर प्रदेश में सपा खुद को भाजपा के मजबूत विकल्प के रूप में पेश करती रही है। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को सपा-रालोद गठबंधन की ओर से मजबूत चुनौती मिली थी।

यही कारण है कि भाजपा के खिलाफ बनने वाले मोर्चे में सपा की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान लोकसभा चुनाव के साथ ही कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा किए जाने की संभावना है। सपा कुछ राज्यों में अपने प्रत्याशी उतारने का मन बना रही है। गुजरात के पिछले विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने एक सीट पर जीत हासिल की थी। अब पार्टी उत्तर प्रदेश के बाद कुछ अन्य राज्यों में भी अपना दमखम दिखाना चाहती है।

कांग्रेस के प्रति सपा का रुख होगा साफ

समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान कांग्रेस के प्रति सपा का रुख भी स्पष्ट होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश में सपा मुखिया अखिलेश यादव छोटे दलों के साथ गठबंधन करने पर जोर देते रहे हैं। उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था मगर इसका पार्टी को कोई फायदा नहीं मिल सका था। इस कारण सपा मुखिया अखिलेश यादव का कांग्रेस से मोहभंग हो चुका है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी वे छोटे दलों के साथ गठबंधन करते हुए चुनाव मैदान में उतरे थे।

हाल के दिनों में उनकी विपक्ष के कई ऐसे नेताओं से भी मुलाकात हुई है जिनके कांग्रेस के साथ तल्खी वाले रिश्ते रहे हैं। इन नेताओं में केसीआर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल हैं। पिछले दिनों अखिलेश यादव ने केसीआर की ओर से तेलंगाना में आयोजित रैली और चेन्नई में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के जन्मदिन के सिलसिले में आयोजित कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया था। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान गैर भाजपाई और गैर कांग्रेसी मोर्चे पर भी चर्चा हो सकती है।

अमेठी से भी प्रत्याशी उतारने के मूड में सपा

वैसे सपा मुखिया अखिलेश यादव के रुख से साफ हो गया है कि वे लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और बसपा के साथ कोई गठबंधन नहीं करेंगे। हाल में अपनी अमेठी यात्रा के बाद किए गए ट्वीट में उन्होंने गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाले अमेठी क्षेत्र से भी इस बार सपा का उम्मीदवार उतारने के संकेत दिए हैं।

हालांकि इससे पहले सपा अमेठी में गांधी परिवार के खिलाफ प्रत्याशी उतारने से परहेज करती रही है। अपने ट्वीट में अखिलेश यादव ने कहा था कि यहां पर महिलाओं की दुर्दशा देखकर मन बहुत दुखी हुआ। यहां से हमेशा वीआईपी जीते और हारे हैं। फिर भी यहां ऐसा हाल है तो बाकी प्रदेश के बारे में क्या कहा जाए।

ममता-अखिलेश की मुलाकात में महत्वपूर्ण चर्चा

सपा कार्यकारिणी की बैठक शुरू होने से पहले शुक्रवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। ममता बनर्जी को विपक्ष का बड़ा चेहरा माना जाता रहा है। उत्तर प्रदेश में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान ममता ने सपा को समर्थन देने की घोषणा की थी। अखिलेश यादव की तरह ममता भी गैर कांग्रेसी मोर्चा बनाए जाने की पक्षधर हैं। टीएमसी ने क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन करके मोर्चा बनाने की वकालत की है। ममता और अखिलेश की मुलाकात के दौरान सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव, किरणमय नंदा और पार्टी के वरिष्ठ नेता अवधेश प्रसाद भी मौजूद थे। जानकारों का कहना है कि दोनों नेताओं की इस महत्वपूर्ण मुलाकात के दौरान मिशन 2024 की रणनीति पर भी चर्चा हुई है। सियासी जानकारों का मानना है कि ममता से हुई चर्चा का असर भी सपा के रुख में दिख सकता है।



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Anshuman Tiwari

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