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Samvidhan Pe Charcha: ए राजा के 'बैड एलिमेंट्स' बयान पर NDA सांसदों का जबर्दस्त विरोध, हिंदू राष्ट्र के दावे ने लोकसभा में मचाई हलचल
Samvidhan Pe Charcha: लोकसभा में संविधान पर चल रही चर्चा के दूसरे दिन डीएमके सांसद ए राजा के एक विवादास्पद बयान ने सियासी बवाल खड़ा कर दिया। ए राजा ने सत्ता पक्ष के नेताओं को 'बैड एलिमेंट्स' कहकर बीजेपी में नाराजगी पैदा कर दी।
Samvidhan Pe Charcha: लोकसभा में संविधान पर चल रही चर्चा के दूसरे दिन डीएमके सांसद ए राजा के एक विवादास्पद बयान ने सियासी बवाल खड़ा कर दिया। ए राजा ने सत्ता पक्ष के नेताओं को 'बैड एलिमेंट्स' कहकर बीजेपी में नाराजगी पैदा कर दी। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस पर तीखी आपत्ति जताते हुए माफी की मांग की। हंगामा तब और बढ़ा जब ए राजा ने कहा कि बीजेपी आरएसएस को अपना पूर्वज मानती है, और पूछा कि संविधान में आरएसएस का क्या योगदान है।
इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने ए राजा के खिलाफ विरोध जताया, और साथ ही, ए राजा के हिंदू राष्ट्र के दावे को लेकर भी विवाद हुआ। डीएमके सांसद ने कहा कि बीजेपी संविधान में बदलाव करके भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करेगी। केंद्रीय मंत्री जोशी ने ए राजा से इस दावे का सबूत मांगा और कहा कि उनकी पार्टी के उपाध्यक्ष ने चुनावों से पहले यही बयान दिया था।
NDA सांसदों ने ए. राजा से माफी की मांग की
डीएमके सांसद ए राजा के विवादित बयान ने संसद में एक नए हंगामे को जन्म दिया। ए. राजा ने दावा किया कि "दो-राष्ट्र सिद्धांत की शुरुआत" मुहम्मद अली जिन्ना से नहीं, बल्कि वीर सावरकर से हुई थी। इस पर एनडीए सांसदों ने विरोध जताया और ए. राजा से इस बयान को वापस लेने की मांग की। हंगामे को बढ़ते देख, ए राजा ने खुद ही अपनी टिप्पणी को संसद की कार्यवाही से हटाने का अनुरोध किया। लोकसभा की कार्यवाही का संचालन कर रहे पीठासीन जगदंबिका पाल ने ए राजा के बयान को संसद की कार्यवाही से हटा दिया।
राजा ने भाजपा पर भी आरोप लगाए, कहकर कि एक भाजपा नेता ने लोकसभा चुनाव से पहले संविधान को बदलने और भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की बात कही थी। इससे एनडीए सांसदों का गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने ए राजा से अपने दावे का समर्थन करने के लिए ठोस सबूत पेश करने की मांग की। ए राजा ने इस बीच सवाल उठाया कि कैसे सत्ता पक्ष के नेता बाबासाहेब आंबेडकर और सावरकर को एक साथ रखा जा सकता है, जबकि उनके दृष्टिकोण में काफी अंतर है।
केंद्र सरकार पर ए राजा के आरोप
शनिवार को ए राजा ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला, आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के समय देश में आपातकाल लगाया गया था, जिसने लोकतंत्र को क्षति पहुंचाई, लेकिन वर्तमान सरकार ने तो संविधान की मूल संरचना के सभी तत्वों पर हमला कर दिया है। उनका कहना था कि सत्ता पक्ष कांग्रेस पर संविधान में संशोधन करने का आरोप लगाता है, लेकिन कांग्रेस के समय संविधान के मूल ढांचे से छेड़छाड़ नहीं की गई थी। ए राजा ने 1973 के केशवानंद भारती मामले का हवाला देते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने उस समय संविधान के मूल ढांचे के सिद्धांत को स्थापित किया था, जिसमें लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, कानून का शासन, समानता, संघीय ढांचा और स्वतंत्र न्यायपालिका शामिल हैं।
राजा ने यह भी कहा कि "आप इन छह तत्वों को छू नहीं सकते।" उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "आपके शासन में यह सभी छह तत्व- लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, कानून का शासन, समानता, संघीय ढांचा और स्वतंत्र न्यायपालिका- खत्म हो गए हैं।"