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मोदी चच्चा ! सुनिए तो सही- करेगा टोटके इंडिया, तो आगे बढ़ेगा इंडिया
मोदी चच्चा फ्री में दे रहे हैं, हम आपको एक राय! आप न अब 'टोटकों' को भी 'स्किल इंडिया' में शामिल कर इसे रोजगार के एक संगठित क्षेत्र का दर्जा दे दीजिए। वो ना आज उचित जानकारी, प्रोत्साहन और लगातार बड़े-बूढों के स्वर्ग पलायन (हम हिन्दुस्तानी यही समझते हैं की बंदा स्वर्ग ही गया होगा) से यह अहम 'विधा' अपनी चमक खोती जा रही हैं। ऐसे में समय की मांग है की इसे सरकार 'प्रश्रय' दे। क्यों ! हम सही कह रहे है ना। सही है की नहीं। विचार जरुर करिएगा।
चच्चा आपको शायद पता नहीं कि टोटकों के जरिए से हम हिन्दुस्तानी कई ऐसी समस्यायें हल कर लेते हैं, जो आज भी चिकित्सा विज्ञान और जानकार लोगों के लिए टेंशन बनी हुई हैं। जैसे मनचाही प्रेमिका, सौतन से छुटकारा, पुराने मुकदमों में जीत, गढ़ा हुआ धन, असाध्य बीमारियों से छुटकारा, नौकरी लगना और संतान-सुख प्राप्त होना। अरे हां! वो वाली परेशानी भी ठीक हो जाती है।
अब आप ही देखिए ना! इन दिनों तो कस्बों में भी डॉक्टर साहेब सर्दी-ज़ुकाम ठीक करने के लिए दो सौ रूपये फीस लेकर, दो सौ रूपये की दवाई लिख देते हैं। तब सोचिए कि फर्स्ट क्लास टोटके में लगता ही क्या है। एक नींबू, पांच लौंग, एक चुटकी सिंदूर, दो अगरबत्ती, एक नारियल, ग्यारह रूपये चढ़ावा, एक सरसों के तेल का दिया और एक तिराहा। मतलब सिर्फ पचास रूपए के अंदर ही हम एक नामी-गिरामी टोटका परफॉर्म कर सकते हैं।
इस महंगाई के समय में जब सरकारें भी कंगाली का रोना रो रही हैं, तब सरकार को भी चाहिए कि वह सरकार की बला हरने के लिए एक टोटका मंत्रालय की स्थापना करे। टोने-टोटके के माहिर अब्बन कब्बाब और शब्बन को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी जाए, देश भर के रेल लाइन के अगल बगल और बस स्टेशन पर इनका नाम पता सब मिल जाएगा। इस मंत्रालय का काम रहेगा, देश भर के लोगों को टोटकों के प्रति जागरूक बनाना। टोटकों से जुड़े मिथकों को दूर करना। और राष्ट्रहित में टोटकों को वायरल करवाना। चच्चा मोदी आप भी ना लाल किले से ऐलान करना करेगा टोटके इंडिया, तो आगे बढ़ेगा इंडिया।
मोदी जी अब देख लीजिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने एक तांत्रिक और ज्योतिषि शंकर चरण त्रिपाठी को अपनी पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना लिया है। लालू ने मीडिया वालों के सामने त्रिपाठी का परिचय कराते हुए कहा था कि वो तंत्रमंत्र के बहुत बड़े जानकार हैं, और अब उसी से नीतीश का इलाज करेंगे।
पिछले विधानसभा चुनाव में इन साहेब ने लालू से कहा था कि रंगीन कुर्ता पहनों कृपा मिलेगी। लालू ने किया भी देखिए सत्ता पर काबिज भी हो गए थे। तो ऐसे में हमारी ये राय मान लेने में कोई बुराई भी नहीं है।
नोटिस पढ़ लीजिए :
आजकल नाईट शिफ्ट में लगा दिए गए हैं। नींद आती नहीं। काम भी करना है। वर्ना सर जी को क्या मुहं दिखाएंगे। तो गुर्दों की गहराईयों से सोचने के बाद लिख मारे हैं। वो क्या है ना ! लालू ने तांत्रिक को नेता बना लिया तो हम भी ज्ञान दे दिए हैं। आपने पढ़ लिया मेहनत सफल हो गई।