बने होंगे राहुल अध्यक्ष ! तुमको मिलेगा बाबा जी का ठुल्लू, जैसे तुमने हमें दिया  

Rishi
Published on: 16 Dec 2017 11:38 AM GMT
बने होंगे राहुल अध्यक्ष ! तुमको मिलेगा बाबा जी का ठुल्लू, जैसे तुमने हमें दिया  
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आशीष शर्मा 'ऋषि' आशीष शर्मा 'ऋषि'

बहुत दिनों बाद छुट्टी मिली थी। सोचा रजाई में दुबक कर कॉफ़ी के साथ इंसाफ करते हुए टीवी के मजे लें। आखिर किस दिन रात के लिए दीवार पर टांगने वाला टीवी लिए हैं। पत्नी जी से मनुहार कर किसी तरह रिमोट हथिया लिए। चैनल पलटने आरंभ किये तो पहले तो सिरे से सास बहु टाइप सीरियल से मुलाकात हो गई। आगे बढे तो मुंबई की किरण बेदी, सूर्यवंशंम, मगाधिरा, शिवा द बॉस के साथ हम साथ साथ हैं से निपटना पड़ा। इतने में पत्नी जी गर्मा गर्म पालक पकौड़े बना के हाजिर हो गई। खा पीके निपटे। सोचा कि चलो न्यूज़ चैनल देख लेते हैं, वहीँ कुछ नया मिलेगा देखने को। यहां तो गुर्दे भी जवाब दे चुके हैं खुजाते खुजाते।

इधर तो और भी बुरा हाल, राहुल के बचपने से जवानी तक की कहानी घुट्टी बना रेले दे रहे

रिमोट के बटनों के साथ खिलवाड़ करते हुए जैसे ही हम न्यूज़ चैनलों की बस्ती में प्रवेशित हुए। पहले नजर पड़ी इंदिरा गांधी और सोनिया पर। सोनिया की गोद में एक बच्चे को लाल घेरे में कैद कर एंकर ये बताने की पूरी कोशिश कर रही थी कि यही है राहुल गांधी, जो आज कांग्रेस अध्यक्ष बने हैं। चीख पुकार ऐसी थी कि समझ में नहीं आया की बता रही हैं या डरा रही हैं। एक बार को ऐसा लगा कि कलेजा मुहं को आने वाला है। घबरा कर अपने आप नेक्स्ट बटन दब गया। वहां भी राहुल कथा चल रही थी।

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इधर भी घुइयाँ का ही खेत मिला। स्व नाम धन्य एंकर साहेब बता रहे थे कि कांग्रेस नेता राहुल के सबसे युवा पार्टी अध्यक्ष होने के फर्जी दावे कर रहे हैं। जबकि सबसे युवा कांग्रेस अध्यक्ष तो मौलाना अब्दुल कलाम आजाद थे। जिन्होंने 35 साल की उम्र में ही गद्दी पकड़ ली थी।

इससे आगे बढे तो एक चैनल पर मछली बाजार सजी थी। एक दो नहीं पूरे आठ ज्ञानदत्त लगे पड़े थे, राहुल की पढाई को लेकर। कोई बोल रहा था बीच में कई बार छोड़ी। तो किसी का दावा था छोड़ी तो लेकिन पकड़ भी तो ली थी। अब तक सर भारी होने लगा था। सोचा एक और चैनल देख लेते हैं शायद कुछ और खबर मिल जाए।

मत कर पगली रुलाएगी क्या- जैसे ही अगले पर धावा बोला यहाँ तो हद ही किए हुए थे। बैक ग्राउंड में गाना बज रहा था ए मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी और परदे पर राहुल अपनी माता श्री को चूमते नजर आ रहे थे। ये देख कर ससुरा दिमाग भिन्नाट हो गया। समझ में नहीं आया की एंकर हमसे क्यों आखों में पानी भरवा रही है। सिर पकड लिए हम।

कसम से बता रहे हैं इसके बाद एक बार फिर पत्नी जी को आवाज दिए। बेगम को लगा की फिर से कोई हमरा फरमाईशी गीत आरंभ होने वाला है। तो उन्होंने पहले ही जवाब दे दिया, सुबह से तुम्हारे बच्चों के कारण दौड़ते दौड़ते थक के चूर हो चुकी हूं, जो लेना है अपने पैरों से चल के ले लो। मरते क्या न करते दराज से दो डिस्प्रिन निकाल पानी के साथ गटक गए और रजाई तान ली।

अब सुनो तुम ! फ्री की सलाह दे रहे हैं। पहले विराट और अनुष्का की शादी, फेरे, हनीमून और सुहागरात के नाम पर तुमने खून पिया। और अब राहुल के नाम पर दही मथ रहे हो। अमा इतना तो उनके घर वाले परेशान नहीं हैं। तुम काहे भेजा फ्राई करने में लगे हो। ज़माने में और भी गम हैं। हमें नहीं सुननी तुम्हारी राहुल गाथा। एक दो बार हो गया ठीक है। अब तुम खाए जा रहे हो। चरण चापन के लिए उनके घर जाओ यहां मत पकाओ। वैसे भी केबल वाले 5 सौ रुपए लेने लगे हैं। जब वो पैसे लेने आता है तो हमें कसाई जैसा लगता है। जो हमारे 5 सौ को हलाल करने वाला है और हमें घंटा भी नहीं मिलने वाला।

तो ! मालिक हाथ जोड़ के निवेदन है की इस देश में आम आदमी के जीवन में वैसे ही बहुत परेशानी हैं। सहालक का सीजन है। ससुराल में साली की शादी है। और जेब में पैसे नहीं हैं। सोचा टीवी देख के कुछ हल्के हो लें। लेकिन तुमने दवा के 5 रुपए और खर्च करा दिए। तो आगे से ध्यान रखने वाली बात ये है कि कोई अध्यक्ष बने दूल्हा बने हमारे ठेंगे से। नहीं चाहिए इतना ज्ञान। हमें कोई मतलब नहीं कि विराट जब फेरे ले रहे थे तो उन्होंने अनुष्का को देखा या नहीं, राहुल मम्मी को थैंक्स कहा या नहीं। सुकून चाहिए हमें जो तुम लेने नहीं देते।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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