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Saudi Aramco: सऊदी तेल कम्पनी के अधिकारी को चमोली की जेल में बिताने पड़े 7 दिन
Saudi Aramco: तेल की दिग्गज कंपनी "सऊदी अरामको" के एक वरिष्ठ कार्यकारी 62 वर्षीय मैकलियोड को भारत में छुट्टियां बिताने के दौरान हवालात की हवा खानी पड़ी थी।
New Delhi: तेल की दिग्गज कंपनी "सऊदी अरामको" (Saudi Aramco) के एक वरिष्ठ कार्यकारी को भारत में छुट्टियां बिताने के दौरान हवालात की हवा खानी पड़ी थी। इस अधिकारी के पास अनुमति के बिना एक सैटेलाइट फोन (satellite phone) रखने पर पकड़ा गया था। बाद में उसे एक हजार रुपये जुर्माना देने पर रिहा कर दिया गया। सऊदी अरामको कंपनी में निवेशक संबंधों के प्रमुख फर्गस मैकलियोड ने यूके के फाइनेंशियल टाइम्स को बताया कि उन्हें 12 जुलाई को वैली ऑफ फ्लावर्स नेशनल पार्क में उनके होटल में गिरफ्तार किया गया था। 62 वर्षीय मैकलियोड (oil company Officer McLeod) को 18 जुलाई तक चमोली शहर की जेल में रखा गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने सैटेलाइट फोन के कोआर्डिनेट्स लेने के बाद मैकलियोड को हिरासत में लिया। मैकलियोड का कहना है कि उसने अपने होटल में सैटेलाइट फोन को सिर्फ चालू और बंद किया था, लेकिन इसका कभी इस्तेमाल नहीं किया। दरअसल चमोली जिले का एक हिस्सा चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थित है। इसलिए ये बेहद संवेदनशील क्षेत्र है।
सैटेलाइट फोन के साथ पकड़ा गया था
चमोली एसपी श्वेता चौबे ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उस व्यक्ति को चमोली पुलिस (Chamoli Police) द्वारा एक सैटेलाइट फोन ले जाने के बाद पकड़ा गया था। भारत में बिना पूर्व स्वीकृति के विदेशी नागरिकों द्वारा सैटेलाइट फोन रखना या उपयोग करना अवैध, अनधिकृत है। उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि भारत में पूर्व अनुमति के बिना सैटेलाइट फोन ले जाना कानूनी नहीं है और वह इसे अपने साथ ले गए। इसीलिए उसे हिरासत में लिया गया था।
इस प्रक्रिया में कुछ भी गलत नहीं था। चमोली के गोविंद घाट पुलिस थाने के थानाध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि 11 जुलाई को उन्हें सूचना मिली थी कि सीमा के नजदीक एक विदेशी नागरिक सेटेलाइट फोन ले जा रहा है।हमने एक पुलिसकर्मी को यह पुष्टि करने के लिए भेजा कि वह आदमी एक सैटेलाइट फोन ले रहा था। इसकी पुष्टि हुई। वह फूलों की घाटी की यात्रा कर रहे थे और वहां से उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
गिरफ्तारी के बाद उसे जिला जेल भेज दिया गया
उन्हें भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम (Indian Telegraph Act) और भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद उसे जिला जेल भेज दिया गया जहां जमानत मिलने से पहले वह 18 जुलाई तक रहा। 27 जुलाई को एक हजार रुपये का जुर्माना भरने के बाद मामला खत्म हो गया। नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग के एक प्रवक्ता ने कहा, "हमने भारत में एक ब्रिटिश व्यक्ति को कांसुलर सहायता प्रदान की।"