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CIVIL SERVICES: संगम नगरी की बेटी ने हासिल की चौथी रैंक, मिल चुके हैं कई सम्मान

सौम्या ने यह कामयाबी पहली ही कोशिश में हासिल की है। लड़कियों में वह मेरिट में दूसरे नंबर पर हैं। बीटेक में गोल्ड मेडलिस्ट सौम्या महिलाओं को जागरूक करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करना चाहती हैं।

zafar
Published on: 1 Jun 2017 12:56 AM GMT
CIVIL SERVICES: संगम नगरी की बेटी ने हासिल की चौथी रैंक, मिल चुके हैं कई सम्मान
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इलाहाबाद: कभी सिविल सर्विसेज का शहर कहे जाने वाले इलाहाबाद की एक बेटी ने उसका गौरव फिर से स्थापित किया है। सिविल सर्विसेज की परीक्षा में इलाहाबाद की सौम्या पांडे ने चौथा स्थान प्राप्त किया है। हालांकि, लड़कियों की रैंकिंग में वह दूसरे स्थान पर हैं। इस वर्ष कर्नाटक की केआर नंदिनी ने टॉप किया है। सौम्या समाज की उन्नति के लिए महिलाओं की जागरूकता को जरूरी मानती हैं।

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मां-पिता को श्रेय

कभी इलाहाबाद विश्वविद्यालय को आईएएस-पीसीएस की खान माना जाता था। धीरे धीरे उसका यह गौरव धुंधलाने लगा। लेकिन बुधवार को इस शहर की एक बेटी ने सिविल सर्विसेज की रैंकिंग में चौथा स्थान हासिल करके शहर का गौरव फिर स्थापित कर दिया।

सौम्या ने यह कामयाबी पहली ही कोशिश में हासिल की है। लड़कियों में वह मेरिट में दूसरे नंबर पर हैं। बीटेक में गोल्ड मेडलिस्ट सौम्या महिलाओं को जागरूक करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करना चाहती हैं। उनका कहना है कि समाज सेवा की खातिर ही उन्होंने टेक्नोक्रेट बनने के बजाय सिविल सर्विसेज में जाने का फैसला किया था। सौम्या अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपनी मां और अपने पिता को देती हैं, जिन्होंने हर कदम पर न सिर्फ उनका साथ दिया, बल्कि हर मौके पर उनका हौसला बढ़ाया। सौम्या इन दिनों एमटेक कर रही हैं।

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बहमुखी प्रतिभा

सौम्या परिवार की इकलौती संतान हैं। उनका कहना है कि उनके माता-पिता ने कभी उन्हें लड़की होने का अहसास नहीं कराया। वह बेटे और बेटी के रूप में ही पली-बढ़ीं। परिवार ने हमेशा कुछ भी करने के लिए प्रेरित किया।

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बचपन से ही होनहार सौम्या राष्ट्रपति से बाल श्री पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं। बहुमुखी प्रतिभा की धनी सौम्या कथक नृत्य में भी कई पुरस्कार हासिल कर चुकी हैं। वह कहती हैं, कि आजकल आईएएस में सफलता के लिए साइंस विषय सफलता का मापदंड बन गया है, लेकिन उन्होंने बीटेक होने के बावजूद भूगोल विषय चुना। सौम्या के माता-पिता अपनी बेटी की कामयाबी पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि बेटी ने इस शहर का नाम रौशन किया है, और कामना है कि वह देश का नाम भी रोशन करे।

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