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SBI-PNB सहित कई बैंकों ने की ब्याज दरों में कटौती, होम लोन 6 साल में सबसे सस्ता
नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के शीर्ष बैंकों ने कर्ज की ब्याज दरों में कटौती की है। इनमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआइ) शामिल हैं। इन बैंकों ने अपनी बैंक लेडिंग दरों को 0.9 फीसद तक घटाया है। होम लोन की ब्याज दरें छह साल के सबसे निचले स्तर पर आ गई हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी अपने संबोधन में शनिवार को बैंकों से गरीबों और निम्न मध्यम वर्ग को लोन में प्राथमिकता देने की अपील की थी। इसके एक दिन बाद ही बैंकों ने ये फैसला किया है।
0.9 प्रतिशत तक की कटौती
सार्वजानिक क्षेत्र देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने एक साल की अवधि की फंडों की मार्जिनल कॉस्ट आधारित लोन दर (एमसीएलआर) को 8.90 से घटाकर आठ फीसद कर दिया है। दो साल की एमसीएलआर को कम कर 8.10 फीसदी किया गया है। जबकि तीन साल की अवधि के लिए एमसीएलआर 9.05 फीसदी से घटाकर 8.15 फीसदी की गई है। पंजाब नेशनल बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने भी अपनी-अपनी ब्याज दरों में कटौती की है। इन्होंने इसमें 0.9 प्रतिशत तक की कटौती की है। तीनों ही बैंकों की नई दरें रविवार से प्रभावी हैं।
सस्ती दरों पर मिलेगा लोन
एमसीएलआर में कटौती का मतलब है कि नए ग्राहकों को सस्ती दरों पर लोन मिलेगा। होम लोन एक साल की एमसीएलआर से जुड़ा हुआ है इसलिए रेट 12 महीनों के लिए लॉक हो जाती हैं। जिन लोगों ने पहले ही लोन ले रखा है उन्हें एक साल की अवधि पूरा होने के बाद ही फायदा मिलेगा। जिन लोगों ने भी अप्रैल 2016 से पहले लोन लिया है उन्हें पहले ही दरों पर ही ब्याज देना होगा। नई दरों का फायदा लेने के लिए उन्हें बैंक को फीस देनी होगी जिसके बाद उनका कॉन्ट्रेक्ट नया हो जाएगा। एसबीआई ने टीजर रेट लोन को फिर से शुरू किया है। इसके तहत पहले दो साल तक 8.5 प्रतिशत की दर पर ब्याज लगेगा लेकिन बाद में रेट फ्लोटिंग होगी। पांच साल पहले यह व्यवस्था हटा दी गई थी।
पीएम ने बैंकों से किया था आह्वान
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 31 दिसंबर की शाम अपने संबोधन में बैंकों से गरीबों और मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान देने को कहा था। पीएम ने कहा था 'बैंकों की स्वायत्तता का सम्मान करते हुए मैं उनसे कहूंगा कि वे परंपरागत प्राथमिकताओं से आगे बढ़ते हुए गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग पर ध्यान दें।'
'जनहित में लें उचित फैसले'
पीएम मोदी ने यह भी कहा था कि 'भारत पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मना रहा है। बैंकों को इस अवसर को अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। उन्हें जनहित में तत्काल उचित फैसले करने चाहिए।'