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भगोड़े माल्या पर SBI मेहरबान, किंगफिशर का 1200 करोड़ का कर्ज बट्टे खाते में डाला

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Published on: 16 Nov 2016 7:02 PM GMT
भगोड़े माल्या पर SBI मेहरबान, किंगफिशर का 1200 करोड़ का कर्ज बट्टे खाते में डाला
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नई दिल्लीः 9000 करोड़ का कर्ज चुकता किए बगैर फरार हुए उद्योगपति विजय माल्या पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) मेहरबान नजर आ रही है। बैंक ने माल्या के किंगफिशर को दिए कर्ज में से 1201 करोड़ रुपए राइट ऑफ यानी बट्टे खाते में डाल दिए हैं। बैंक ने ऐसा करके मान लिया है कि अब वह कर्ज की ये रकम वसूल नहीं सकेगा। हालांकि, इस पर सियासत गरमाने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि माल्या को छूट नहीं मिली है।

क्या है माल्या का मामला?

विजय माल्या पर 17 बैंकों के कंसोर्टियम के 9000 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज बकाया है। माल्या इसे चुकाए बगैर इस साल दो मार्च को देश छोड़कर ब्रिटेन चले गए थे। इसके बाद ईडी ने उन्हें कोर्ट से भगोड़ा तक घोषित कराया है। डीएनए नाम के अखबार के मुताबिक एसबीआई ने कुल 7016 करोड़ की रकम बट्टे खाते में डाली है। ये रकम टॉप-100 में से 63 विलफुल लोन डिफॉल्टरों पर बकाया कुल राशि के 80 फीसदी के करीब है।

एसबीआई ने क्या किया?

63 डिफॉल्टरों का पूरा कर्ज डूबा हुआ मान लिया गया है। 31 कर्जदारों का लोन कुछ हद तक छोड़ा गया है। छह बकाएदारों का कर्ज नॉन परफॉर्मिंग असेट यानी एनपीए घोषित किया गया है। बता दें कि 30 जून तक एसबीआई 48 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बट्टे खाते में डाल चुका है। माल्या के अलावा केएस ऑयल के 596 करोड़, सूर्या फार्मास्यूटिकल के 526 करोड़, जीईटी पावर के 400 करोड़ और साईं इन्फोसिस्टम के 376 करोड़ भी नहीं वसूले जाएंगे।

जेटली ने क्या कहा?

बुधवार को ये मामला राज्यसभा में उठा। सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कर्ज बट्टे खाते में डालने को लेकर सरकार पर उंगली उठाई। इस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि माल्या के कर्ज को माफ नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि राइट ऑफ का मतलब कर्ज को एनपीए करार देना होता है। उन्होंने ये भी कहा कि इसका मतलब ये नहीं है कि बैंक इनकी वसूली के लिए कोई कदम नहीं उठाएगा।

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